Dr.Pratibha Prakash 113 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Pratibha Prakash 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदनायें संवेदना किसी भी वेदना का कारण होती हैं ये संवेदनाएं ही हैं जो निवारण भी करती हैं संवेदनाओं की अपनी होती एक निजी भाषा बिना शब्दों के आँखों में परिभाषा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 11 82 Share Dr.Pratibha Prakash 22 Apr 2024 · 1 min read परे नाम रूप आकारा, कण कण सृष्टि में विस्तारा परे नाम रूप आकारा, कण कण सृष्टि में विस्तारा नहीं विभाजित रूपों में, सिरजन पालक स्वयं संहारा| एक रूप सर्वोच्च सदा ही, करे प्रमाणित भक्ति अपारा असंख्य ब्रह्मण्डों के स्वामी,... Hindi · कविता 2 1 14 Share Dr.Pratibha Prakash 21 Apr 2024 · 1 min read नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी ,नहीं अबला तुम शक्ति सप्तशती तुम ही काली तुम कपालिनी .................नारी तू नारायणी गोद तुम्हारी वात्सल्य झूले, ममता तुम्हारे आंचल फूले तुमसे स्नेह पराग... Hindi · कविता 2 1 28 Share Dr.Pratibha Prakash 21 Apr 2024 · 1 min read संवेदनाएं संवेदनाये जगती हैं तो भावनाएं बन जाती हैं संवेदनाएं मरती हैं तो दुर्घटनाएं हो जाती है || संवेदनाओं में पिरोकर ही होता ईश का वंदन सवेनाओं में ही जागता है... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 12 188 Share Dr.Pratibha Prakash 17 Apr 2024 · 1 min read सत्य न्याय प्रेम प्रतीक जो सत्य न्याय प्रेम पर्याय जो,सकल सृष्टि का पालनहारा कोटि कोटि ब्रह्मांडों का स्वमी, जीव निर्जीव का सिरजनहारा सृष्टि समिष्टि रचना है जिसकी, एक ही शक्ति भवभंजनहारा कर्मशील मानव को बनाया,... Hindi · कविता 1 1 31 Share Dr.Pratibha Prakash 17 Apr 2024 · 1 min read नित्य प्रार्थना नित्य प्रातः हम तुम्हें पुकारें जीव निर्जीव के सिरजनहारे सकल ब्रह्मांडों के निर्माता हर प्राणी के प्राण आधारे अंश तुम्हारा मूक सभी में कर्मफलदाता आप हमारे जड़ नहीं चेतन शक्ति... Hindi · कविता 1 1 25 Share Dr.Pratibha Prakash 12 Apr 2024 · 1 min read धर्म अर्थ कम मोक्ष आओ आज करते हम चर्चा, धर्म अर्थ मोक्ष काम की गहन ज्ञान का सागर है ये, परिचर्चा बहुत ही काम की कुछ भी अर्थ हीन नहीं सृष्टि में , दोष... Hindi · कविता 4 1 66 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Apr 2024 · 1 min read योगी शून्य प्रसून परम योगी योगेश्वर, तुम महादेवाधि ईश्वर परमेश्वर तुमसे सुशोभित भू कुल मण्डल, तुम ही नाथ अगम्य अगोचर सकल ब्रह्माण्ड तुम्हारी माया , श्वांस श्वांस समझ यही आया काला... Hindi · कविता · गीतिका 2 1 41 Share Dr.Pratibha Prakash 6 Apr 2024 · 1 min read मात्र मौन हृदय में कोई आहट हुई लगा कदाचित हुआ आगमन कौन कौन निरुत्तर रह गई ओह ये मौन है शब्द मूक हो गए व्याकरण शून्य रह गए अधर सिले के सिले... Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) 3 1 39 Share Dr.Pratibha Prakash 6 Apr 2024 · 1 min read कैलाशा तेजोमय तेजस रूप तिहारा , ओजोमय ओजस रूप तिहरा सकल ब्रह्मांडों के तुम स्वामी , श्री चरणों में प्रणाम हमारा || समस्त लोक तोहे नित ध्याएं, तेरे ही गुणों को... Hindi · कविता · गीतिका 2 1 28 Share Dr.Pratibha Prakash 2 Apr 2024 · 1 min read एकाकी इस भीड़ युक्त दोपहरी में मन मेरा एकाकी; साथी तो जग सारा खोजूं मैं सच्चा साथी... क्रंदित हो उठा है हृदय सब में छिपी है निश्चित प्रलय ; सर्वथा सर्वव्याप्त... Hindi · कविता 4 2 56 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Mar 2024 · 1 min read दिन ढले तो ढले हँसकर मिलना तुम सभी से गले अगर दिन ढलता है तो ढले ...