Rajeev 'Prakhar' 37 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajeev 'Prakhar' 6 Mar 2020 · 4 min read नयी पीढ़ी के रचनाकारों की सशक्त प्रतिनिधि - मोनिका शर्मा 'मासूम' मुरादाबाद, १ मार्च २०२० अखिल भारतीय साहित्य परिषद् (मुरादाबाद इकाई) की ओर से चार साहित्यकारों के सम्मान में आज हुए सम्मान-समारोह में सम्मानित कवयित्री एवं शायरा, बहन श्रीमती मोनिका शर्मा... Hindi · लेख 1 2 655 Share Rajeev 'Prakhar' 15 Feb 2020 · 4 min read कृति समीक्षा - 'वीरों का वंदन' चन्दौसी (उ० प्र०) में दिनांक 14/02/2020 (शुक्रवार) को डॉ० रीता सिंह जी के काव्य-संकलन, 'वीरों का वंदन' के विमोचन के अवसर पर, मेरे द्वारा पढ़ा गया समीक्षात्मक आलेख - -----------... Hindi · लेख 3 3k Share Rajeev 'Prakhar' 28 Jan 2020 · 3 min read कृति-समीक्षा : 'कड़वाहट मीठी सी' आम जीवन की साकार अभिव्यक्ति - 'कड़वाहट मीठी सी' रचनाकार : डॉ० मक्खन मुरादाबादी ---------------------------------------- कृति समीक्षक - राजीव 'प्रखर' ----------------------------------- आज के भाग-दौड़ भरे जीवन में जबकि, व्यक्ति के... Hindi · लेख 2 1 428 Share Rajeev 'Prakhar' 14 Jan 2020 · 1 min read चिड़िया रानी चिड़िया रानी, मन है मेरा, साथ तुम्हारे डोलूँ। जब से आंगन में तुम चहकीं, सूनापन घबराया। नित्य तुम्हारा कलरव करना, हम बच्चों को भाया। मनभावन यह प्रीत तुम्हारी, किन शब्दों... Hindi · कविता · बाल कविता 1 2 357 Share Rajeev 'Prakhar' 19 Nov 2019 · 1 min read खजाना मेरी एक पुरानी बाल रचना आज पुनः आप सभी के समक्ष - ??? खजाना ---------- चलो क़िताबें करें इकट्ठी, अपनी सभी पुरानी। हम तो पढ़कर निबट चुके हैं, पर ये... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1 344 Share Rajeev 'Prakhar' 1 Aug 2019 · 1 min read पहले जैसा चौका चौके में पहले सी पाटी, चलो बिछायें। बहुत हुआ अब अलग बैठकर, अपना खाना। सम्बंधों के मीठेपन का, मिटते जाना। वही पुरानापन आपस का, वापस लायें। चौके में पहले सी... Hindi · गीत 2 1 521 Share Rajeev 'Prakhar' 2 Apr 2019 · 1 min read सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो, छुट्टी में इस बार। पुस्तक बन कर तुम्हें पुकारें, प्रेरक गाथायें। आने वाले कल की बन कर, उजली आशायें। आगे तुम पर भी आना है, कर्तव्यों... Hindi · कविता · बाल कविता 1 393 Share Rajeev 'Prakhar' 2 Apr 2019 · 1 min read सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो, छुट्टी में इस बार। पुस्तक बन कर तुम्हें पुकारें, प्रेरक गाथायें। आने वाले कल की बन कर, उजली आशायें। आगे तुम पर भी आना है, कर्तव्यों... Hindi · कविता · बाल कविता 530 Share Rajeev 