Prashant 'अरहत' 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Prashant 'अरहत' 12 Mar 2025 · 1 min read ग़ज़ल दोस्ती को इस तरह हमसे निभाना एक दिन घर हमारे यार अब फ़ुर्सत में आना एक दिन/1 हम अभी गर्दिश में हैं गुमनाम हैं पर देखना खोजता हमको फिरेगा ये... Hindi · ग़ज़ल · शेर 1 28 Share Prashant 'अरहत' 30 Dec 2021 · 1 min read वो करेगी अब मुझे बदनाम यानी अरकान-फ़ाइलातुन-फ़ाइलातुन-फ़ाइलातुन तक़ती- 2122 2122 2122 ★ग़ज़ल★ ये दलीलें और ये इल्ज़ाम यानी, वो करेगी अब मुझे बदनाम यानी ? बेवज़ह जो मशवरा देते रहे हैं, अब करूँगा दूर से प्रणाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 193 Share