Roopanjali singh Parmar Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Roopanjali singh Parmar 8 Oct 2019 · 1 min read विजयादशमी हर साल ही पुतला जलता है, मगर रावण कहाँ मरता है। जिस दिन 'राम' के हाथों तीर चलेगा, बस उस दिन ही 'रावण' मरेगा।। चारों और हैं कपटी झूठे, मुझे... Hindi · कविता 252 Share Roopanjali singh Parmar 5 Oct 2019 · 2 min read क्यों तू एक औरत बनी अस्तित्व को कुचला गया, और जिस्म को नोचा बहुत। अस्मत लूटी, बाजार में, सरेराह फिर, सोचा बहुत।। जो हो गया, वो गलत था, अब विरोध का भी स्वर तना। वो... Hindi · कविता 3 2 249 Share