Surya Barman Tag: हिन्दी-लेखन 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Surya Barman 11 Apr 2024 · 2 min read आया बसन्त आनन्द भरा सारे प्राणी के मन को , मथने लगा अनंग । आया बसन्त आनन्द भरा , मन में बहुत तरंग ।। पंच सर गहे निज हाथों में , शोषण-स्तंभन नाम ।... Hindi · आया-बसन्त-आनन्द-भरा · कविता · हिन्दी-लेखन 22 Share Surya Barman 6 Apr 2024 · 1 min read भावात्मक तुम मुझे अपने हर दर्द का हमदर्द बना लो दिल में नहीं तो ख्यालों में ही बैठा लो । सपनों में नहीं तो अपने इन आंखों में सजा लो ,... Hindi · कविता · भावात्मक · हिन्दी-लेखन 26 Share Surya Barman 12 Jan 2024 · 1 min read व्यस्तता तुम जैसा नहीं कोई दूजा है। पर,मेरे लिए कर्म ही पूजा है। चाहता हूं मैं तुम्हारे पास आऊं। व्यस्तता से तुम तक न आ पाऊं।। व्यस्तता में न तुमको ढ़ूंढ... Hindi · कविता · व्यस्तता · हिन्दी-लेखन 97 Share Surya Barman 17 Dec 2023 · 1 min read मन के भाव मन के भाव ललित हो जाएं एक छंद बनती है कविता । किसी भाव के शूल गड़े तो नवल बंध गढ़ती है कविता ।। भावो का अतिरेक उमड़ता पन्नो पर... Hindi · कविता · मन-के-भाव · हिन्दी-लेखन 1 127 Share Surya Barman 10 Dec 2023 · 2 min read धनवान -: माँ और मिट्टी माँ और इस मिट्टी का कर्ज हम पर सदा उधार रहेगा । माँ और मिट्टी सदा महान रहेंगी ये संसार जब तक रहेगा ।। ये मिट्टी अपने सीने पर अन्न... Hindi · धनवान · माँ-और-मिट्टी · लेखन · हिन्दी-लेखन 161 Share Surya Barman 14 Jul 2023 · 1 min read ऐसे कैसे चला जाऊं मैं हर सुबह अखबार में पढ़ते हुए मौत की अनगिनत खबरें डर-सा लगा रहता है इन दिनों घर की खिड़की से देखता हूं जब गली से गुजरते लोगों को तो मन... Hindi · कविता · हिन्दी-लेखन 117 Share Surya Barman 3 Jul 2023 · 1 min read '' फितरत '' यार की दर्दे सितम हैं के जो थमने का नाम नहीं लेती जख्मों को सीया बहुत, ख़ुशी का जाम नहीं,, किसको सुनाऊ मैं हाल ऐ दिल, कोई मेरा महबूब नहीं जी रही... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · फितरत · हिन्दी कविता · हिन्दी-लेखन 5 101 Share Surya Barman 3 Jul 2023 · 3 min read अच्छाई बनाम बुराई :- [ अच्छाई का फल ] एक औरत अपने परिवार के सदस्यों के लिए रोज़ाना भोजन पकाती थी और एक रोटी वह वहाँ से गुजरने वाले किसी भी भूखे के लिए पकाती थी । वह उस... Hindi · अच्छाई-और-बुराई · अच्छाई-का-फल · अच्छाई-नाम-बुराई · कर्म-का-फल · हिन्दी-लेखन 198 Share