शरद कुमार पाठक Tag: दोहा 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid शरद कुमार पाठक 12 Jul 2021 · 1 min read *पावस के मेघ-! उमड़ते और घहरते ये पावस के मेघ कौंधा चमके घनप्रिया रह रह बरसे मेघ गिरति बूंद अवनी बहे बहे धरा रेवान होती बरषा सुखद की मनुज हृदय अब चैन छारहे... Hindi · दोहा 2 2 519 Share