संतोष तनहा Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संतोष तनहा 3 May 2020 · 1 min read ज़िद्द उलझी हुई उलझन है भले,पाने की ज़िद है तो है, कहते हो दुश्मन है,पर आजमाने की ज़िद है तो है। तूफान के डर से, अपना रास्ता नही बदलते कभी, समंदर... Hindi · कविता 3 7 498 Share संतोष तनहा 28 Apr 2020 · 3 min read कुत्तों की पंचायत(व्यंग) एक कुत्ता दूसरे कुत्ते से भिड गया , उसके आदमी संबोधन से चिढ गया | बोला तुम्हारी जबान बढ़ गयी है , या दारू पिए हो जो चढ़ गयी ||... Hindi · कविता 6 8 1k Share