हंसकर ... निशा है ये काली पर कट ही जाएगी मुश्किल है मंजिल मगर मिल जाएगी न हिम्मत... Hindi · गीत 3 28 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Mar 2024 · 1 min read होली पर उड़ता गुलाल, लाल, लाल अज गाल पर हंसी ठिठोली अज, होली की फुहार पर गली-गली शोर-होर, हर इक द्वार पर बाल गोपाल ग्वाल, रंगों की बौछार पर सरसों की पीत... Hindi · कविता 3 22 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Mar 2024 · 1 min read आप हो सम्पूर्ण जीवन अब हवाले आपको ये तन-मन समर्पण हो सदा आपको रहे ध्यान चरणों में सदा आपके मेरी हर खुशी आनंद आप हो है बस तमन्ना कि मैं पाऊँ आपको... Hindi · कविता 3 58 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Mar 2024 · 1 min read बाढ़ झंझावातो की बाढ़ सी आई है रुकावटों की बहार सी आई है अचानक सब रुक सा गया है चलते चलते मन थक सा गया है तकते तकते सफलता की राहें... Hindi · कविता 3 26 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Mar 2024 · 2 min read अकेले आए हम अकेले है जाना अकेले , बहकाते हैं ये दुनियाँ के मेले कुछ भी नहीं है सच्चा यहाँ , सारे ही रिश्ते हैं मिथ्या यहाँ बालू के ढेर पर... Hindi · गीत · गीतिका 3 173 Share Dr.Pratibha Prakash 24 Mar 2024 · 1 min read हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान करें प्रकाशित सहजता संग, करें हिन्दी का गुणगान मेरी सत्यार्थ को भी दिया आपने ही रूप साकार जैसे तपती रेत जेठ... Quote Writer 3 38 Share Dr.Pratibha Prakash 22 Mar 2024 · 3 min read सत्य आराधना तुम विलय, तुम प्रलय, काल तुम महाकाल हो आदि तुम अनादि तुम, अनंत और अकाल हो शांति तुम क्षमा, क्षुधा, अखण्ड, विखंड, शंखनाद नाद अनहद परिधि क्षितिज, शून्य तुम विशाल... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 2 160 Share Dr.Pratibha Prakash 19 Mar 2024 · 1 min read सत्य कौन है वो रचा सृष्टि को जिसने, अनवरत नियमों में बांधा किसने कौन है वो क्या उसकी सच्चाई ,क्या कभी किसी को समझ है आई मनुष्य सर्वश्रेष्ठ है प्राणी, भाषा... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 53 Share Dr.Pratibha Prakash 18 Mar 2024 · 1 min read तुम सत्य हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो तुमसे ही मेरे अर्थ सारे, बिन तेरे सबकुछ व्यर्थ हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो,शाश्वत तुम ही... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 122 Share Dr.Pratibha Prakash 18 Mar 2024 · 1 min read शाश्वत सत्य अटल अडिग अविचल निश्चय सत्य सनातन शाश्वत परिचय अनादि अनन्त अगम अगोचर,शान्त सहज भय से भयंकर बांधे सकल काल अणु रज रज, भू अम्बर प्रकृति हर अक्षर शत सूर्य कोटि... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 2 65 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Mar 2024 · 1 min read महिला दिवस भारत माता कह बुलाते अपने राष्ट्र का परिचय देते दुर्भाग्य मगर भटकी पीड़ी का महिला दिवस मानाने पड़ते नारी शक्ति द्योतक है मानी पवित्र गूंजती वेदों की वाणी कैसे भूल... Hindi · कविता 4 51 Share Dr.Pratibha Prakash 3 Feb 2024 · 1 min read एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया एक साधक की साधना ने, आज यहाँ एक मार्ग बनाया|| यही प्रार्थना उस परम सत्ता से, अपने हर उत्कर्ष... Quote Writer 7 3 107 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read बाल नृत्य नाटिका : कृष्ण और राधा दृश्य बाल कृष्ण अपने सखाओं के संग और राधिका मार्ग में गोपियों के संग छम-छम, छम-छम बाजे पायल,राधा के संग आये श्यामल पीछे सारे गोपी गण हैं , बने प्रतीक्षित... Poetry Writing Challenge · कविता · नाटक · बाल कविता 10 4 334 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read ह्रदय के आंगन में मेरे हृदय के इस आँगन में, रहता था बस सूनापन देकर अपनी मीठी छुअन, जगा दिया तुमने स्पंदन क्यों किया तुमने ऐसा, चुभा दिया कांटा हो जैसा क्यों जानी मेरी... Poetry