'Prakhar' 18 Mar 2019 · 1 min read देख चुनावी होली प्यारे देख चुनावी होली प्यारे, जोर-शोर से जारी। किस-किस ने किस-किस के जाने, कैसा रंग लगाया। खड़ा हुआ दर्पण के आगे, कुछ भी समझ न आया। छूट रही है सभी ओर... Hindi · गीत 264 Share Rajeev 'Prakhar' 17 Mar 2019 · 1 min read वादों का घोड़ा लो जी सरपट लगा दौड़ने, फिर वादों का घोड़ा। कोठी हो या झोंपड़पट्टी, सबको शीष नवाता। पीठ चढ़ाकर बड़े प्रेम से, स्वप्नलोक पहुँचाता। कुर्सी पर जमने को आतुर, सुबहो-शाम निगोड़ा।... Hindi · गीत 1 507 Share Rajeev 'Prakhar' 16 Mar 2019 · 1 min read आओ टेसू आओ टेसू, होली फिर से, तुम्हें बुलाती है। रंग-बिरंगा गरल हवा में, श्वास-श्वास मटमैली। चीर गँवाया मर्यादा ने, भाषा हुई विषैली। अम्मा गाकर गीत पुराने, काम चलाती है। आओ टेसू,... Hindi · कविता 1 1 296 Share Rajeev 'Prakhar' 5 Mar 2019 · 1 min read बाल-कविता : आओ चिड़िया रानी ------------------------- बड़े प्रेम से रखा हुआ है, छत पर दाना-पानी। उड़ती-उड़ती, चीं-चीं करती, आओ चिड़िया रानी। गोलू, जॉनी, रोज़ी, असलम, सबने जोर लगाया। कैसे लौटोगी तुम वापस,... Hindi · कविता 249 Share Rajeev 'Prakhar' 3 Mar 2019 · 1 min read चतुष्पदी (१) पापा ------- दुनिया के हर सुख से बढ़कर, मुझको प्यारे तुम पापा। मन के नभ में सूरज, चंदा और सितारे तुम पापा । ओढ़ तिरंगा वापस लौटे, बहुत गर्व... Hindi · मुक्तक 1 341 Share Rajeev 'Prakhar' 25 Feb 2019 · 3 min read कृति-समीक्षा : 'किसको कहूँ पराया मैं' सामाजिक सरोकारों को अभिव्यक्ति देती कृति - 'किसको कहूँ पराया मैं' ---------------------------- रचनाकार - वीरेन्द्र सिंह 'ब्रजवासी' ----------------------------------------- (समीक्षक - राजीव 'प्रखर', मुरादाबाद, उ० प्र०) सामाजिक सरोकारों से जुड़ी कृतियाँ... Hindi · लेख 1 286 Share Rajeev 'Prakhar' 22 Feb 2019 · 2 min read कृति-समीक्षा - 'स्पंदन' वर्तमान सामाजिक परिवेश को साकार करती कृति - 'स्पंदन' रचनाकार : अशोक विश्नोई समीक्षक : राजीव 'प्रखर' सामाजिक सरोकारों एवं समस्याओं से जुड़ी कृतियाँ सदैव से ही साहित्य का महत्वपूर्ण... Hindi · लेख 634 Share Rajeev 'Prakhar' 22 Feb 2019 · 1 min read कुछ दोहे बढ़ते पंछी को हुआ, जब पंखों का भान। सम्बंधों के देखिए, बदल गए प्रतिमान। देखी नटखट भ्रमर की, जब कलियों से प्रीत। चुपके-चुपके लेखनी, लगी चुराने गीत। छेड़ रहे हैं... Hindi · दोहा 2 321 Share Rajeev 'Prakhar' 9 Oct 2018 · 1 min read शरारत-नामा देख देख कर बच्चा पलटन, करती सा-रे-गा-मा। रजनी नानी की गोदी में, बैठे चंदा मामा। नीचे आ जाने को सारा, घर आवाज़ लगाता। लेकिन नन्हीं सेना को यह, बिल्कुल नहीं... Hindi · कविता 222 