Ranjeet kumar patre Tag: Poem 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Ranjeet kumar patre 1 Sep 2024 · 1 min read नशा ख़राब है l "नशा अभिशाप है" बिड़ी तबाखू गांजा दारू रंग- रंग पाऊच खावत हच । भरे जवानी म बुढ़ापा बुलावत हच मौत ल अपन परघावत हच ।। नशा म स्वास्थ्य होथे खराब... Poem 76 Share