Shweta Soni 368 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shweta Soni 12 May 2024 · 1 min read मैं जब भी लड़ नहीं पाई हूँ इस दुनिया के तोहमत से मैं जब भी लड़ नहीं पाई हूँ इस दुनिया के तोहमत से तुझे ऐ माँ लिखा है मैंने एक ताज़ा नज़म जैसा Quote Writer 10 Share Shweta Soni 12 May 2024 · 1 min read माँ का आँचल जिस दिन मुझसे छूट गया माँ का आँचल जिस दिन मुझसे छूट गया मैंने बचपन खुद ही उस दिन छोड़ दिया Quote Writer 9 Share Shweta Soni 11 May 2024 · 1 min read माँ.. माँ.. काश..इसका होना, हम सार्थक कर पाते.. काश.. इसको लिखना हम संभव कर पाते Quote Writer 14 Share Shweta Soni 10 May 2024 · 1 min read जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे घंटों बैठे-बैठे हम बतियाते थे आज बेंच पर उसी मैं आकर बैठी हूँ.. नाम तुम्हारा जिस पर लिखकर छोड़ा था रिश्ता तो... Quote Writer 14 Share Shweta Soni 10 May 2024 · 1 min read बोलने को मिली ज़ुबां ही नहीं बोलने को मिली ज़ुबां ही नहीं कोई तुम सा यहाँ हुआ ही नहीं जिसकी दीवारो छत में जिंदा हूँ घर पुराना मेरा मिला ही नहीं दोस्तों का हुजूम सड़कों पर... Quote Writer 19 Share Shweta Soni 9 May 2024 · 1 min read गीत हो गई हर्षित धरा झूम कर नाचा पवन खिड़कियाँ सब खुल गईं.. बादलों ने पाँव फेरे,, आज मौसम में.. झुक गए हैं वृक्ष सब धूल उड़ती हर तरफ हर नदी... 18 Share Shweta Soni 8 May 2024 · 1 min read जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ मुझे पढ़ सकें वो आँखें..नहीं आज तक बनी हैं Quote Writer 29 Share Shweta Soni 6 May 2024 · 1 min read किताब कहीं खो गया किताब कहीं खो गया गुलाब जिसमें था धरा वो दास्तां ए इश्क़ फिर कभी नहीं पढ़ी गई Quote Writer 21 Share Shweta Soni 6 May 2024 · 1 min read सारी उमर तराशा,पाला,पोसा जिसको.. सारी उमर तराशा,पाला,पोसा जिसको.. बच्चा बड़ा हुआ तो कितना बदल जाता है Quote Writer 17 Share Shweta Soni 6 May 2024 · 1 min read कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता मेरे रिश्तों से अज़ीयत सिवा, नहीं लगता Quote Writer 16 Share Shweta Soni 6 May 2024 · 1 min read कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी सुना जाए तो कहा जाए,मेरे दिल का भी किसको फुर्सत है तवज्जो की, दाद देने की कहाँ लिखा ये पढ़ा जाए,मेरे... Quote Writer 22 Share Shweta Soni 6 May 2024 · 1 min read शिगाफ़ तो भरे नहीं, लिहाफ़ चढ़ गया मगर शिगाफ़ तो भरे नहीं, लिहाफ़ चढ़ गया मगर ये जिंदगी के राब्ते बड़े ही दिल फरेब हैं Quote Writer 16 Share Shweta Soni 4 May 2024 · 1 min read क्युं बताने से हर्ज़ करते हो क्युं बताने से हर्ज़ करते हो अपनी चुप्पी को मर्ज़ करते हो Quote Writer 20 Share Shweta Soni 3 May 2024 · 1 min read हमेशा फूल दोस्ती हमेशा फूल दोस्ती का खिलाए रखिए निभे, निभे.. न निभे. दोस्ती बनाए रखिए.. ये क्या कि हाल चाल जाने हुए अरसा हुआ लगन ये गुफ्तगू का दिल में लगाए रखिए Quote Writer 25 Share Shweta Soni 3 May 2024 · 1 min read अगर मैं कहूँ अगर मैं कहूँ कि मुझे ईश्वर दिखाई देते हैं आप विश्वास नहीं करेंगे ना फिर मैं क्यों विश्वास करूँ कि आपको ईश्वर नहीं दिखाई देते ईश्वर हमारे आसपास ही हैं... Quote Writer 26 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read आपके लिए तुम जीवन में आए मेरे बसंत बनकर आभार तुम्हारा.... 