pradeep kumar Tag: ग़ज़ल/गीतिका 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid pradeep kumar 16 Aug 2020 · 1 min read हो गये हैं...... मुजरिमों के मार्गदर्शक, मित्र, थाने हो गये हैं। इसलिए ही जुर्म के मौसम सुहाने हो गये हैं।। काटनी है जिंदगी उनको सजा के रूप में अब। स्वर्ग में तब्दील सारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 431 Share pradeep kumar 31 Jul 2020 · 1 min read साँप पाले जायेंगे। फैसले जनहित के सारे कल पे टाले जायेंगे। आस्तीनों में दुबारा साँप पाले जायेंगे।। खून होगा आपसी सद्भाव का चारों तरफ। धर्म मजहब जाति के मुद्दे उछाले जायेंगे।। भेड़ियों के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 240 Share pradeep kumar 25 Jun 2020 · 1 min read आजकल शौक है नेमत कहाँ है आजकल। इश्क में गैरत कहाँ है आजकल। बिन डरे दुनिया में सच कोई कहीं। बोल दे हिम्मत कहाँ है आजकल।। पटरियों फुटपाथ सड़कों पर पड़ा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 213 Share pradeep kumar 5 Dec 2016 · 1 min read सियासत करे चाहे नहीं कुछ भी, बजा पर ढोल देगी ये। मिलाकर झूठ को सच में, तराजू तोल देगी ये।। सियासत तो सियासत है, सियासत का भरोसा क्या। अभी बोला है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 256 Share pradeep kumar 5 Dec 2016 · 1 min read किसान भूखा है। किसी की चाहतें प्यासी, कोई अरमान भूखा है। कहीं मजदूर भूखे हैं, कहीं किसआन भूखा है।। जिसे हो देखना देखो, निगाहों से मेरी आकर। सड़क फुटपाथ चौराहों पे हिंदुस्तान भूखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 321 Share pradeep kumar 5 Dec 2016 · 1 min read कोई भूखा नहीं होता। कोई नंगा नहीं होता कोई भूखा नहीं होता। सियासत ने अगर इस देश को लूटा नहीं होता।। जरा नजदीक आकर देखिए फिर मान जाओगे। सियासत में कभी पूरा कोई वादा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 272 Share pradeep kumar 5 Dec 2016 · 1 min read खुश्बुएँ प्यार की। खुश्बुएँ ये प्यार वाली फिर लुटाने दो मुझे। साख अपने इस वतन की अब बचाने दो मुझे।। जो अमन के नाम पर भी बन चुके धब्बा उन्ही। दुश्मनों का आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 485 Share pradeep kumar 13 Nov 2016 · 1 min read बुरा है इश्क जालिम गजल हँसाता है रुलाता है रुलाता है हँसाता है। बुरा है इश्क ये जालिम सभी को आजमाता है।। नहीं वो बात करता है जहाँ के सामने मुझसे। अकेले में मगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 477 Share pradeep kumar 12 Nov 2016 · 1 min read यार हमको भी मुहब्बत हो गई। दर्द सहने की हां' आदत हो गई। यार हमको भी मुहब्बत हो गई।। खुश हुई जनता तेरे फरमान से। औ सियासत की सियासत हो गई।। अब जहाँ कहने लगा शायर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 249 Share pradeep kumar 10 Sep 2016 · 1 min read सियासी राग सियासी राग गाया जा रहा है। हमें उल्लू बनाया जा रहा है।। गडे़ मुर्दे उखाडे़ जा रहे हैं। मगर सच को दबाया जा रहा है।। गरीबी को मिटा पाये नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 395 Share pradeep kumar 31 Aug 2016 · 1 min read कभी कोई कभी कोई जलाता है बुझाता है कभी कोई कभी कोई। मेरी हस्ती मिटाता है कभी कोई कभी कोई।।1 बुरा चाहा नहीं मैनें जहाँ में तो किसी का भी। मुझे क्यूं आजमाता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 524 Share pradeep kumar 27 Aug 2016 · 1 min read सनम मेरा मुझसे चुराता है मुझको। रुलाता है मुझको हँसाता है मुझको। सनम मेरा' मुझसे चुराता है मुझको।। जिसे हर कदम पर सँभाला था मैंने। वही आज आँखें दिखाता है मुझको।। उन्हे देखकर के यही लग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 526 Share pradeep kumar 27 Aug 2016 · 1 min read मैं हूँ दीप वो जो सदा ही जला हूँ। नहीं मैं रुकूंगा नहीं मैं रुका हूँ। सचाई के पथ पर सदा ही चला हूँ।। कमी ढूँढने में लगे क्यूं हो मेरी। कहा कब है मैनें कि मै देवता हूँ।