Share Rajeev 'Prakhar' 25 Sep 2018 · 1 min read कुछ पल का बचपन जीवन की इस भागदौड़ से, कुछ पल को बचपन में जायें। मेरे प्यारे बड़े साथियो, आओ मिलकर शोर मचायें। जीवन की इस भागदौड़ से...। चाहे टकलू, चाहे तोंदू, जो भी... Hindi · कविता 456 Share Rajeev 'Prakhar' 28 Jul 2018 · 2 min read कृति-समीक्षा संघर्षों को ध्वनि देता कहानी-संग्रह : 'दहकते गुलमोहर' ----------------------- समीक्षक : राजीव 'प्रखर', मुरादाबाद (उ. प्र.) कहानी साहित्य की एक ऐसी विधा रही है, जिसमें सदैव से ही उत्कृष्ट कृतियाँ... Hindi · लेख 464 Share Rajeev 'Prakhar' 30 Jan 2018 · 3 min read पुस्तक समीक्षा - 'नाद और झंकार' कृति-समीक्षा ----------------- प्रकृति से एकाकार करती कृति - 'नाद और झंकार' --------------------- कवयित्री - श्रीमती आदर्शिनी श्रीवास्तव समीक्षक - राजीव 'प्रखर' मुरादाबाद, उ. प्र. प्रकृति-प्रेम सदैव से ही रचनाकारों का... Hindi · लेख 423 Share Rajeev 'Prakhar' 10 Jan 2017 · 1 min read देवी देकर नारी-शक्ति का नारा, ये क्या ढोंग रचाते हैं l देवी से नफ़रत करके, देवी को शीष नवाते हैं l देकर नारी-शक्ति का नारा .. कहीं पे कोई किसी गर्भ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 487 Share Rajeev 'Prakhar' 9 Nov 2016 · 1 min read कुछ दोहे घोर तमस संसार में, भटक रहा इन्सान l सबके अपने देखिये, अलग-अलग भगवान l --------------- नई पौध के दौर में, मर्यादा यों ढेर l राह राम की तक रहे, फिर... Hindi · दोहा 582 Share Rajeev 'Prakhar' 7 Nov 2016 · 1 min read भाई दूज लेकर थाली खड़ी अकेली, मुझको गीत सुना जा ना l भाई-बहिन का प्यार अनोखा, फिर जग को बतला जा ना l सात समुन्दर पार से भाई, जब न घर आ... Hindi · कविता 301 Share Rajeev 'Prakhar' 6 Nov 2016 · 1 min read फिर आओ गिरधारी घोर तमस छाया है देखो, पाप-ताप लाचारी का l चहुँ ओर है झंडा ऊँचा, लोभी-अत्याचारी का l आहत है जग, मानवता का, एक नया युग लाने को l फिर से... Hindi · मुक्तक 1 929 Share Rajeev 'Prakhar' 15 Jul 2016 · 1 min read बन्दरबांट मित्रो, प्रस्तुत है मेरी एक पुरानी व्यंग्य रचना, शीर्षक है - 'बन्दरबांट l यह रचना कुछ वर्ष पूर्व 'अमर उजाला' में मेरे वास्तविक नाम (राजीव कुमार सक्सेना) से प्रकाशित हुई... Hindi · कविता 3 464 Share Rajeev 'Prakhar' 13 Jul 2016 · 1 min read कुछ लघु रचनाएं अब दुनियां में सम्बन्धों की, इक पहचान लिफ़ाफ़ा है l हर रिश्ते में. हर नाते में, बसती जान लिफ़ाफ़ा है l चाहे बजती शहनाई हो, या मातम हो मरने का... Hindi · मुक्तक 1 2 618 Share Rajeev 'Prakhar' 19 Jun 2016 · 1 min read गंगा-स्नान गंगा-तट पर जाकर भी ना, है पापों का भान l कौन कराएगा प्यारे, गंगा