🌹 सब संघर्षों.. सब दुःखों का अंत बनकर... आभार तुम्हारा... 🌹 Poetry Writing Challenge-3 1 22 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read आँख पर आँख पर क्या कहूँ...अब कोई गलती हुई तो आँख ना उठाई गई किसी का धोखा खाया आँख खुल गई डराया और धमकाया आँख दिखा कर हीं तो क्रोध में आँख... Poetry Writing Challenge-3 2 20 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read बचपन जब भी याद आता है यदि होता किन्नर नरेश में उठो लाल अब आँखें खोलो बचपन जब भी याद आता है ये कविताएं याद आती हैं... ती ती ती ती घघ्घो रानी चिड़िया उड़ की... Poetry Writing Challenge-3 1 15 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read हरसिंगार झर गए हरसिंगार झर गए स्वप्न सभी इन आँखों के विस्मृत सा कर गए समय देख मेरा भारी सब ही मुकर गए जो भी गुजरे पीड़ाओं से जीवन से तर गए बहुत... Poetry Writing Challenge-3 1 14 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read वंश चलाने वाला बेटा हाँ, खुश हूँ मैं हुई है बेटी रौनक घर की चिड़िया,गुड़िया, मेरी बिटिया पापा बोले, हाँ खुश हूँ मैं ज्यादा थोड़ा हुई है बेटी मेरा सुख दुःख सुनने वाली चिंताओं... Poetry Writing Challenge-3 1 2 19 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read लेखनी से आगे का स्त्रीवाद स्त्री आज भी ठिठकती है, दहलीज़ पर उदास होती है खिड़कियों के पीछे, निराशा घेरती है उसे अपने हर प्रथम प्रयास में, हताश हो जाती है वो आगे बढ़ने से... Poetry Writing Challenge-3 17 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read . मत देना पंख . मत देना पंख अपनी ख्वाहिशों को मत करना साहस अपनी इच्छाओं की दरिया को पार करने का मत बढ़ाना पहला कदम अपनी पहचान बनाने की ओर पहला कदम हो... Poetry Writing Challenge-3 1 12 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read विवाह के वर्षगाँठ पर आओ फिर से नए वर वधू बनके वह पल छिन जी लें आओ फिर से स्मृतियों में वे विवाह के दिन जी लें नई-नई दुल्हन बनके मैं शर्माई सकुचाई थी... Poetry Writing Challenge-3 1 18 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read हुक्म हवाओं को मिला है हुक्म ये कि उस जानिब नहीं बहना उन्हें जिधर उम्मीद का बादल घिरा है सितम कैसा हवाओं पर हुआ है लहर को छू नहीं सकती घटा... Poetry Writing Challenge-3 20 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read जोड़ना क्या,छोड़ना क्या नेह के नातों में करना क्या गुणा और जोड़ना क्या पहले से छूटे हुए रिश्तों को फिर से छोड़ना क्या.. Poetry Writing Challenge-3 22 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read रीत कहांँ अब जीने की बोलो.. वैसी रीत कहांँ... सब संबंधों के पीछे है स्वार्थ छुपा कारण बिना निभाने को है प्रीत कहांँ हँसे और खेलें,बतियाएं,शर्त