इंजी. संजय श्रीवास्तव Tag: कविता 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid इंजी. संजय श्रीवास्तव 9 Jul 2023 · 1 min read आस का पंछी... बदरा घिर आए सावन आया रे बिजुरिया चमके है सावन आया रे ऐसे में सजन तू परदेस में है सखियां चिढ़ाए मोहे सावन आया रे बूंदे सावन की तन को... Hindi · कविता 100 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 9 Jul 2023 · 1 min read अस्तित्व पर संकट फैल चुका है विष बयार में संकट अस्तित्व पर गहराया है शांति प्रिय सेना के क्रियाकलापों से जगत सारा थर्राया है कहां गई संस्थाएं सारी एमनेस्टी की बातें जो करती... Hindi · कविता 90 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 31 May 2023 · 1 min read नया इतिहास रचाया है देश का गौरव नई संसद देकर स्वाभिमान हमारा बढ़ाया है भारतीय संस्कृति का परचम जग में तुम ने लहराया है जात-पात और ऊंच-नीच से उठकर तुमने काम किया है राष्ट्र... Hindi · कविता 133 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 8 Mar 2023 · 2 min read मेरी पहचान मुझसे मेरी पहचान ना छीनों मेरा भी अस्तित्व है अपना मुझसे मेरी जान ना छीनो, किसने दिया अधिकार ये तुमको मुझसे मेरी पहचान ना छीनो। जिस घर में मैंने जनम... Hindi · कविता 186 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 6 Apr 2022 · 1 min read अब और क्या चाहिए तुम मिल गए हमदम जीने को अब और क्या चाहिए साथ तेरा काफी है जीने को अब और क्या चाहिए ये धन ये दौलत ये इज़्ज़त ये शोहरत सब गौण... Hindi · कविता 172 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 6 Apr 2022 · 1 min read आपस का प्रेम आपस का प्रेम मिलना जुलना यारी दोस्ती अब बीती बातें सी लगती हैं करते हैं छल अपने ही अब तो दोस्त भी छुरा घोंपने बैठा है भाई भाई का बैर... Hindi · कविता 1 229 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read मिलन फरवरी का *मिलन फरवरी का* पिरोकर बिखरे हुए मोतियों की उसने माला एक बनाई थी, कोई कहीं था कोई कहीं थी उसने पहचान बताई थी। वो कॉलेज के दिन थे अपने वो... Hindi · कविता 157 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read भोर भोर शीतल बयार और खिली खिली धूप की आहट! नीरवता भंग करती हुई पक्षियों की चहचहाट! निकल पड़े हैं सभी जब स्वच्छंद आकाश में! उठ प्राणी क्यों लीन है अभी... Hindi · कविता 151 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 2 min read मैं कविता हूँ मैं कविता हूँ... मैं कविता हूं मेरे अंदर सुख दुख का अदभुद संगम है मैं कविता हूं मेरे अंदर हर्ष विषाद का दुर्लभ विलयन है मैं कविता हूं मेरे अंदर... Hindi · कविता 269 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 6 Nov 2021 · 1 min read मेरी दिवाली निश्छल पावन प्रेम की परिणिति है दीवाली सत्कर्मों की एक खूबसूरत अनुभूति है दीवाली क्या कुछ नही दिया तुमने इस मेरे सूने जीवन में तुम हो तो ही सब है... Hindi · कविता 192 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 8 Aug 2021 · 1 min read तुम हो तुम हो मेरी नींदों में तुम हो मेरे ख्वाबों में तुम हो कैसे कहूँ ये बात तुम्हे मैं मेरे मन के मंदिर में तुम हो भोर की लालिमा में तुम... Hindi · कविता 1 485 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 26 Jun 2021 · 1 min read मिलन फरवरी का पिरोकर बिखरे मोतियों की उसने माला एक बनाई थी, कोई कहीं था कोई कहीं थी उसने पहचान बताई थी। वो कॉलेज के दिन थे अपने वो मस्ती का आलम था,... Hindi · कविता 1 577 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 9 Jun 2021 · 1 min read कारवाँ दोस्ती का कारवां दोस्ती का... लाजमी है दुश्मन मेरे क्यूं ना करेंगे साजिशें रंज तो तब है सरल जब दोस्त इसे अंजाम दे। आज फिर दामन मेरी दोस्ती का दागदार हुआ आज... Hindi · कविता 1 430 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 5 Jun 2021 · 1 min read मानवता मानवता ---------- जाने किस मद में चूर है तू तूने ये क्या कर डाला है अच्छे खासे परिवार को तूने क्यूं पूरा तहस नहस कर डाला है? कहते हैं एक... Hindi · कविता 1 365 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 29 May 2021 · 1 min read "जीवन सफल बना जाओ" जीवन सफल बना जाओ ------------------------------ याद तुम्हारी आती है बस रह रह कर तड़पाती है, यादों के इस मंज़र से बोलो अब कैसे दूर रहा जाए? आकर अब जीवन के... Hindi · कविता 276 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 28 May 2021 · 1 min read खास खास अबोध बालक सा मेरा मन किलकारियाँ भरता हुआ जिंदगी के सफर में निर् उद्देश्य चला जा रहा था ना जाने कब और कैसे मेरे जीवन की बनकर आस तुम... Hindi · कविता 293 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 27 May 2021 · 1 min read मेरी बहना तेरे प्रेम और स्नेह ने मुझे जीवन नया दिया है अस्तित्व मेरा बहना शेष ही कहाँ था । नतमस्तक हूं सेवा जो मिली है मुझको तुझसे वरना बस में मेरी... Hindi · कविता 247 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 27 May 2021 · 1 min read प्रभु राम प्रभु राम। प्रभु हम पर दया करना जीवन में कृपा रखना प्राण हो तुम तो हमारे हृदय में बसा करना। अब बिन तुम्हारे राम मेरा उद्धार ना हो पाएगा हाथ... Hindi · कविता 399 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 27 May 2021 · 1 min read विश्वास विश्वास दर्द जो मिलें तुझको इस दौर में वे कम ना थे, और दुख जो सहे मैने वे भी कहाँ कम थे। तोड़ कर हदें सारी आपस में मिलना ही... Hindi · कविता 401 Share