Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2023 · 2 min read

वो खुशियां लौट आएंगी

दूर होकर के तुम,
याद बहुत आते थे।
पास आकर के फिर,
ये दूरियां क्यों हो गयीं।
वफ़ा हम दोनों ने,
निभाईं हैं अब तक,
फिर बेवफा सी ये,
मजबूरियां क्यों हो गयीं।

चले थे साथ हम दोनों,
लेकर हाँथ एक दूसरे का,
रास्ते अलग हुए थे और,
हाँथ भी छूटे थे अपने।
यादों में रहते थे पास,
तुम हरदम मेरे
जागते और सोते मै,
देखती थी तेरे सपने।

ख्वाहिश थी की जब
पास होंगे तुम तो
दिलों जान तुम पर
हर पल लुटाउंगी।
रूठोगे तुम जो मुझसे
सब कुछ कर तुम्हे मनाऊंगी।

न होगा कोई लम्हा
न होगा कोई कारण
जो कर पायेगा हमें जुदा ।
दिल के मंदिर में,
रहोगे तुम मेरे ,
बनकर के मेरे खुदा ।

वो वक़्त भी आया,
को घड़ी भी आयी।
जो हम दोनों को,
इस कदर करीब लायी।
उठी थी मेरे घर डोली तब,
बजी थी तेरे घर शहनाई।

कुछ वक़्त तो बीता था अच्छा
और आयी थी ढेरों खुशियाँ।
बड़ी किस्मती वाली हैं तू ,
ये कहती थी सारी सखियाँ।
फिर न जाने किसकी ये,
बुरी नजर लग गयी।
जैसे बहते हुए पानी में
एक आग सी लग गयी।

दिन और रात बीतते हैं अब,
सिर्फ लड़ते और झगड़ते।
एक दूसरे को तने सुनते,
एक दूसरे पर तंज कसते।
ऐसी कौन सी बात हैं तेरी,
जो मैंने अब तक सही नही।
अलगाव की हद हैं बाकी,
साथ रहने की वजह कुछ रही नही।

गुजरते वक़्त के साथ साथ,
पुराना हो रहा ये रोग।
क्या करूँ मै जतन,
जो फिर से मिल जाएँ जोग।
गलती किसकी कहूं ,
और किसे दूँ मै ये दोष।
रो रोकर आंसू हैं सूखे,
और रहा न कोई होश।
कुछ उम्मीद अभी भी बाकी हैं,
की मेरी दुआएं रंग लाएंगी।
कुछ तो ऐसा होगा की,
“वो खुशियाँ लौट आएंगी”

Language: Hindi
1 Like · 97 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from प्रदीप कुमार गुप्ता
View all
You may also like:
ज़िंदगी कब उदास करती है
ज़िंदगी कब उदास करती है
Dr fauzia Naseem shad
जलजला
जलजला
Satish Srijan
*कोयल की कूक (बाल कविता)*
*कोयल की कूक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
Er. Sanjay Shrivastava
अस्तित्व की पहचान
अस्तित्व की पहचान
Kanchan Khanna
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
जब मित्र बने हो यहाँ तो सब लोगों से खुलके जुड़ना सीख लो
जब मित्र बने हो यहाँ तो सब लोगों से खुलके जुड़ना सीख लो
DrLakshman Jha Parimal
इश्क़ के समंदर में
इश्क़ के समंदर में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नाम दोहराएंगे
नाम दोहराएंगे
Dr.Priya Soni Khare
साथ अगर उनका होता
साथ अगर उनका होता
gurudeenverma198
"अटल सत्य"
Dr. Kishan tandon kranti
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Neelam Sharma
बिन बोले ही  प्यार में,
बिन बोले ही प्यार में,
sushil sarna
बेहतर और बेहतर होते जाए
बेहतर और बेहतर होते जाए
Vaishaligoel
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राकेश चौरसिया
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
Paras Nath Jha
वो आये और देख कर जाने लगे
वो आये और देख कर जाने लगे
Surinder blackpen
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
प्रार्थना
प्रार्थना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"बोलती आँखें"
पंकज कुमार कर्ण
💐प्रेम कौतुक-333💐
💐प्रेम कौतुक-333💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"रिश्ता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बेटी को मत मारो 🙏
बेटी को मत मारो 🙏
Samar babu
अदरक वाला स्वाद
अदरक वाला स्वाद
दुष्यन्त 'बाबा'
आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शायरी
शायरी
goutam shaw
2692.*पूर्णिका*
2692.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#लिख_के_रख_लो।
#लिख_के_रख_लो।
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...