डॉक्टर वासिफ़ काज़ी Tag: कविता 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 15 Oct 2024 · 1 min read पुरुषार्थ शीर्षक -" पुरुषार्थ " भाग्य भरोसे रहने वाले मानव तू विचार कर । कर्मपथ पर बढ़ना है तो आलस का संहार कर ।। धैर्यपूर्वक चलता जा तू , आत्मबल पहचान... Hindi · कविता 1 32 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 15 Jul 2024 · 1 min read कविता - " रक्षाबंधन इसको कहता ज़माना है " शीर्षक - " रक्षाबंधन इसको कहता ज़माना है " देखो कितना..... दिन ये सुहाना है । रक्षाबंधन इसको कहता ज़माना है ।। नेह की डोर से बहन रिश्ता सजायेगी ।... Hindi · कविता 78 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 21 Mar 2024 · 1 min read कौशल कविता का - कविता शीर्षक - " कौशल कविता का " शब्द शब्द ये अहसास का झरना है । कविता से मन के घावों को भरना है ।। चोटिल होती भावनाएं, व्याकुल मन है... Hindi · कविता 1 446 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 1 Jan 2024 · 1 min read गुज़िश्ता साल -नज़्म शीर्षक - गुज़िश्ता साल [ नज़्म ] निकल रहा है एक और साल ज़िन्दगी से । पूछते रह गए...... हम सवाल ज़िन्दगी से ।। कितने ख़्वाब मुक़म्मल हुए, सोचते हैं... Hindi · Nazm · कविता 1 579 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 14 May 2023 · 1 min read माँ अंधेरी ज़िन्दगी का मेरी......... बस वही उजाला है । माँ की दुआओं ने हर दफ़ा मुश्किलों से निकाला है ।। जब भी गिरता हूं, लड़खड़ाता हूं दुनियावी सफ़र में ।... Poetry Writing Challenge · कविता 284 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 3 Apr 2023 · 1 min read मां - स्नेहपुष्प शीर्षक - " मां " मेरा जीवन , मेरी सांसें , मेरा सब कुछ है तू मां । तू नेह का नीर, हम प्यासे, मेरा सब कुछ है तू मां... Hindi · कविता 1 214 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 25 Oct 2022 · 1 min read ये कैसी आज़ादी - कविता शीर्षक - " ये कैसी आज़ादी " बरस बीते...... आज़ाद हुए पर, ख़्य़ाल अभी तक गुलाम बने हैं । आज़ाद मुल्क के बाशिंदे हम , क्यों ऱाम, रहीम, सतऩाम बने... Hindi · कविता 281 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 8 Oct 2022 · 1 min read - "इतिहास ख़ुद रचना होगा"- शीर्षक - " इतिहास ख़ुद रचना होगा " अंधकार से लड़कर अब आगे बढ़ना होगा । कलम उठा इतिहास ख़ुद हमें रचना होगा ।। बुद्धि बल से अब प्रगति सोपान... Hindi · कविता 2 3 235 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 13 Jul 2022 · 1 min read गुज़र गया एक और साल शीर्षक - " गुज़र गया एक और साल " विधा - नज़्म / काव्य रचना इश्क़ की मीठी बतियां और तक़रार भी हुई । कभी आया पतझड़ ,कभी बहार भी... Hindi · कविता 1 270 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 5 Jul 2022 · 1 min read प्रकृति - प्रेम 🌺 कविता 🌺 - शीर्षक - " प्रकृति-प्रेम " लू के गर्म थपेड़ों ने...............ख़ूब हमें सताया है । इस भीषण गर्मी ने हमको एक सबक सिखाया है ।। छीना हरियाली... Hindi · कविता 1 219 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 2 May 2022 · 1 min read परिंदों की व्यथा शीर्षक - " परिंदों की व्यथा " खुली हवा में उड़ना चाहते हैं परिंदे । उन्हें क़ैद कर क्या मिलेगा तुमको ? नापना चाहते हैं आसमाँ को वो अब ।... Hindi · कविता 1 173 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 29 Mar 2022 · 1 min read भाग्य शीर्षक - " भाग्य " बहाकर खूब पसीना अब, भाग्य ख़ुद लिखना होगा । अपने अटल इरादों से ही, इस रण में टिकना होगा ।। भूल पराजय का भय अब... Hindi · कविता 122 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 19 Mar 2022 · 1 min read नीर बिना है नीरस जीवन शीर्षक - " नीर बिना है नीरस जीवन " बिन पानी नामुमकिन जीवन । बंजर धरती...... सूना उपवन ।। हे अमृत सा ......प्यास बुझाता । तभी तो यह ...जीवन कहलाता... Hindi · कविता 1 284 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 30 Jan 2022 · 1 min read नवप्रभात शीर्षक - " नवप्रभात " भय के बादल छँट जाने दो , प्रेम की अब बात हो । अलविदा कहो आतंकी रात को, एक नया प्रभात हो ।। गोली चली,खून... Hindi · कविता 1 1 374 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 30 Jan 2022 · 1 min read कमाल इश्क़ का शीर्षक ..... " कमाल इश्क़ का " इश्क में तेरे ग़ुम हूं मैं, ख़ामोश और गुमसुम हूं मैं । नाम से तेरे इश्क मुकम्मल, बिन तेरे गुमनाम हूं मैं ।।... Hindi · कविता 2 1 268 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 8 Jan 2022 · 1 min read गुरु की महिमा - सादर आदरांजलि शीर्षक - " गुरु की महिमा " ज्ञान गुरु के बिना नहीं, गुरु की महिमा न्यारी है । रोशन है उनसे जीवन ये, बिन उनके दुनिया अंधियारी है ।। गढ़ते... Hindi · कविता 3 2 275 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 6 Oct 2021 · 1 min read जय भारत शीर्षक - जय भारत... विश्व विजेता बन कर जग में , इसकी जय जयकार हो । है भारत भूमि अपनी माता , सबको इससे प्यार हो ।। अमन पसंद इस... Hindi · कविता 1 1 226 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 6 Oct 2021 · 1 min read मुहब्बत की मिसाल - ताज बेमिसाल मोहब्बत की मिसाल : ताज बेमिसाल " बनाकर ताज शाहजहां ने, दुनिया को तोहफा दिया है । हर आशिक की यादों में, मुमताज को जिंदा कर दिया है ।। संगमरमर... Hindi · कविता 2 261 Share