प्रदीप कुमार "निश्छल" Tag: कविता 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रदीप कुमार "निश्छल" 29 Sep 2019 · 1 min read ***इंसान बना देना*** ***इंसान बना देना*** ====================== हे प्रभू!सबके निज सपने पूरे कर देना, वीर्यवान को जंहा का नवाब बना देना। सारे तख्त-औ-ताज से उसे संवार देना, लेकिन मुझे बस एक इंसान बना... Hindi · कविता 304 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 22 Sep 2019 · 1 min read ***छोटी सी जिंदगी*** ***छोटी सी जिंदगी*** =================== नित्य भौर संग उठ जाता हूं, दिनभर दौडधूप कर लेता हूं। उद्योग जठर के लग जाता हूं, यूं छोटी सी जिंदगी बिता लेता हूं। गर दौडधूप... Hindi · कविता 1 510 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 20 Sep 2019 · 1 min read ***बच्चा*** ***बच्चा*** =============== जब भगवान अनन्य सी कृति रचाये, निज का ही साकार प्रतिरूप बनाये। सकल गुण ईश्वर के से उसमे समाये, समझलो भगवान एक बच्चा बनाये। बेनूर सी जिन्दगी मे... Hindi · कविता 290 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 20 Sep 2019 · 1 min read *** संविधान*** ***संविधान*** ====================== हरेक देश का एक विधान होता है, कानूनो का कोई सार सा होता है। कोई अदृश्य सा सारथि दिखता, जो शब्दो मे संविधान कहलाता है। यही राष्ट्र की... Hindi · कविता 1 560 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 16 Sep 2019 · 2 min read ===माँ=== ***माँ*** ==================== आज एक माँ की महीमा सुनाता हु, चंद वर्णो को कलम मे पिरो देता हु। सामर्थ्य कहा मेरा इतना, फिर भी नाकाम सा जतन करता हु। पेट के... Hindi · कविता 332 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 16 Sep 2019 · 1 min read वाह! रे मिटी की किस्मत ***वाह!रे मिट्टी की किस्मत*** एक मिट्टी से इट्टे बनी है चार, रचे मन्दिर,मस्जिद,विद्याद्वार। रची उसी से मैखाने की दिवार, वाह!रे मिट्टी की किस्मत। एक मिट्टी से घडे बने है चार,... Hindi · कविता 506 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 14 Sep 2019 · 2 min read ****शिकायत**** मेरे गांव की तगं गली मे एक बूढा जोडा रहता है, संग सजनी बेटा उनका बिदेश मे चांदी कमाता है। तीज, दिवाली व राखी पर महज फर्ज निभाता है, दिवस... Hindi · कविता 3 233 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 13 Sep 2019 · 1 min read *****दिन वो बचपन के***** दिन वो बचपन के बड़े याद आये, जिंदगी के वो पन्ने आज मन छाये। कितने सरल सरस निश्चल थे वो दिन, काश! दिन वो आज कोई मोड़ के लाये। मिट्टी... Hindi · कविता 3 2 256 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 13 Sep 2019 · 1 min read बेटी बेटी है तो जीवन में सब बहार ही बहार है , बेटी बिना लगता जीवन मिथ्या ही निसार है। अतीत में झांकू तो देखू मैं बेटी ही गुलजार है, वर्तमान... Hindi · कविता 613 Share