RJ Anand Prajapati 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid RJ Anand Prajapati 12 Nov 2021 · 1 min read Think this poem what say Huge Sky not Limitation. As Mind max light rotation. Break their mind blow wind. Youth will make diamond. If Aim certified own way ever modified. Goose swim on the water... English · Poem 1 320 Share RJ Anand Prajapati 12 Nov 2021 · 2 min read ☆☆ दर्द को लिए मर गई- किसी से कुछ न कही ☆☆ जलती तो थी पर आग न थी । बरसती तो थी पर बरसात न थी। चमकती तो थी पर कोई आभ न थी। बजती तो थी सुरीली पर कोई सितार... Hindi · कविता 210 Share RJ Anand Prajapati 12 Nov 2021 · 2 min read ☆☆ सन्नाटे में आशिक की हत्या ☆☆ ☆☆ सन्नाटे में आशिक की हत्या ☆☆ हुआ तो था न कुछ उसे । पर उस दिन कुछ ऐसा था । सहमी हुई थी वो । वो रात अंधेरी ।... Hindi · कविता 459 Share RJ Anand Prajapati 12 Nov 2021 · 1 min read आंखे खुलना कौन कहता है कि अंधेरे में नहीं दिखता । बस नजरिए का फर्क है । दिखता है हर पल हर किसी को आंखे खुली है बंद नहीं है। चाहे अंधेरे... Hindi · कविता 316 Share RJ Anand Prajapati 11 Nov 2021 · 2 min read रात चांदनी में काम कामिनी ●● रात चाँदनी मे काम कामिनी ●● है जो रोज मेरे छत पर उतरता हुआ वह कौन है । दिखता तो बङा चंचल है पर मौन क्यों है । जुगनू... Hindi · कविता 879 Share RJ Anand Prajapati 30 Aug 2021 · 1 min read मन ही मोक्ष मन ही बंधन तन थके है । ये मन कहां रुके है। करता है विचरण । अनंत ब्रह्मांड तक। तारो की चकमक। सूर्य का उजाला । इसके रफ्तार के सामने कहां है टिके... Hindi · कविता 210 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 1 min read पर मन में कुछ कसक सी है । पर कह नहीं पाता हूं। गूंगा तो नहीं हूं मैं। पर कुछ बोल नहीं पाता हूं। चलता तो हूं हर रोज मैं। पर... Hindi · कविता 1 470 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 2 min read प्रकृति से सीखो मस्त फिजाओ में होकर मगन । मन मेरा ये झूमे। धरती को बादल। बादल को धरती । बरखा जल से चूमे । नदियों में लहराएं पानी । ओढे धरती चुनर... Hindi · कविता 1 486 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 2 min read प्राकृतिक छटा ये चांद,तारे,सूर्य । आसमाँ ये बादल घटा । कण-कण में अपना रंग बिखेरे । धरती को घेरे ये प्राकृतिक छटा । ब्रह्म मुहूर्त मलयावात् । शीतल,मंद-मंद चलती हंवाए । आसमाँ... Hindi · कविता 1 1 258 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 3 min read जल जीवन जल प्रलय ये जल धरती पर कहां से आए । पहले बादल बरसे । या समंदर नदी में जल आए । जल धरती के है नीचे । फिर ये आसमाँ में कैसे... Hindi · कविता 1 306 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 2 min read जिज्ञासा सीखने की प्रवृत्ति का जन्म जिज्ञासा से होता है । जिज्ञासा सीखने की अनुपूरक है । दुनिया में जितने भी वैज्ञानिक, महापुरुष, राजनीतिज्ञ एवं दार्शनिक हुए है । उन सभी... Hindi · लेख 1k Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 3 min read मुझमें भारत तुझमें भारत स्वर्णिम रश्मि दिवाकर की । सुरभित मधुर ठंड मलयावात् की। जिस देश भूमि पर जन्म लिए । वो पवित्र भारत मां का आंचल । सोकर जिनकी गोंद में स्वर्ग सा... Hindi · कविता 2 2 321 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 3 min read भारत की ओजस्विता,यशस्विता,विविधता अखण्ड, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी। 42 वे संविधान संशोधन 1976 में । जोङे गए प्रस्तावना में ये तीन नए शब्द । प्रशस्त करे जो हर भारतीय नागरिक को । ब्रम्हांड, आसमाँ में... Hindi · कविता 414 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 4 min read कोरोना की कहर प्रकृति का कहर था । ये तो होना तय था । मानव को अपनी करनी का । परिणाम भुगतना ही था । इसमे न कोई जादू था । न ही... Hindi · कविता 295 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 3 min read *▪अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया* हर सिक्के के दो पहलू होते है । जैसे दिन और रात । विश्वास और घात । कोरोना ने जहां वैश्विक स्तर पर । हर दिशाओ में आया कहर बनकर... Hindi · कविता 165 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 2 min read यश तुम्हारा भी होगा * जब नीयत हो साफ । तभी किस्मत बदलेगी । नीयत,कर्म, बुरे हुए । विधि उसी क्षण । अपना पासा पलटेगी । रंक से राजा कोई हो जाए । न जाने... Hindi · कविता 177 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 4 min read कविता की महत्ता करती जो प्रेरित । दिखाएँ जो रास्ता । विविध रंग उसके । पढे रस में डूबके । हिलाई थी जिसने । अंग्रेजो की सत्ता । कुछ ऐसी ही है ।... Hindi · कविता 2 2 228 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 5 min read *पक्षियो की स्वर्णिम गाथा* पंख को फङफङाए । हवाओ को चीरे । चले जा रहा जो। आसमाँ में उङे । खेत-खलिहान । दरिया,मकान । ताल-तलैया पर नजरे गङाए । खाने को जो ढूंढ रहे... Hindi · कविता 1 386 Share