Pt Sarvesh Yadav 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pt Sarvesh Yadav 15 Jul 2022 · 1 min read समय का मोल समय का मोल निज जीवन के आपाधापी में, जब छूट रहे हों अपने सब, फिर बाद मिले धन वैभव का , रह जाता कोई मोल नहीं। जब अपने हमें पुकार... Hindi 2 323 Share Pt Sarvesh Yadav 27 Jul 2021 · 4 min read छत्तर की बेटी छत्तर की बेटी गाँव का एक युवा किसान, अपनी पत्नी एक बूढ़ी माँ ,बेटा सुन्नर के साथ सुख चैन से जीवन यापन कर रहा होता है।लड़की की चाहत में फुलेनवा(किसान... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 10 641 Share Pt Sarvesh Yadav 11 Feb 2021 · 1 min read मैं इश्कबाज़ नहीं हे रूप मंजरी देख तुम्हें मन में ना कोई भाव जगा मैं व्यक्ति सिद्धांतवादी हूँ अपने पर ज़्यादा भाव ना खा हाँ देख लेता कभी तुम्हें पर मैं इश्कबाज़ नहीं... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 105 537 Share Pt Sarvesh Yadav 9 Feb 2021 · 1 min read दुनिया में हाहाकार जब मानवता होती शर्मसार ,प्रकृति छोड़ देती है साथ। प्रलय-आपात छा जाता है,हर-ओर हाहाकार मच जाता है। लोक,शासन,प्रशासन सब मारे-मारे फिरते हैं,अफ़सोस अपनी करनी पर पश्चाताप के साथ करते हैं।... Hindi · कविता 391 Share Pt Sarvesh Yadav 8 Feb 2021 · 4 min read सूफ़ी परम्परा में स्त्रियां सूफी परंपरा में स्त्रियां सूफी मत जो इस्लाम धर्म का ही एक अंग माना जाता है। किन्तु इस मत में इस्लाम की भांति कट्टरता देखने को नहीं मिलती। सूफी धर्म... Hindi · लेख 1 860 Share