Writing Challenge · कविता · गीत 10 4 313 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read प्राप्ति मिला है वो जिसकी थी तलाश सदियों से या कई जन्मों से वो वोधि ज्ञान या कैवल्य तत्व ज्ञान या अध्यात्म पा लिया मैंने सर सृष्टि का पा लिया एहसास... Poetry Writing Challenge · कविता 10 2 149 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read एक साँझ ढलता सूर्य तो आती साँझ, कुछ कथ्य कहे अनकहे सत्य समझाए निशा है आये होगी दीप्तिमान प्रतीक्षा, कुछ अपूर्ण इच्छा महत्ता निशा की ज्ञान अंधकार का एक प्रयासित प्रयोग है... Poetry Writing Challenge · कविता 9 105 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 2 min read हे मनुज श्रेष्ठ मैं सूक्ष्म अति मैं ही विराट मुझसे ही विशाल हिम ललाट । मुझमें सारा सकल सृजन, सुशोभित मुझसे ये धरा गगन । मैं ही जल अग्नि व्योम समीर , मैं... Poetry Writing Challenge · कविता 11 3 409 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read बोध उम्र बीत गई झुर्रियां आ गईं काश ये तब समझ लिया होता ......... समय का वहाव है सब अपनों के ही दिए घाव हैं सब ......... सत्य तो बस सनातन... Poetry Writing Challenge · कविता 9 130 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read खिन्न हृदय हृदय बड़ा खिन्न सा है, दृष्टि गोचर भिन्न सा है हर तरफ स्वार्थ लिप्सित, रिश्ते नाते सब भाव रिक्त कहें को सब अपने हैं, देखो तो सब सपने हैं विचरण... Poetry Writing Challenge · कविता 9 130 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read अनंत का आलिंगन न जाने किसकी आँखों से बरस रहा सावन बिन सावन बूंदे अति शीतल हैं फिर भी छलनी सीना होता क्यों साजन न जाने किसकी आँखों से.................... झर-झर झर-झर बरसे नैना... Poetry Writing Challenge · कविता · गीतिका 9 237 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read इक तेरे सिवा तुमसे हटकर सोचूं भी क्या, इक तेरे सिवा जगत रखा क्या पंचतत्व में तुम ही समाये , तुमसे सुन्दर जगत में और क्या ......... ये तारे, नज़ारे सब तुम्हारे इशारे,सागर... Poetry Writing Challenge · कविता · गीतिका 10 2 156 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read मेरे कलाधर श्यामल शस्य भू नीला अम्बर , शोभित मध्य मेरे कलाधर शास्वत सत्य डारि बाघम्बर, गुंजित बम-बम और हर-हर स्वर शोभित मध्य मेरे कलाधर ................ अजानुबाहु आशीष को देते, मन निर्मल... Poetry Writing Challenge · कविता · गीतिका 9 144 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read प्रीत की चादर बदली ने ओढ़ प्रीत की चादर , भू को आज भिगोया है और धरा ने फैला बाहें, बूंदों को सीने में पिरोया है .............. नाचे मोर पपीहा गाए,झूम झूम सावन... Poetry Writing Challenge · कविता · गीत 9 109 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read मिलन की वेला सायंकाल फिर मिलन की वेला, तेरी राह निहारेगी मैं तोडूंगा धीर स्वयं का, तू वेसुध होकर आएगी ............ लाज से भरे तेरे नैनन में, प्रेम रिक्त रह जाएगा अपने हाथों... Poetry Writing Challenge · गीतिका 9 149 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read व्याकुल तू प्रिये क्यों होती है व्याकुल तू, प्रिये मैं तेरे हृदय में रहता हूँ, तू यहाँ वहां क्यों खोज रही, तेरे अंतर्मन में रहता हूँ ..................... तेरे केशों की काली घटा में,... Poetry Writing Challenge · कविता 9 93 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read युग बीत गया एक युग बीत गया हो जैसे, तेरी चितवन को पाए नैन भए पत्थर हों जैसे, तेरी राह में पलक बिछाए... सुन स्वामी अंतर्यामी है तू ,सर्वज्ञ सर्व व्यापी है तू... Poetry Writing Challenge · कविता 9 85 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read