Prabhavari Jha 31 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Prabhavari Jha 15 Jun 2022 · 1 min read कौन सा सिर फोड़ना है कौन सा पुल बांधना है ? कौन सा पुल तोड़ना है ? यह पुरातन प्रश्न ? अब तक ताजगी से क्यों भरा है ? और बूढ़ा वृक्ष मरता क्यों नहीं... Hindi · कविता 236 Share Prabhavari Jha 15 Jun 2022 · 1 min read अभियान राह से मै लौट आऊं, इतना पुकारो मत मुझे मै अपरिचित बन पड़ूं इतना सवारों मत मुझे दो दिनों का अवकाश ले मेहमान बनकर आ गया था बादलों की गोद... Hindi · कविता 1 466 Share Prabhavari Jha 15 Jun 2022 · 1 min read विज्ञान क्या है ? विशेष ज्ञान की विशेषज्ञ हो तुम, दलदल में खिली सुंदर कुमदिनी हो तुम । सोअहम् , अहं ,ब्रह्म़ास्मि की अनुभूति ही ज्ञान है। इसकी मानव जगत् को अनुभूति कराना ही... Hindi · कविता 216 Share Prabhavari Jha 15 Jun 2022 · 1 min read सुख भूख लगने पर जब भोजन मिलता है। उसके बाद जो अनुभूति होती है। वह सुख है। मानव कुछ छणों के लिए सुख नहीं चाहता निरंतर सुख , चाहता है। निरंतर... Hindi · कविता 420 Share Prabhavari Jha 15 Jun 2022 · 1 min read स्वागत नव प्रभात का जीवन की राहों में चलती रहो , अनवरत तुम। सुख-दुख में समभाव रख, जीती रहो तुम।। गणित है जीवन का ,आवक जावक बराबर हो। संचय करना है तो करो ज्ञान... Hindi · कविता 252 Share Prabhavari Jha 15 Jun 2022 · 1 min read मै कौन हूं ? इस भीषण गर्मी में जब , सूर्य वृषभ राशि पर हो। तब मै काली बदली बन जाऊं आनंद मृदु की वर्षा हो ।। सिसिर में शशि का स्वरूप जब सविता... Hindi · कविता 201 Share Prabhavari Jha 15 Jun 2022 · 1 min read धरती और आसमां का मिलन जमीं से आसमां के मिलन का एहसास तुमसे है धन्य वह माता जिसे मिला नूरे सहवास तुमसे। सुख-दुख के मध्य का एहसास है तुमसे प्रकृति और पुरुष के बीच का... Hindi · कविता 385 Share Prabhavari Jha 15 Jun 2022 · 1 min read सम्मान मान करो सम्मान करो जन जन का सम्मान करो तुम चाहते हो दूसरों से सम्मान तुम भी करना सीखो दूसरों का सम्मान। स्थापित मूल्यों का हो रहा है ह्रास ऐसा... Hindi · कविता 265 Share Prabhavari Jha 15 Jun 2022 · 1 min read संतोष विश्वास की धरा पर, सत्कर्म का बीज बोया तो। निष्काम कर्म जल से, सींच सींच कर पौधा उगाया। वह है संतोष वह है संतोष।। इच्छायें आकाश की भांति अनंत हैं।... Hindi · कविता 197 Share Prabhavari Jha 14 Jun 2022 · 1 min read "मृदु वचन तू बोल रे मनवा" मृदु वचन तू बोल रे मनवा बोल रे मनवा बोल,कटुक वचन मत बोल। यह तन है माटी का मटका, कर्म जल से परिपूरित मटका । जिसमें बादल की छाया दिखती... Hindi · कविता 303 Share Prabhavari Jha 14 Jun 2022 · 1 min read शांति संबंधो में विश्वास जगा तो कलह घर से दूर भगा तो शांति ही शांति है। यह तेरा है यह वह मेरा इस भाव का त्याग करेगा जो वसुंधरा के सभी... Hindi · कविता 192 Share Prabhavari Jha 14 Jun 2022 · 1 min read स्थापित मूल्य विश्वास संबंधो में विश्वास जगा लो, स्थापित मूल्य हमारा है। किसी के विश्वास को न तोड़ना । मानव का मानव से संबंध जोड़ना। विश्वास धरा पर सुख , शांति, संतोष आनंद,... Hindi · कविता 200 Share Prabhavari Jha 14 Jun 2022 · 1 min read आनंद संतोष ही आनंद की कुंजी है। सत्कर्म ही मानव जीवन की पूंजी है। इच्छाओं को पूर्ण करते जाओगे इच्छाओं को और भी ज्यादा पाओगे मानव की मानवता का हो रहा... Hindi · कविता 185 Share Prabhavari Jha 14 Jun 2022 · 1 min read जीवन भ्रम की रात है.... सागर की भांति गंभीर हो, श्याममल वर्ण तुम्हारा । सुख दुख में सम रहकर देखो, जीवन को हंसकर जी के देखो। हो जायेगा जीवन मधुवन , खिल उठेगी कलियां। प्रातकाल... Hindi · कविता 168 Share Prabhavari Jha 14 Jun 2022 · 1 min read सरलता *** छल दंभ द्वेष पाखण्ड झूठ अन्याय से हमको रखना दूर । सरलता के इस मूल्य से सब द्वेष हो जायेंगे दूर । सरलता है मानव जीवन का एक गहना जिससे... Hindi · कविता 152 Share Prabhavari Jha 14 Jun 2022 · 1 min read तीन शर्त"""' बुरा मत देखो बुरा मत