प्रकाश जुयाल 'मुकेश' Tag: गीत 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 22 Feb 2024 · 1 min read कर्ण का शौर्य कोई नहीं भुवन में मुझसा कोई नहीं धनुर्धर है बाकी । कौन समक्ष ये आ गया है जल रहा अग्नि की भांति ।।1।। जिन भुजाओं में ये पराक्रम कोटि सूर्य–सा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 2 2 94 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 22 Feb 2024 · 1 min read बचपन हकीकत से रूबरू हो आए अब यादों के सहारे जिंदगी । मुड़कर भी आना चाहूं तो समेत ना पाऊंगा जिंदगी ।।1।। सारी खट्टे मीठे अनुभव समेट आयी मेरी जिंदगी ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 4 90 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 22 Feb 2024 · 1 min read प्रभु तुम ही याद हो प्रभु तुम ही याद हो प्रभु तुम में ही मिलना है।।1।। सुपथ का पथ देखे हम हमें ऐसी दृष्टि देना।।2।। भले कांटे हो राहों में भले अंगारों पर चलना।।3।। मुझ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 2 162 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 22 Feb 2024 · 1 min read हिंदी से स्वराष्ट्र की हिंदी से स्वराष्ट्र की चेतना तुम जगा दो ।। हिम से हिंद का विस्तार तुम कर दो ।।1।। मानव में प्रेम का प्रकाश तुम जगा दो ।। बढ़ रही विकृति... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 1 65 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 22 Feb 2024 · 1 min read सन 1947 से पहले का दृश्य समीर तेरे आने का एक प्रभाव दिख गया । गरज रहे थे कृष्ण घन जो श्वेत कमल सा खिल गया ।।1।। अब बूंद भी बरसे तो शांत चित्तमन सब हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत · संस्मरण 1 75 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 22 Feb 2024 · 1 min read व्याकुल हृदय तुम हवा से आ गयी मैं समीर बन गया । तुम भोर की किरण मैं सूरज बन गया ।।1।। तुम हवा से आ गयी...... इक्तफाक रख रहे हम यूं मिल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 1 46 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 22 Feb 2024 · 1 min read विरह रूप (प्रेम) तेरे मेरे है दरमियां कटती है रातें शामों सुबह । ये कैसी उलझन है बढ़ गई तेरे मेरे फसलों में कहीं ।।1।। तेरे –मेरे...... कभी ना एक पल अकेले रहे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 1 112 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 22 Feb 2024 · 1 min read शब्दों के चरण में बच्चा तुम शब्दों को जैसे पिरोगे पन्नों में । वो वैसा ही आकर बनते चलेंगे ।। तुम लिखोगे उसे जब वो पुकारेंगे उसको । वो स्याही होगी उसी का दर्पण ।।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 1 62 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 22 Feb 2024 · 1 min read जंगल जंगल जाने का सफर रंग बिरंगे पेड़ों के संग । आहत करती हवा भी बता रही थी पग–पग ।। आने वाली है बरसाते समेट ली मैंने वो यादें । सूखे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 1 62 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 22 Feb 2024 · 1 min read नेतृत्व धीर का स्वभाव वो जला सके सुषुप्त भी । प्रमुख हो प्रबुद्ध हो जीव के प्राण भी ।। एक ही हुंकार हो मानवों के देह में । जय जय कार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 1 70 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 21 Feb 2024 · 1 min read परीक्षा से वो पहली रात आज भी यादों में है मेरे वो हालात । कैसे भूल सकता हूं परीक्षा की वो रात ।।1।। जग कर रात रातों ने शब्दों के हालातों ने । मुझे विवश... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 1 110 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 4 Jun 2019 · 1 min read बेटी से ही संसार वेदों ने रचना कर डाली । स्वर्ण मयी आभा सी वो ।। निर्मल गंगा बहती आयी । वसुधा के धरातल को ।। स्वर्णमयी हो गया है युग । सृष्टि की... Hindi · गीत 6 4 887 Share