Lekh Raj Chauhan 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Lekh Raj Chauhan 29 Jul 2024 · 1 min read एक तेरा दिल एक तेरा दिल दुसरा तेरे गालों का तिल और बाकी बचा बिल तीनों बहुत तंग करते हैं। मरना कौन कमबख्त चाहता है, फिर भी हम बार-बार तुम पे ही मरते... 37 Share Lekh Raj Chauhan 23 Apr 2024 · 1 min read ले चल साजन शीर्षक: ले चल साजन ले चल साजन मुझे बादलों की छाँव में। ये जो मेरी पलकें है झुकी, तेरे उठते लिबास का कमाल है। ढंग जो है बदला,तेरी चाहत का... 1 140 Share Lekh Raj Chauhan 16 Jan 2024 · 2 min read ये खेत ये खेत ही तो है, जो मुझे मेरे पापा से मिला जाते । सुबह हो या फिर शाम , हर पल रहा इन से गहरा नाता, जब खेतों में हल... 1 115 Share Lekh Raj Chauhan 3 Jan 2024 · 1 min read तुम्हारी दौलत नई-नई है, तुम्हारी दौलत नई-नई है, प्यार में शरूर आने लगा। कली अभी खिली भी नहीं , भंवरे का मन ललचाने लगा। शबाब का जादू ऐसा चढ़ा, दिल मेरे को उकसाने लगा।... 1 136 Share Lekh Raj Chauhan 18 Dec 2023 · 1 min read शीर्षक:इक नज़र का सवाल है। शीर्षक:इक नज़र का सवाल है। तेरी इक नज़र का सवाल है सुनो तुम्हारा क्या ख्याल है। मेरे दिल का तो बुरा हाल है आगोश में जब-जब तुम होते मेरे ,... 1 352 Share Lekh Raj Chauhan 15 Dec 2023 · 1 min read शीर्षक:मन एक खेत शीर्षक:मन एक खेत मन एक खेत,रोपाई का खेत, बुआई की है, जो मन ने, अब उगने की बारी है । बेड़ा पार लगाये कौन? जब नैया में रिसाव जारी है।... 1 177 Share Lekh Raj Chauhan 10 Dec 2023 · 1 min read शीर्षक: मेरी पहचान शीर्षक: मेरी पहचान किसी और की मेहरबानियों पर मैं जिन्दा हूँ। मैं समझा,हर एक रचना का मैं कारकरिंदा हूँ। मैं!मैं तो कुछ भी नहीं, मेराअस्तित्व मेरा बजूद तो है एक... 1 194 Share Lekh Raj Chauhan 9 Dec 2023 · 1 min read काश तेरी निगाह में काश तेरी निगाह में मेरा घर बन गया होता, बार-बार आने-जाने का सिलसिला,फिर थम गया होता। काश तेरी निगाह में-----------। दुःख के बादल जब-जब घिर आते, बन के बारिश गम... 1 201 Share Lekh Raj Chauhan 8 Dec 2023 · 2 min read सियासत हथियाने की दौड़ में सियासत हथियाने की दौड़ में, अच्छे लोगों ने बनाई सरकार है। खज़ाने में आन्ना नहीं, अफसाने बनाती हजार है। कर्ज से फर्ज का वादा, पूरा कम, घपला ज्यादा, औवर ड्राफ्ट... Hindi 1 100 Share Lekh Raj Chauhan 5 Oct 2023 · 1 min read मैं सूरज दूर बहुत दूर मैं सूरज दूर बहुत दूर क्षितिज पर उगता हूँ तपता हूँ जलता हूँ चमकता हूँ, पर फिर भी मैं चलता हूँ। कभी तेज ,कभी हल्की शुबह की गुनगुनी धूप खिल-खिलाता... 1 230 Share Lekh Raj Chauhan 30 Jul 2023 · 1 min read तुम गर मुझे चाहती तुम गर मुझे चाहती तो बात कुछ और होती कहने को तो वैसे सांसें चल रही है, सांसों में गर मिठास घुल जाती तो बात कुछ और होती। नींद में... Hindi · कविता · गीत 2 1 473 Share Lekh Raj Chauhan 30 Jul 2023 · 1 min read संत कबीर संत कबीर नथिनी दीनी यार ने चिंतन कियो हजार । नाक दीनी करतार ने चिंतन दियो विसार । Quote Writer 216 Share