को स्नान l गंगा तट पर जाकर भी...l करके पावन जल को मैला, डुबकी मारें 'नंगे'l... Hindi · गीत 1 533 Share Rajeev 'Prakhar' 18 Jun 2016 · 1 min read साक्षात्कार झूठ बोल सकते हो ? नहीं साहब l चोरों लुटेरों की मदद कर सकते हो ? नहीं साहब l किसी निर्दोष और लाचार को सता सकते हो ? नहीं साहब... Hindi · कविता 1k Share Rajeev 'Prakhar' 17 Jun 2016 · 1 min read ममता ममता देकर पीड़ा हरती, जब-जब संकट आते हैं l मानव ही क्या,पशु-पक्षी भी, माँ की महिमा गाते हैं l ममता देकर पीड़ा हरती...l बच्चों की रक्षा को माँ हर, संकट... Hindi · गीत 750 Share Rajeev 'Prakhar' 16 Jun 2016 · 1 min read प्रश्नचिन्ह (?) गरीबी से त्रस्त और बेरोज़गारी से ग्रस्त, एक पढ़े-लिखे का दुर्भाग्य, अपनी जगह से कुछ हिला, जब प्रगति के नाम पर, 'घूस प्रशिक्षण केन्द्र' खुलाl ब्लैक में ही सही, वह... Hindi · कविता 767 Share Rajeev 'Prakhar' 16 Jun 2016 · 1 min read मगरमच्छ मोटे-ताजे-रसीले व्यंजनों के शौकीन, एक मगरमच्छ का दिल, एक नेताजी पर, मचल गया था l नेताजी का स्वास्थ्य, उसे रास आ़या, इसलिये वह उन्हें, पूरा का पूरा, निगल गया था... Hindi · कविता 1 402 Share Rajeev 'Prakhar' 15 Jun 2016 · 1 min read विकास विकास का प्रतीक इक शहर, गन्दगी में फँसा, रो रहा था l क्योंकि, कई वर्षों से वहाँ, किसी मन्त्री का दौरा, नहीं हो रहा था l आखिरकार, चमके उस शहर... Hindi · कविता 1 1 446 Share Rajeev 'Prakhar' 13 Jun 2016 · 1 min read कान्हा-व्यथा कान्हा बोले यूँ मैया से, "क्यूँ कलियुग में जाऊँ मैं l जो माखन अब नहीं है असली, काहे भोग लगाऊँ मैं"? कान्हा बोले यूँ मैया से ...l "गऊ माता लाचार... Hindi · कविता 420 Share Rajeev 'Prakhar' 12 Jun 2016 · 1 min read साया हरे-भरे इक पेड़ से मिलती, हमको शीतल छाया है l लगता ऐसा, सर पर अपने, बाबूजी का साया है l हरे-भरे इक पेड़ से मिलती ...l भोर भयो, पातों का... Hindi · कविता 1 2 398 Share Rajeev 'Prakhar' 11 Jun 2016 · 1 min read हरियाली बहिना बोली यूँ भैया से, ना झुमका, ना लाली ला l लाना ही चाहे तो केवल, ढेरों सी हरियाली ला l बहिना बोली ... l अब चीं-चीं करते वो पंछी,... Hindi · गीत 1 423 Share Rajeev 'Prakhar' 10 Jun 2016 · 1 min read जंग जात-पात और भेदभाव से अब लड़ने की बारी है, उठो साथियो, आज़ादी की जंग अभी भी जारी है l जिस आज़ादी की खातिर, वीरों ने फंदे चूमे थे, सुनकर जिसके... Hindi · गीत 374 Share Rajeev 'Prakhar' 9 Jun 2016 · 1 min read विष राधा रानी कब तारेंगी, फिर वृक्षों की छांवों को l गोकुल-मथुरा-वृंदावन औ, बरसाने से गांवों को l विष से आहत माता जमुना, कातर होकर पूछे है , क्या फिर से... Hindi · मुक्तक 508 Share