प्रदीप कुमार गुप्ता Language: Hindi 72 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रदीप कुमार गुप्ता 29 Jul 2024 · 1 min read काश मुझे तुम दे जाते मै पड़ी जब बिस्तर पर, तप रहा बदन, था चढ़ा बुखार। काश मुझे तुम दे जाते, थोड़ा अपना प्यार दुलार। चाय बना कर मुझे पिलाते, और हालचाल लेते बार बार,... Hindi · कविता 83 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2024 · 1 min read धूल धूल उडी उड़ बैठ गयी, कँहा बैठ गयी कुछ पता नही। जब उड़ती थी तब द्र्ष्य हुयी, जब बैठ गयी तब दिखी नहीं। कोई तेज हवा का झोंका था, जिसने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 97 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2024 · 1 min read जिंदगी हंस के जियो यारों जिंदगी हंस के जियो यारों, कल ये किसने देखा है। गर गौर से देखो तो हर, हाँथ में किस्मत की रेखा है। जिंदगी हंस के जियो यारों, कल ये किसने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 71 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2024 · 1 min read हिंदी दिवस वक़्त की देखो, क्या है माया। बचपन की बोली को, हमीं ने भुलाया। कहते हैं हम, उसे मातृभाषा, माँ सरीखी होती है। देखो आज यंहा "हिंदी" घुट घुट के रोती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 52 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2024 · 1 min read रिश्ते रिश्ते होते हैं बड़े नाजुक जैसे हो कांच, ना आने दीजिये उन पर कभी भी आंच। बड़ा मुश्किल होता है जोड़ना तोड़ के, चला जाता है जब कोई अपना मुँह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 1 113 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2024 · 1 min read वो दिन कभी ना आएगा वो दिन कभी ना आएगा, जब सब अच्छा हो जायेगा। अपने जीवन की खुशियों को, तू कल में कभी ना पायेगा। वो दिन कभी ना आएगा, जब सब अच्छा हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 63 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2024 · 1 min read अध्यापक मिट्टी के ढेलों को जिसने, बर्तन में बदला हर बार। कितनी भी सख्त हो मिट्टी, पर मानी ना उसने हार। एक हाँथ में छड़ी थी जिसके, हाँथ में दूजी लिए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 69 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2024 · 1 min read नयी कविता किसी को देखकर सोंचा, लिखूं एक सुन्दर कविता आज। सजाऊँ अलंकारों से उसको, छेड़ूँ फिर कोई मधुर साज। वक़्त बीत गया किसी की, तारीफ में गीत गाने का। किसी को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 80 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2024 · 1 min read मृत्यु मृत्यु नहीं है अंत भला, ये तो आरम्भ निराला है। एक अध्याय जो खत्म हुआ, अब दूसरा खुलने वाला है। मृत्यु नहीं है अंत भला, ये तो आरम्भ निराला है।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 59 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 27 May 2024 · 1 min read जीवन ऐसे ही होता है कोई हँसता है कोई रोता है, जीवन ऐसे ही होता है। कोई रात में भी जगता रहता, कोई दिन में चैन से सोता है। जीवन ऐसे ही होता है। अपने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 57 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 27 May 2024 · 1 min read मानसून को हम तरसें आग चहुँदिश बरस रही, इस गर्मी से हम बेहाल। कब बरसेंगे बादल हमपर, मानसून का हम करें इन्तजार। टप-टप करके बहे पसीना, गीली पीठ है गीला सीना। इस गर्मी की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 47 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 27 May 2024 · 1 min read छत पर हम सोते एक रात जब हम सोते थे, छत पर अपनी आंखे मूंदे। पत्थर सी लगती थी सर पर, बारिश की वो गिरती बूंदें। बिस्तर लेकर सरपट भागे, घर में ढूंढें हम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 63 