sunita saini Tag: कविता 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sunita saini 5 May 2020 · 1 min read कविता ""यादें"" यादें मिठाई के डिब्बे की तरह होती है... एक बार खुला तो एक टुकड़ा तक, नहीं खा पाओगे... आज फिर से यादों के पन्नों में खो गयी, वापस लौटी... Hindi · कविता 6 2 512 Share sunita saini 5 May 2020 · 1 min read कविता मैं रोज सज धजकर, फोन लेकर बैठ जाती हूं.. और इंतजार करती हूं, तुम्हारे Message का, आजकल के जमाने में, डाकिये नहीं होते, वरना देहरी पर बैठी हुईं मिलती, उस... Hindi · कविता 5 536 Share sunita saini 28 Jun 2018 · 1 min read ""कडि़या"" टूटी-फूटी कडि़या जोड़ लिया करती हूँ... गुत्थी हो रिश्तों में तो खोल लिया करती हूँ... अपनी ना सही अपनों की कदर कर लिया करती हूँ.. फूलों की इस बगिया को... Hindi · कविता 2 1 493 Share sunita saini 8 Mar 2018 · 1 min read "" "" "नारी" "" नारी तू नारी हैं... तू सबसे न्यारी सबकी प्यारी हैं... नारी तू नारी हैं... माँ बनकर हमको संसार से मिलवाया... बहन बनकर प्यार करना सिखाया.... पत्नी बनकर सम्मान करना सिखाया...... Hindi · कविता 1 712 Share sunita saini 22 Feb 2018 · 1 min read "" डर हैं मजाक बन जाने का"" हंसने में बेवकूफ़ समझे जाने का डर हैं।। रोने में जज्बाती समझे जाने का डर है।। लोगों से मिलने में नाते जुड जाने का डर है।। अपनी भावनाएँ प्रकट करने... Hindi · कविता 1 653 Share sunita saini 11 Nov 2017 · 1 min read "शायरी" "माँ" तेरी यादों में मैं खोयी रहूं।। तेरी यादों में मैं सोयी रहूं।।। जब तू आये करीब मेरे, तो मैं तेरे लिए जगती रहूं।।।। तेरी यादों का सिलसिला, जैसे पानी... Hindi · कविता 1 992 Share sunita saini 10 Nov 2017 · 1 min read "शायरी" "मां" "प्रणाम" जाने तू कब आती हैं...? जाने तू कब चली जाती हैं...? तेरे आने की आहट में, मेरी आँखें भी खुली रह जाती हैं.. तू इतनी जल्दी से क्यों... Hindi · कविता 1 358 Share sunita saini 22 Oct 2017 · 1 min read ग़ज़ल "माँ" न जाने आज गांव से पनघट कहाँ गए..? सर से उतर कर लाज के घूघट कहाँ गए..? हर इक लिहाज शर्म को खूंटी पे टाग कर, सच बात कहने... Hindi · कविता 2 1 313 Share sunita saini 14 Jun 2017 · 1 min read "बरसो रे मेघा " कहां लुप्त हो गई है अब, बहती सरिता की अविरल धारा || नदी किनारे रहने वाले जीवों का, दुविधा में हो गया जीवन सारा || वन स्मृतियाँ कुम्हला गई है,... Hindi · कविता 1 414 Share sunita saini 11 Jun 2017 · 1 min read आहट आती हूँ रात के अंधेरे में इतना आहिस्ता - आहिस्ता कि मेरे पैरों की आहट से तुम्हारी नींद ना खुल जाए | फिर कैसे सुन लेती हो तुम मेरे आहट... Hindi · कविता 1 446 Share sunita saini 9 Jun 2017 · 1 min read "वजूद" भक्तों के बिना भगवान का वजूद क्या..........? माँ के बिना बच्चों का वजूद क्या......? माँ के बिना बेटी का वजूद क्या......? पिता के बिना पुत्र का वजूद क्या.......? पत्नी के... Hindi · कविता 2 1 426 Share sunita saini 25 May 2017 · 1 min read माँ हूँ मै खुद के साथ या हूँ तेरे साथ इसका मुझे पता नहीं | रहती हूँ, जहाँ भी मैं बन लहूँ रगो का मेरी दौडती रहती मुझमे तू हर कही... Hindi · कविता 1 1 569 Share sunita saini 20 Apr 2017 · 1 min read ये कौन है ये कौन है, जो मेरे साथ साथ चलता है | ये कौन है, जो मेरे धड़कनॊ में बजता है | मुस्कुराता है मेरी बेचैनियो पर दिन रात मुझसे लडता है... Hindi · कविता 1 369 Share sunita saini 27 Mar 2017 · 1 min read मेरी माँ तूने ही जन्म दिया, तूने ही बनाया इन्सान तेरी ही मेहनत है उसमे, जो मिल पाई है, थोडी बहुत/बहुत पहचान तेरा ही आशीर्वाद है, जो हर वक़्त साथ रहता है... Hindi · कविता 1 1 456 Share