किसी से मत कहना किसी से मत कहना किसी से मत कहना ............... कांधे पर सिर रखकर हमने, जो पल तेरे साथ बिताए तेरी धड़कन जो गीत गाए, गीतों का अदभुत वह राग अधरों... Poetry Writing Challenge · कविता 9 93 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read ये पीढ कैसी ; ये पीढ कैसी ये प्रीत कैसी, ये रीत कैसी ये प्रीत कैसी शूल चुभाए पवन ये कैसी, सुलगे हृदय में ये अगन कैसी ।। हे री सखी कह; ये राह... Poetry Writing Challenge · कविता 10 105 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read मिलन की वेला घटा घनघोर छाई , संदेश पिया का लैके आई लगे मिलन की वेला , अब आई- अब आई ............. बदरा भये अब कारे-कारे, जैसे नैन तेरे कजरारे मेघ झुके तो... Poetry Writing Challenge · गीत 10 80 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read हे नाथ कहो हे नाथ कहो ………….. कोई शब्द जो मेरे मन में आता; क्या तुमसे मिलकर आता है ? जो भाव उठा मेरे उर में, क्या तुम तक स्वामी जाता है ?... Poetry Writing Challenge · कविता 10 110 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read योग न ऐसो कर्म हमारा मन चाहे तुझमें खो जाऊं, योग न ऐसो कर्म हमारा ज्ञान न एतो तुमको पा लूँ ,ताहि रटूं मैं नाम तिहारा हर पल तेरा दर्शन मांगू ,मैं तेरी हूँ इतना... Poetry Writing Challenge · कविता · गीत 10 98 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read प्रार्थना प्रर्थना शब्दों से ऊपर ही रहती, हृदय भाव की ये भाषा प्रार्थना मात्र भाव हृदय के, नहीं कोई ये परिभाषा ।। प्रभु ये उपवन देन तुम्हारी, मात पिता संग हो... Poetry Writing Challenge · कविता 10 89 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 2 min read अध्यात्म का शंखनाद ज्ञान ज्ञान ज्ञान बोल कर मांगते सम्मान हैं ज्ञान हैं जहां नहीं कह रहे पहचान है | साम दाम दण्ड से, छल हेर फेर फंद से वीर-पीर कह रहे, हम... Poetry Writing Challenge · कविता 11 2 163 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read तुझमें : मैं लोक में त्रिलोक में, मैं ही धरा आलोक में प्रसन्नता पर्याय मैं ही, मैं ही कारण शोक में पूजा दया और दान में, मैं करुणा के सार में समस्त विकारों... Poetry Writing Challenge · कविता 11 1 264 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read अध्यात्म का अभिसार आदि अनादि अनन्त वो, महाकाल और प्रचंड है बहुरूपणी सर्वरूपणी, अगोचर अगम अखण्ड है देव-दैत्य. गंधर्व-यक्ष, भगवानों का भगवान है नाम रूप मुक्त वो,नहीं रिक्त कोई स्थान है।। सत्य का... Poetry Writing Challenge · कविता 11 1 273 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read एक नया अध्याय लिखूं एक नया अध्याय लिखूं ,तेरा तुझसा पर्याय लिखूं। मिलन विरह से ऊपर उठ, मुक्त छंद दो चार लिखूं ।। स्तुतियों में जिसका वर्णन है, श्लोकों में जिसका वंदन है ।... Poetry Writing Challenge · कविता 11 3 443 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read तुम सत्य हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो तुमसे ही मेरे अर्थ सारे, बिन तेरे सबकुछ व्यर्थ हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो,शाश्वत तुम ही... Poetry Writing Challenge · कविता · गीतिका 13 1 578 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read बुला लो जन्म जन्म की मैं हूँ प्यासी सदा रहूँ दर्शन अभिलाषी अपने स्नेह से किया सवेरा जैसे मिटा हो जन्मों का फेरा मन मन्दिर में किरण जगाई जीवन जीने की आस... Hindi · कविता 10 96 Share Dr.Pratibha Prakash 19 Jan 2024 · 1 min read पुनर्जागरण काल ये पावन पुनीत अमृत वेला है जो पी रहा रस हो अलवेला है हर तरफ एक ही गूंज गूंज रही जय जय हो बस यही धूम रही महक रहा अध्यात्म... Hindi · कविता 10 90 Share Page 1 Next