Smriti Singh Tag: Quote Writer 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Smriti Singh 21 Oct 2024 · 1 min read कब्र से उठकर आए हुए लोग, कब्र से उठकर आए हुए लोग, जिंदगी का वजूद समझते हैं, मैं ख़ म खा़ परेशान हूं, जिंदगी से तो सब घबराते हैं Quote Writer 20 Share Smriti Singh 4 Aug 2024 · 1 min read जिंदगी खफा हो के किनारे बैठ गई है जिंदगी खफा हो के किनारे बैठ गई है देखी तो है पर पहचानती नहीं Quote Writer 1 61 Share Smriti Singh 21 Jun 2024 · 1 min read तजुर्बे से तजुर्बा मिला, तजुर्बे से तजुर्बा मिला, आंधियों की सह में, फिर उड़ना हुआ, Hindi · Quote Writer 69 Share Smriti Singh 14 May 2024 · 1 min read वो हमको देखकर मुस्कुराने में व्यस्त थे, वो हमको देखकर मुस्कुराने में व्यस्त थे, हम उनको देखकर इतराने में व्यस्त थे Quote Writer 104 Share Smriti Singh 27 Jan 2024 · 1 min read जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है उड़ती थी जो तितलियां, एक बक्से में आ गई है छत की मुंडेर पर भी, घुट रहा है दम आंख मेरी फूट... Quote Writer 1 298 Share Smriti Singh 12 Oct 2023 · 1 min read ओढ़कर कर दिल्ली की चादर, ओढ़कर कर दिल्ली की चादर, पैर सिकुड़ कर बैठा है, हरियाणा गुड़गांव के अंदर Quote Writer 282 Share Smriti Singh 18 Jun 2023 · 1 min read खुद से सिफारिश कर लेते हैं खुद से सिफारिश कर लेते हैं अगवा हुई जिंदगी को, आजादी का भ्रम देते हैं चौराहे पर खड़े होकर सोचते हैं, किधर जाएं कुछ भटके हुए लोग, वहीं ठहर जाने... Quote Writer 2 566 Share Smriti Singh 18 Jun 2023 · 1 min read फिर जिंदगी ने दम तोड़ा है फिर जिंदगी ने दम तोड़ा है हर शाख पर गम छोड़ा है कुरेद कर जा चुके हैं जख्म मेरे और वक्त का मरहम छोड़ा है क्या याद वो रखेंगे, सब... Quote Writer 1 3 557 Share Smriti Singh 17 Jun 2023 · 1 min read फिर बैठ गया हूं, सांझ के साथ फिर बैठ गया हूं, सांझ के साथ कल की सह में झगड़ा कर बैठा, मैं आज के साथ किसे सुनाऊं हाल मैं अपना जब शिकवे हों, आप के साथ फिर... Quote Writer 1 477 Share Smriti Singh 28 May 2023 · 1 min read इस क्षितिज से उस क्षितिज तक देखने का शौक था, इस क्षितिज से उस क्षितिज तक देखने का शौक था, पर मेरी मां का आसमा तेरे आंगन की नाप का था कोई पहाड़ ना था लांघने को, लांघ सकती,ये घर... Quote Writer 1 311 Share Smriti Singh 23 Mar 2023 · 1 min read गुमराह होने के लिए, हम निकल दिए , गुमराह होने के लिए, हम निकल दिए , यारों , फिर अपने दिल के कहे पे चल दिए Quote Writer 1 248 Share