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 341 Share pradeep kumar 27 Aug 2016 · 1 min read नजरें मिलाऊं कि नजरें चुराऊं। गजल जहाँ को भुला दूं मैं खुद को भुलाऊँ। मगर है न मुमकिन तुम्हे भूल जाऊँ।। सभी जख्म रिसने लगे हैं मेरे अब। कलेजे को किससे कहां मै सिलाऊं।। बुरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 372 Share pradeep kumar 27 Aug 2016 · 1 min read शस्त्र होती कलम है कलमकार की। है मुझे अब जरूरत न तलवार की। शस्त्र होती कलम है कलमकार की।। 1 लूट चोरी डकैती तथा अपहरण। हैं यही सुर्खियाँ आज अखबार की।।2 साथ सच का निभाना हमेशा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 262 Share pradeep kumar 24 Aug 2016 · 1 min read रूठा रुठा सा लगता है मुझको ये भगवान तभी। गजल ज्यादा पैसे की चाहत है, भूल गया मुस्कान तभी।। खुदा देवता बनना चाहा नही रहा इंसान तभी।। दया भावना बची न बिलकुल इंसां एक मशीन बना। अंदर से हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 348 Share pradeep kumar 7 Aug 2016 · 1 min read जिंदगी हर कदम आजमाती रही। मैं सँभलता रहा ये गिराती रही। जिंदगी हर कदम आजमाती रही।। हर कोई साथ मेरा गया छोड़, पर। मुफलिसी साथ मेरा निभाती रही।। जब मुझे ये लगा भूल तुझको गया।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 502 Share pradeep kumar 1 Aug 2016 · 1 min read अब सियासत ढल गई व्यापार में। जब सदा रहना नहीं संसार में। क्यूं उलझते हो भला बेकार में।। प्यार में ताकत यहाँ जो है सुनो। वो नहीं ताकत किसी तलवार में।। काम ज्यादा कर रही तलवार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 230 Share pradeep kumar 30 Jul 2016 · 1 min read दुनिया मुझे जलाती है। रात दिन अब मुझे रुलाती है। याद अकसर तेरी सताती है।। मौत से क्या गिला करूँ यारों। जिंदगी जब ये आजमाती है।। चांद भी देखकर लगे जलने। रुख से परदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 410 Share pradeep kumar 21 Jul 2016 · 1 min read मैं थका था पर मुझे चलना पडा़। इश्क में क्या क्या नहीं सहना पड़ा।। मैं थका था पर मुझे चलना पड़ा।। उस सितमगर से हुआ जब प्यार तो। हर घड़ी मुझको यहाँ जलना पड़ा।। की बहुत खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 529 Share pradeep kumar 18 Jul 2016 · 1 min read बचाने श्याम आयेगा। तुम्हारे हाथ में जब भी छलकता जाम आयेगा। लबों पर तब हमारा ही सनम इक नाम आयेगा।।1 कहीं गीता में कृष्णा ने जो बातें सत्य हैं बिलकुल। करोगे जो बुरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 435 Share pradeep kumar 17 Jul 2016 · 1 min read बेटी सयानी हो गयी। इस जहाँ में इश्क की अदभुत कहानी हो गई। श्याम की वंशी को सुन राधा दिवानी हो गयी।।1 चांद तारे हँस रहे हैं देखकर अपना मिलन। आज की ये शाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 693 Share pradeep kumar 17 Jul 2016 · 1 min read गान तेरा सदा गुनगगुनाता रहूं। गीत तेरे लिखूं छंद तेरे लिखूं गान तेरा सदा गुनगुनाता रहूं। रक्त अपना बहा सरहदों पर ते'री, भारती कर्ज तेरा चुकाता रहूं।। शारदे दीजिये धार तलवार सी, नित कलम को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 332 Share pradeep kumar 16 Jul 2016 · 1 min read हाथ में इक खत पुराना आ गया। हाथ में इक खत पुराना आ गया। याद फिर गुजरा जमाना आ गया।। 1 प्यार से देखा उन्होने जब हमें। तो हमें भी मुस्कुराना आ गया।। 2 जल गया सारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 362 Share pradeep kumar 15 Jul 2016 · 1 min read वतन की शान लगते हैं। एक गजल मापनी ---1222 1222 1222 1222 कभी हैवान लगते हैं कभी शैतान लगते हैं। नहीं इंसान अब लेकिन यहाँ इंसान लगते हैं।। उन्ही का हल नहीं मिलता जमाने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 444 Share