Mukta Rashmi Tag: कविता 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mukta Rashmi 17 May 2024 · 2 min read *जीवन के गान* जीवन के गान ___________________________________ मिट्टी का तन चंचल मन,क्षण भर का मेरा जीवन ! जीवन प्रबल ! जीवन सम्बल ! जीवन ही परम प्रार्थना ! अनमोल है ! अतुल्य है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 109 Share Mukta Rashmi 17 May 2024 · 1 min read अरे योगी तूने क्या किया ? अरे योगी तूने क्या किया ? _________________________ अरे योगी तूने बड़ा ज़ुल्म किया हर लिया ताज सिंहासन का, मग में मगरूर नृप अभिमानी समझ रहे थे जिसे विरासत आने वाली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 100 Share Mukta Rashmi 17 May 2024 · 2 min read अनर्गल गीत नहीं गाती हूं! अनर्गल गीत नहीं गाती हूं! _________________________ अपनी हीं बुद्धि में मगरुर, सुनो आज के चंदवरदाई! चारण, अभिनंदन या अनर्गल गीत नही, मैं लिख रही हूं आहत मन की पीड़ भरी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 120 Share Mukta Rashmi 17 May 2024 · 1 min read जय हो भारत देश हमारे जय हो भारत देश हमारे ! _____________________ धार यहां गंगा यमुना की चोटी है कंचनजंघा की दृश्य विहंगम प्यारे-प्यारे जय -जय भारत देश हमारे। ऋषि-मुनीयों की अमर्त्य वाणी, बहती ज्ञान... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 92 Share Mukta Rashmi 17 May 2024 · 1 min read *कलम उनकी भी गाथा लिख* कलम उनकी भी गाथा लिख ________________________________ लिखा बहुत अब तक तुमने फुटपाथ पर गुज़रा जिनका बचपन। फैलाये है हाथ जिन्होंने पेट की भूख मिटाने को, चंद सिक्कों की खतीर, खटते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 87 Share Mukta Rashmi 17 May 2024 · 1 min read ‘पथ भ्रष्ट कवि' ‘पथ भ्रष्ट कवि’ ________________________________ पथभ्रष्ट एक लोक कवि का अवरोध मिला कुछ क्षण मगर वेग पवन की दिशा नही बदली। लाख सिखाया गा-गा कर गुमराही के गीत मगर सांसों में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 74 Share Mukta Rashmi 16 May 2024 · 1 min read *संत सर्वोच्च मानक हो जाये* वर्तमान परिस्थिति के मद्देनजर...... संत सर्वोच्च मानक हो जाये ______________________________ संत सर्वोच्च मानक हो जाये, यदि नृप पराक्रम पुरुषार्थ जाग्रत मार्ग अपनाये, शोर सुरों में मिलकर मधुर सरगम बन जाये,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 77 Share Mukta Rashmi 16 May 2024 · 1 min read * का बा v /s बा बा * का बा v/s बा बा __________________________ का बा का बा रटते-रटते चढ़ गयी चने की झाड़ पर, टोंटी वाले कब लाओगे संसद के दुअरिया। बेदर्दी कजरी ने मोहे फांसा भ्रम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 92 Share Mukta Rashmi 16 May 2024 · 2 min read *वह अनाथ चिड़िया* वह अनाथ चिड़िया!_____________________ हाड़ कंपाती पूस की ठंढ़, सिर से पाँव ढंके तन , सूरज की हल्की लाली संग मैं बाहर घर से निकली थी। काँटों की झुरमुट से क्रंदन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 114 Share Mukta Rashmi 16 May 2024 · 1 min read * मैं बिटिया हूँ * मैं बिटिया हूँ ____________________ जागो धरती के बेटों जागो, जागो गहरी नींद से, मैं तुम्हे जगाने आई हूँ। होता रोज़ प्रदर्शन तेरा तुझे बिकाऊ कह कर। कोई और नहीं लूटेरा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 87 Share Mukta Rashmi 16 May 2024 · 2 min read *वह बिटिया थी* बेटा बेटी में अन्तर करने वाले समाज को समर्पित मेरी एक कविता........ * वह बिटिया थी * —————————————————— जश्न मनी थी उस दिन, घर में माँ बेहोश पड़ी थी, नाच-नाच... