Shally Vij Tag: Poem 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल ले इल्ज़ाम सर अपने मसरूफ हो गया ज़माने की नजर में जो था बेकार निकला हर राह परेशां हो गई मोड़ से पहले वापसी के लिए जो तलबगार निकला... Poetry Writing Challenge-2 · Poem 1 65 Share