Shubh Agarwal 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shubh Agarwal 10 Feb 2025 · 1 min read सोचते सोचते ये शाम भी निकल गयी सोचते सोचते ये शाम भी निकल गयी पता नहीं कब आएगी वो घड़ी चली ना जाए वो अब दूर ऐसी दोस्ती, यारी, भाईगिरी से क्या फायदा वो तो मेरे दोस्त... Quote Writer 1 48 Share Shubh Agarwal 10 Feb 2025 · 1 min read सोचते सोचते ये शाम भी निकल गयी सोचते सोचते ये शाम भी निकल गयी पता नहीं कब आएगी वो घड़ी चली ना जाए वो अब दूर अब दोस्ती, यारी, भाईगिरी जैसी बातों से क्या फायदा वो तो... Quote Writer 1 52 Share