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 76 Share Mukta Rashmi 15 May 2024 · 1 min read बिटिया बिटिया ____________ परी लोक की गुड़िया बन बिटिया धरती पर आई, संग में ढेरों खुशियाँ लायी, सपनों को उम्मीद मिली उम्मीदों का संसार बसा। आस जगे कई कोरे दिल में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 96 Share Mukta Rashmi 15 May 2024 · 2 min read *गाथा बिहार की* गाथा बिहार की ________________ लुट रहे हैं लाख लुटेरे खड़ा है फिर भी ताने सीना, यहां की मिट्टी निर्मल चंदन उगले हीरा-मोती, सोना। उत्तर-पूर्वी भाग मे स्थित ऐतिहासिक प्रथम गणराज्य,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 124 Share Mukta Rashmi 15 May 2024 · 1 min read "बेरोजगार या दलालों का व्यापार" बेरोजगार या दलालों का व्यापार _____________________________ सतद्वीपों की मैं इकलौती ज्ञानी बेरोज़गार अड़ी हूँ हठ कर, सुनले चौकीदार! काला अक्षर भैंस बराबर भले देख डर जाती हूँ न किया कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 88 Share Mukta Rashmi 15 May 2024 · 2 min read हे राम!धरा पर आ जाओ हे राम!धरा पर आ जाओ। प्रभु राम अवध में आये हैं। __________________________ हे राम ! तुम्हारी धरती जब-जब पीड़ा से अकुलायी है, करुणा का सैलाब लिये स्वयं तुने अवतार लिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 78 Share Mukta Rashmi 15 May 2024 · 2 min read कैसे भूले हिंदुस्तान ? कैसे भूले हिंदुस्तान ? _____________________________ यह भारतवर्ष की पुण्य धरा जहाँ सभ्यता सबसे पहले आई, त्याग,तपस्या,दान, धर्म,की प्रथा जगत को बतलाई, इसी मिट्टी में लोटे मेरे मानव रूप धीरप्रशांत मर्यादा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 73 Share Mukta Rashmi 15 May 2024 · 1 min read कितना और सहे नारी ? कितना और सहे नारी ? ——-———————————————- हे सृष्टि के स्रष्टा ! बोलो, मौन कहाँ तक रहना है ? हिंसा की बेदी पर कब तक यूँहीं बलि चढ़ते रहना है? कब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 94 Share Mukta Rashmi 15 May 2024 · 1 min read सोन चिरैया सोन चिरैया ————————- विश्व पुरोगम पूज्य तिरंगा चाँद पर जब लहराया , विहस उठा आनन अंबर का धरती मुस्कुराई , युग-युग से बिछड़े भाई - बहन को भारत ने मिलवाया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 105 Share Mukta Rashmi 15 May 2024 · 1 min read * सड़ जी नेता हुए * बंद पीटारो में ढूँढा जब वर्षों की यादों का खज़ाना, हर यादों पर भारी निकली सड़जी का नेता बन जाना। मजदुर सरीखे श्याम सलोने अद्भूत वेषभूषा धारी, नख से शीख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 97 Share Mukta Rashmi 14 May 2024 · 2 min read जीवन : एक अद्वितीय यात्रा जीवन : एक अद्वितीय यात्रा ____________ जन्म - मरण दोनों जीवन की मजबूरी है, राह सरल या हो कठिन चलना उसका जरूरी है। ढेर है सदमें, ढेरों ग़म अक्सर हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 113 Share Mukta Rashmi 14 May 2024 · 1 min read कुली कुली ____________________________ चलते चलते, जीवन की राहों में, कभी थक कर बैठ जाता है, ले कर आँखों में आंसू । कांधे दुनियाँ का बोझ है भारी, मन में जीने की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 98 Share Mukta Rashmi 14 May 2024 · 1 min read "कामदा: जीवन की धारा" _____________. ."कमदा" एक हिंदी शब्द है जिसका अर्थ होता है " संवर्धन करने वाला" या "अनुप्रयोगी"। यह शब्द विभिन्न अवस्थाओं में प्रयोग किया जा सकता है। कमदा को कविता में उपयोग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 132 Share Mukta Rashmi 14 May 2024 · 1 min read भाईचारा भाईचारा ___________________________ निभाए कैसे हैवानों से इंसानों- सा भाईचारा, प्रेम जाल में फांस जहाँ श्रद्धा टुकड़े कर दी जाती। ऊंच-नीच और जात-पात जिसमें बसती बेचैनी ,बदले रंग भले ऊपर के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 81 Share Mukta Rashmi 14 May 2024 · 1 min read लक्ष्य लक्ष्य —------------------------------ मिल जाता है लक्ष्य भटकते हुए, हारे वो सदा डर कर निकले नहीं। जीवन के पथ नए सपने मिलेंगे, हर चोटी पर दृश्य विहंगम दिखेंगे। दिखे न अगर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 84 Share