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 27 May 2024 · 1 min read पिता बैठा लेता था अपने कंधो पर, थक जाता जब चलते चलते। बांह पकड़ कर मुझे संभाला, ठोकर खाकर गिरते गिरते। बारिश में छतरी बन जाता, धूप में वो बन जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 85 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 26 May 2024 · 1 min read भीड़ में वो खो गए भीड़ में जाकर वो कंही खो गए, जाने कैसे सुकून से वो सो गए। हम तो जागते रहे उम्मीद में उनकी, और वो ना जाने किसके हो गए। भीड़ में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 40 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 26 May 2024 · 1 min read अभी तो आये थे तुम अभी तो आये थे तुम बहार लेकर, क्यों इस तरह से वापस चल दिये। शमा तो रोशन हुयी थी अभी, जलाये थे तुमने जो उम्मीदों के दिये। अभी तो आये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 66 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 26 May 2024 · 1 min read ग्रहों की चाल क्यों फंसते हो ग्रहों की चाल में, तेरा भविष्य तो तेरे कर्मो की छाया है। कितनी भी तू कर ले पूजा पाठ, किस्मत से ज्यादा क्या किसी ने पाया है।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 56 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 26 May 2024 · 1 min read दूरियां कभी मशरूफ थे हम, दोस्तों के बीच में अपने। अब आलम ऐसा है, ना हम किसी को और, ना कोई हमको भाता है। चुरा के आँख मै तब, निकल जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 76 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 26 May 2024 · 1 min read सूनापन गए इस घर से तुम, एक कमरे को सूना करके, वो कमरा ही नहीं, मेरा दिल भी सूना है। तुम्हे अहसास हो न हो, वो कमरा नहीं था, वो तो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 59 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 24 May 2024 · 1 min read धूप छांव धूप -छांव सा अपना जीवन, जिसमे हम चलते रहते, दुःख की धूप हो, या सुख की छांव, हम हंस कर सहते रहते। कठिन समय जब आता है, ये जीवन बहुत... Poetry Writing Challenge-3 70 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 24 May 2024 · 1 min read स्वपन सुंदरी रात हुई तो आंख लगी, फिर सुबह हुयी थी सपने में। सपने में जो देखा मैंने, फिर मै न रहा था अपने में। अपने में मै खोया था जब, आवाज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 69 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 22 May 2024 · 1 min read फितरत की कहानी वक़्त बदल जाता है बदल जाते हैं मौसम, बदलाव के साथ चलती है ये कुदरत। नहीं बदलती है कभी पर वो, जो है इंसान की फितरत। फितरत इंसान की परछाई... Poetry Writing Challenge-3 50 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 22 May 2024 · 1 min read जीवन है ये छोटा सा जीवन है ये छोटा सा, काम कर लो खत्म सभी । मृत्यु का कुछ पता नहीं , कल हो या फिर हो अभी । जीवन है ये छोटा सा, काम... Poetry Writing Challenge-3 56 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 22 May 2024 · 1 min read बचपन के वो दिन वो दिन भी क्या दिन थे, जब धूप हमें छाँव लगती थी । खाली पेट भी जो होते हम, तब भी हमें फुर्ती लगती थी । बचपन के वो दिन... Poetry Writing Challenge-3 33 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 22 May 2024 · 1 min read फितरत के रंग फितरत के हैं रंग कई, कुछ गाढ़े कुछ फीके। ये तो साथ जनम से है, इसको कोई न सीखे। भीतर मन के घुसी हुई, फितरत की ये काया। कोई समझ... Poetry Writing Challenge-3 1 48 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 22 May 2024 · 1 min read भारत अपना देश लाल किले से आज तुम्हे, देता ये सन्देश। सबसे न्यारा सबसे प्यारा, भारत अपना देश। अलग अलग हैं बोली इसकी, अलग अलग परिवेश। फिर भी रहता एक हमेशा, भारत अपना... Poetry Writing