लगे बचपन वाले बच्चों से मनमीत... Poetry Writing Challenge-3 16 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read अंधकार फैला है इतना उजियारा सकुचाता है अंधकार फैला है इतना उजियारा सकुचाता है जाते-जाते अंतर्मन में दुःख सा कुछ भर जाता है.. आँख के आँसू सूख नहीं पाते हैं दुख आ जाता है कैसा निष्ठुर कैसा... Poetry Writing Challenge-3 18 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read वह आखिर क्यों मर गई कहीं भी दुनिया के किसी हिस्से में अगर… वह.. झूल जाती है पंखे से जल जाती है आग में पी लेती है ज़हर तो कहीं भी दुनिया के किसी हिस्से... Poetry Writing Challenge-3 1 11 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read संवेदनशील हुए बिना बहुत आवश्यक है , संवेदना का होना कवि होने के लिए, ,संवेदना विहीन कवि फूलों पर लिख सकता है फूलों पर बैठी हुई तितली पर नहीं लिख सकता, पानी पर... Poetry Writing Challenge-3 1 18 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read स्त्रियाँ काम पर जाती हुई स्त्रियाँ.. काम से आती हुई स्त्रियाँ.. काम से काम पर हीं दोबारा भाग कर आती हुई स्त्रियाँ.. घर.. रसोई से कार्यालय तक जूझकर आती हुई स्त्रियाँ... Poetry Writing Challenge-3 19 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read कभी-कभी कभी-कभी बंजर धरती भी सोना देने लगती है कभी-कभी काँटों में भी तो खिल जाया करते हैं फूल कभी-कभी हम सोचते कुछ हैं, कर जाते हैं पर कुछ और कभी-कभी... Poetry Writing Challenge-3 17 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read मैं क्या जानूँ उस अरूप को मैं क्या जानूं.. जो समक्ष आता ही नहीं उस निराकार को क्या पहचानूं.. स्नेह अगाध परंतु उसको प्रियतम भी मैं कैसे मानूं.. पीर नीर बन बरस रहा... Poetry Writing Challenge-3 15 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read युद्ध लड़ेंगें जीवन का एक हाथ में रखेंगें हम कलछी... चिमटा.. और बेलन... एक हाथ में कलम पकड़ के युद्ध लड़ेंगें जीवन का ✍️✍️ Poetry Writing Challenge-3 1 19 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read मन वैरागी हो जाता है जब बैठी वह छत पर आकर या आँगन में या छज्जे पर फिर देख उसे यह मन मेरा क्यों अनुरागी हो जाता है मन वैरागी हो जाता है उस चिड़िया... Poetry Writing Challenge-3 16 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read कुछ ना करके देखना सास ससुर की सेवा करने से बच्चों का पालन पोषण करने से अच्छा खाना बनाने से घर को खूब सजाने से घर को जगाने से लेकर सुलाने तक हर काम... Poetry Writing Challenge-3 18 Share Shweta Soni 1 May 2024 · 1 min read देश का भविष्य देखती हूंँ,, जब किसी बच्चे को मैं, फुटपाथ पर सोते हुए… चंद सिक्के खनखनाते डाल देती हूँ, मैं उसकी झोली में.. और बढ़ जाती हूँआगे फिर पलट कर देखती हूँ..... Poetry Writing Challenge-3 1 15 Share Shweta Soni 1 May 2024 · 1 min read एक गीत पात कब तक झरेंगें फूल कब तक खिलेंगें आम की बाग के कच्चे कच्चे बौर कब तक पकेंगें नीम के पेड़ पर घोसलें की आस कब तक सधेंगें