sumit jain 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sumit jain 21 Jan 2017 · 1 min read बीता जाता है ये जीवन छाया है तिमिर चारो और उदासीनता है जीवन में कही ग़म है तो कही खुशियाँ है कभी है धूप तो कभी है छाँव बीता जाता है ये जीवन जब जब... Hindi · कविता 208 Share sumit jain 19 Jan 2017 · 1 min read स्वप्न और मन रात की चादर ओढ़ स्वप्न करते है चहल-पहल रंग बिरंगी बग्घी में बैठ गुफ़्तगू करते है हवाओ से दी है दस्तक रंगीन लोक में ये बिखरते है रंग तरह तरह... Hindi · कविता 463 Share sumit jain 18 Jan 2017 · 1 min read मौत का दामन थामा खुशियों के माहौल में जन्मा हर कोई मुझे खिलाया सबकी चाहत बन जाता कभी रोता तो कभी हस्ता फिर उसी में रम जाता माँ कि लोरिया सुनते मेरा बचपन यु... Hindi · कविता 274 Share