Challenge-3 42 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read जीवन है ये छोटा सा जीवन है ये छोटा सा, काम कर लो खत्म सभी । मृत्यु का कुछ पता नहीं , कल हो या फिर हो अभी । जीवन है ये छोटा सा, काम... Poetry Writing Challenge-2 98 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन के वो दिन वो दिन भी क्या दिन थे, जब धूप हमें छाँव लगती थी । खाली पेट भी जो होते हम, तब भी हमें फुर्ती लगती थी । बचपन के वो दिन... Poetry Writing Challenge-2 · Kavita 1 97 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read फितरत की कहानी वक़्त बदल जाता है बदल जाते हैं मौसम, बदलाव के साथ चलती है ये कुदरत। नहीं बदलती है कभी पर वो, जो है इंसान की फितरत। फितरत इंसान की परछाई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 167 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 13 Feb 2024 · 1 min read फितरत के रंग फितरत के हैं रंग कई, कुछ गाढ़े कुछ फीके। ये तो साथ जनम से है, इसको कोई न सीखे। भीतर मन के घुसी हुई, फितरत की ये काया। कोई समझ... Poetry Writing Challenge-2 · Fitrat 162 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 13 Feb 2024 · 1 min read भारत अपना देश लाल किले से आज तुम्हे, देता ये सन्देश। सबसे न्यारा सबसे प्यारा, भारत अपना देश। अलग अलग हैं बोली इसकी, अलग अलग परिवेश। फिर भी रहता एक हमेशा, भारत अपना... Poetry Writing Challenge-2 82 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 13 Feb 2024 · 1 min read चंद्रयान ३ देश हमारा गरज रहा है, देखो आज चाँद पर। चंद्रयान जा पहुंचा उसपर, सारे रोड़े फांद कर। बहुत बड़ी उपलब्धि है ये, जश्न मनाये हर एक जन। इतिहास में अमर... Poetry Writing Challenge-2 91 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 26 Aug 2023 · 1 min read चंद्रयान ३ चंद्रयान ३ देश हमारा गरज रहा है, देखो आज चाँद पर। चंद्रयान जा पहुंचा उसपर, सारे रोड़े फांद कर। बहुत बड़ी उपलब्धि है ये, जश्न मनाये हर एक जन। इतिहास... Hindi · कविता 144 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 6 Aug 2023 · 1 min read जुदाई का एहसास ये दीवार जो दरमियाँ, दीदार न तेरा करने दें। एक झलक मिल जाये तो, दिल में उसकी भरने दें। आँखों को समझाया कितना, उस तारे की चाह न कर। छू... Hindi · कविता 398 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 6 Aug 2023 · 1 min read भारत अपना देश लाल किले से आज तुम्हे, देता ये सन्देश। सबसे न्यारा सबसे प्यारा, भारत अपना देश। अलग अलग हैं बोली इसकी, अलग अलग परिवेश। फिर भी रहता एक हमेशा, भारत अपना... Hindi · कविता 289 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 Jul 2023 · 1 min read फितरत के रंग फितरत के हैं रंग कई, कुछ गाढ़े कुछ फीके। ये तो साथ जनम से है, इसको कोई न सीखे। भीतर मन के घुसी हुई, फितरत की ये काया। कोई समझ... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · Kavita 6 2 273 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 Jul 2023 · 1 min read फितरत की कहानी वक़्त बदल जाता है बदल जाते हैं मौसम, बदलाव के साथ चलती है ये कुदरत। नहीं बदलती है कभी पर वो, जो है इंसान की फितरत। फितरत इंसान की परछाई... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · Hindi Kavita 3 288 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 1 Jun 2023 · 1 min read टूटे दिल की बात दिन तो बहुत हो गए उस दिन को, पर याद तो होगा ही तुम्हे वो हसीं पल, कही थी जब बात मैंने अपने दिल की, सुनकर हुई होगी तेरे दिल... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 1 583 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 1 Jun 2023 · 1 min read रात के मुसाफिर रात के मुसाफिर, दिन में कहाँ जायेंगे। जो निकले वो घर से, तो धूप में जल जायेंगे। रात के मुसाफिर, दिन में कहाँ जायेंगे। ये गर्मी की तपिश, सुर्ख हवाओं... Poetry Writing Challenge · Kavita 172 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 30 May 2023 · 1 min read जाना खाली हाँथ है इस जीवन का अंत तो, एक दिन हो जाना है। कितना भी हो सुख या दुःख, सब छूट इधर ही जाना है। जो तुम बहुत सुखी हो तो, याद हमेशा... Poetry Writing Challenge · Kavita 353 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 30 May 2023 · 1 min read आज की पीढ़ी इस नए युग की पीढ़ी को, मै देख बहुत हूँ चिंतित। भ्रम नगरी में पलते ये सब, सत्य भान नहीं किंचित। यूट्यूब ट्विटर फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिक टॉक। डूबे रहते... Poetry Writing Challenge · Kavita 1 338 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2023 · 2 min read वो खुशियां लौट आएंगी दूर होकर के तुम, याद बहुत आते थे। पास आकर के फिर, ये दूरियां क्यों हो गयीं। वफ़ा हम दोनों ने, निभाईं हैं अब तक, फिर बेवफा सी ये, मजबूरियां... Poetry Writing Challenge · Hindi Poetry 1 144 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2023 · 1 min read प्यारी दीदी छोड़ हमे तुम चली गयी, अपनी यादों के साथ में । किससे बँधवाउंगा मैं अब, राखी अपने हाथ में । तेरा चेहरा आंखों में, भूल नहीं मैं पाता हूँ ।... Poetry Writing Challenge · Hindikavita 1 161 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2023 · 1 min read मैंने कुछ सीखा उन कठिन दिनों में मैंने, इस जीवन से कुछ सीखा । रुकी थी जब सारी दुनिया, लोगों को घरो में कैद देखा । दिलो में था डर और लाचारी, विश्व... Poetry Writing Challenge · Kavita 1 126 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2023 · 1 min read पति पत्नी की नोक झोंक पति पत्नी की नोक झोंक में, गर जो तीसरा आ जाये। गेहूं साथ तो घुन भी पिसता, भाग कंहा वो कैसे पाये। अक्सर मेरे साथ हुआ ये, हम दोनों की... Poetry Writing Challenge · Hasya 4 433 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2023 · 1 min read हफ्ता गीत एक हफ्ते में होते हैं सात दिन, शनि और रवि बीत जाते हैं जल्दी। सोम मंगल बुध गुरु और शुक्र, बीतते हैं बस घड़ियाँ गिन गिन। सोमवार से शुरू होती... Poetry Writing Challenge · Hasya 2 197 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 27 May 2023 · 1 min read बहुत दिनों के बाद बहुत दिनों के बाद, अच्छी लगी वो बात। जो करी थी हमने, जब गुजर रही थी रात। वो यादें वो पुराने पल, सब आ रहे थे याद। बीती हुई जिंदगी... Poetry Writing Challenge · Hindikavita 1 122 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 27 May 2023 · 2 min read राहु और केतु रत्न जड़ित सोने सी काया, रूप वो ऐसा सबको भाया। आसमान से उतरी थी वो, सत्य नहीं वो कोरी माया। सम्मोहन में बंधे थे सारे, देव और दानव सभी निहारें।... Poetry Writing Challenge · Kavita 1 368 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 27 May 2023 · 4 min read दोस्त का प्यार जैसे माँ की ममता कोरोना का आतंक पूरी दुनिया में पैर पसार चुका था। अमूमन सारे देशों में लॉक डाऊन लग चुका था। लोगों में दहशत का माहौल था। अपने भी परायों जैसा व्यव्हार... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · Short Story 3 255 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 22 May 2023 · 1 min read धर्म की राजनीती धर्म का कांटा किसको तोले, जो भी बोले नफरत घोले । सब बन बैठे उसके ठेकेदार, उससे नहीं किसी को प्यार । वर्चस्व का ये खेल पुराना, खून खराबे का... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 83 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 22 May 2023 · 1 min read हँसते चेहरे निकले थे घूमने, हम सफर लम्बा, तय करके थके हारे, जो पहुंचे मुकाम पर। लटके हुए चेहरे और, झुके कंधे लेकर। पर जैसे ही तस्वीर, लेने की बारी आयी। चेहरे... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 83 Share Page 1 Next