Taposh Kumar Ghosh Tag: मुक्तक 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Taposh Kumar Ghosh 6 Jul 2021 · 1 min read अहं के अंधकार मेँ अहं के अंधकार मेँ मैं ही राजा, मैं ही प्रजा मैं ही ईश, मैं ही जीव मैं ही अग्नि, मैं ही जल मैं ही प्रकाश, मैं ही अंधकार मैं आकर,... Hindi · मुक्तक 393 Share Taposh Kumar Ghosh 24 Apr 2020 · 1 min read बस आज कुछ पढ़ते पढ़ते बस आज कुछ पढ़ते पढ़ते.. व्यंग छंद ? ??? शाबाश, लिख लिख के थक गये ?? अब दिखा दिखा के, इन को अमर बना दीजिये l लगे रहें ये धर्म... Hindi · मुक्तक 1 488 Share Taposh Kumar Ghosh 15 Dec 2019 · 1 min read तुम्हारे साथ हर क्षण शिशिर के कोहरे मेँ, दोनों हाथ फैलाने से, कोहरे के शीतल स्पर्श से, यदि पुलकित होता हो मन, तो सोच लेना, मैं हूं, मैं हूं.. तुम्हारे साथ हर क्षण ?? Hindi · मुक्तक 1 4 339 Share Taposh Kumar Ghosh 15 Dec 2019 · 1 min read तुम्हारे साथ हर पल शिशिर के कोहरे मेँ, दोनों हाथ फैलाने से, कोहरे के शीतल स्पर्श से, यदि पुलकित होता हो मन, तो सोच लेना, मैं हूं, मैं हूं.. तुम्हारे साथ हर क्षण ?? Hindi · मुक्तक 447 Share Taposh Kumar Ghosh 26 Apr 2018 · 1 min read मेरे जवान जवाँ दोस्त रत्नादीप सक्सेना से नोंक झोक मेरे जवान दोस्त की य़ादो के झरोखों में , मेरे बिते हुये दिनो कि य़ादें .....???? पुरानी किताब के पन्नों के बीच गुलाब क्या दिखा . ? दिल गुलकंद हो... Hindi · मुक्तक 269 Share