मेघ पुरवाईयों... Poetry Writing Challenge-3 1 19 Share Shweta Soni 1 May 2024 · 1 min read बेटियाँ बेटियों को खुलने दिया करो खिलने दिया करो खेलने दिया करो हँसने दिया करो खिलखिलाने दिया करो नाचने गाने दिया करो घर सर पर उठाने दिया करो आजादी से आने-जाने... Poetry Writing Challenge-3 1 17 Share Shweta Soni 1 May 2024 · 1 min read छल जाते हैं हर एक हृदय से अपने लिए हम कटु शब्द ही पाते हैं सब नाते ही छल जाते हैं सब रिश्ते ही ठुकराते हैं अपनापा क्या जाने वो जिसने स्वार्थ हेतु... Poetry Writing Challenge-3 1 17 Share Shweta Soni 1 May 2024 · 1 min read मजदूर जेठ की दुपहरी में तर ब तर पसीने से ईंट सर पे ढोता है कौन इसका होता है स्वप्न धरा रहता है अपना घर बनाने का नींव सबके बोता है... Poetry Writing Challenge-3 1 16 Share Shweta Soni 1 May 2024 · 1 min read जेठ की दुपहरी में जेठ की दुपहरी में तर ब तर पसीने से ईंट सर पे ढोता है कौन इसका होता है स्वप्न धरा रहता है अपना घर बनाने का नींव सबके बोता है... Quote Writer 22 Share Shweta Soni 30 Apr 2024 · 1 min read ग़ज़ल कौन अपना यहाँ, किसको अपना करें ज़िंदगी का इसे हम तजुर्बा करें वो भी राहों में पत्थर बिछाए जिसे फूल सा हम सहेजें, सराहा करें जो मिला हमको क़मतर से... 20 Share Shweta Soni 30 Apr 2024 · 1 min read पाँव थक जाएं, हौसलों को न थकने देना पाँव थक जाएं, हौसलों को न थकने देना जिंदगी के लिए साँसों को न थकने देना बैठ के छाँव में बरगद के नींद आ जाए खुद के देखे हुए सपनों... Quote Writer 25 Share Shweta Soni 30 Apr 2024 · 1 min read मन की पीड़ाओं का साथ निभाए कौन मन की पीड़ाओं का साथ निभाए कौन दुःख में मेरे घर भी आए जाए कौन बाँह पसारे जिनके लिए मैं खड़ी रही वह सोचे हैं मुझसे प्रीत निभाए कौन Quote Writer 23 Share Shweta Soni 29 Apr 2024 · 1 min read बहुत बार बहुत बार यूं ही रोता है बहुत बार आहत होता है यह निर्दोष, निश्छल मन प्रिय जनों के कटु वचनों से कटु प्रश्नों से अनुत्तरित सवाल बनके रह जाता है... Quote Writer 26 Share Shweta Soni 28 Apr 2024 · 1 min read हर एक हृदय से हर एक हृदय से अपने लिए हम कटु शब्द ही पाते हैं सब नाते ही छल जाते हैं सब रिश्ते ही ठुकराते हैं अपनापा क्या जाने वो जिसने स्वार्थ हेतु... 1 24 Share Shweta Soni 28 Apr 2024 · 1 min read आज मन उदास है आज मन उदास है रिक्त हृदय अभिलाषाओं से मुक्त नहीं हो पाया मन को छलते-छलते इसने दर्द बहुत हीं पाया अनगिन झूठी बातों पर भी सहज किया विश्वास है आज... 24 Share Shweta Soni 28 Apr 2024 · 1 min read भाव में शब्द में हम पिरो लें तुम्हें भाव में शब्द में हम पिरो लें तुम्हें गीत के अर्थ में हम सँजो लें तुम्हें प्रेम की पूर्ण होती रहे आरती...... Quote Writer 25 Share Shweta Soni 27 Apr 2024 · 1 min read सुनती हूँ सुनती हूँ कोई दस्तक कोई आहट न सरगोशी कोई तन्हा खड़ी हूँ.. काफिला है साथ भी मेरे... Quote Writer 17 Share Shweta Soni 27 Apr 2024 · 1 min read न जिसमें कभी आया जाया करो न जिसमें कभी आया जाया करो कोई ख्वाब ऐसा दिखाया करो Quote Writer 19 Share Page 1 Next