Shyam Vashishtha 'शाहिद' Tag: ग़ज़ल 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले उलझन को सुलझाने निकले हम ख़ुद को दफ़नाने निकले नए नए अल्फ़ाज़ पहन कर कितने दर्द पुराने निकले राम-राज के धोबी सारे सबके मुँह से ताने निकले पुरस्कार समझा था... Hindi · ग़ज़ल 117 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read इतनी के बस ! जान देने की मेरी तैयारियाँ इतनी कि बस। और जीने की मेरी लाचारियाँ इतनी कि बस।। सबके होठों पे सजी है मुस्कुराहट देखिए, और आँखों में छिपी मक्कारियाँ इतनी कि... Hindi · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 80 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल-सपेरे भी बहुत हैं ! गो ज़हर भरे नागों के डेरे भी बहुत हैं पर अपने इलाके में सपेरे भी बहुत हैं माना के सियह रात है क़ाबिज़ हैं अँधेरे हर रात के आँचल में... Poetry Writing Challenge-3 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 40 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल-कुछ नहीं आता ! दिन-रात की आफत के सिवा कुछ नहीं आता चाहत में मुसीबत के सिवा कुछ नहीं आता लो चाय में भी चाय की पत्ती नहीं डाली तुमको तो मुहब्बत के सिवा... Poetry Writing Challenge-3 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 54 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल-दिल में दुनिया की पीर दिल में दुनिया की पीर ज़िंदा है यानि मेरा ज़मीर ज़िंदा है कोई हिन्दू है कोई मुस्लिम है कैसे कह दूँ कबीर ज़िंदा है तुझको देखा तो बस यही सोचा... Poetry Writing Challenge-3 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 61 Share