सुनो बुरा मत बोलो मंजूर है। पर मेरी भी तो तीन बात है या कहो तीन शर्त है रोटी ! कपड़ा !! मकान !!! बहुत... Hindi · कविता 3 347 Share Prabhavari Jha 14 Jun 2022 · 1 min read उदारता"" जीवन में अपना हाथ कभी न फैलाना, दान देकर गरीब को अपना हाथ ऊंचा रखना। जीवन में सुख संतोष का पहने रहना गहना।। जीवन के झंझावातो में, कर्तव्य पथ की... Hindi · कविता 281 Share Prabhavari Jha 14 Jun 2022 · 1 min read यामिनी यामिनी शुभ गामिनी हूं, पूर्णिमा की यामिनी। सत्यपथ गामिनी हूं पूर्णिमा की यामिनी कालिमा की गोद में चमके चन्द्रमा की चांदनी अंधकार की राहों में, दुख की काली राहों में... Hindi · कविता 191 Share Prabhavari Jha 13 Jun 2022 · 1 min read परोपकार*** काले घनघोर बादलों तुम धन्य हो ! वसुंधरा की प्यास बुझाते हो। शीतल करते हो तन को, प्रीत का मान जगाते हो । सविता तुम धन्य हो, अंधियारे को हरते... Hindi · कविता 1 2 213 Share Prabhavari Jha 13 Jun 2022 · 1 min read करूणा...🖋️ करूणा है मानवता का गहना, जिसको धारण करते रहना। न रखना तामस का गहना, जीवन में ममता रस भरना। करूण भाव का उदय हुआ है कब से, जब से मां... Hindi · कविता 230 Share Prabhavari Jha 13 Jun 2022 · 1 min read जेण्डर समानता बेटा-बेटी एक समान, दोनों है प्रकृति का वरदान। बेटा हीरा है,तो होती है बेटी मोती, सूरज की किरन है एक,तो एक चांद की ज्योति। प्रकृति में पांच तत्व हैं, छिति,... Hindi · कविता 1 1 158 Share Prabhavari Jha 13 Jun 2022 · 1 min read वक्त की कीमत वक्त कभी रूकता ही नहीं, वक्त को तुम पहचान लो। प्यार कभी झुकता ही नहीं, प्यार से जीना जान लो ।। सूर्य की तपती धूप में चलना, चांद की शीतल... Hindi · कविता 1 389 Share Prabhavari Jha 13 Jun 2022 · 1 min read *** वीरता वीर हो तुम,धीर हो तुम, ज़िन्दगी में कभी न अधीर हो तुम। सज्जनों की रक्षा करना, दुर्जनों को दण्डित करना। वीरता की शान है।। शान्ति का अमोघ अस्त्र लिये, मानवता... Hindi · कविता 1 330 Share Prabhavari Jha 13 Jun 2022 · 1 min read **मानव ईश्वर की अनुपम कृति है.... ईश्वर की अनुपम कृति हो, स्वागत करो नव प्रभात का। संध्या की शीतल बेला में, स्वागत करो अंधकार का। अंधकार का अस्तित्व न होता, तो प्रकाश होता ही नहीं। कर्तव्य... Hindi · कविता 1 788 Share Prabhavari Jha 13 Jun 2022 · 1 min read दया*** हृदय से दया की अमृत धारा, हमको सदा बहानी है। दीन दुखी असहायों को, अमृत धारा से सिंचित करना हैं। न रहे कभी गम का साया, ऐसा कल्प वृक्ष उगाना... Hindi · कविता 410 Share Prabhavari Jha 13 Jun 2022 · 1 min read गुरु की महिमा*** गुरु की महिमा सबसे ऊंची, नर हो चाहे नारायण। यही सिखाते गुरु ग्रंथ, बाइविल, कुरान और रामायण। संदीपनी गुरु से सीखा, श्री कृष्ण ने ऐसा ज्ञान। अर्जुन को दिया है... Hindi · कविता 1 633 Share Prabhavari Jha 9 Feb 2022 · 1 min read नारी का सम्मान इन झूठे अल्फाजों से,न मुझे दिलासा दो। अपने पौरुष के अहंकार, के नीचे कुचली जाती मैं। दुनिया के सारे दुख सहकर, फिर भी मुस्काती मैं। सीता को वनवास दिया,क्या राम... Hindi · कविता 1 1 504 Share Prabhavari Jha 8 Feb 2022 · 1 min read मेरी बिटिया "यामिनी" मेरी बिटिया मेरा सपना उसके सिवा न कोई अपना वो है मेरी जीत मेरा सपना पूरा करती मुझसे बेहद प्यार वो करती नन्हे-नन्हे पग चल-चल कर ऊंचाई पर वो है... Hindi · कविता 1 1 298 Share Prabhavari Jha 1 Feb 2022 · 1 min read तुम्हारा जीवन मां वसुंधरा के गर्व से जन्मा एक वह हीरा है। जो आभूषणों जडा जा जाकर सौंदर्य को बढ़ाता है तुम सीता माता के गर्भ से जन्मा वो हीरा है। जो... Hindi · कविता 308 Share Prabhavari Jha 30 Jan 2022 · 1 min read बेटियां फूलों की खुशबू है बेटियां कांटो की राह चुनती हैं बेटियां ओसपर पड़ी बूंद सी होती है बेटियां स्पर्श खुरदुरा हो तो रोती है बेटियां ओस की बूंद सी होती... Hindi · कविता 2 1 434 Share Prabhavari Jha 21 Jan 2022 · 1 min read त्र्यंबकेश्वर जय-जय हे त्रिभुवन बागेश्वर तव चरणौ प्रणमाम्यहम्।। त्वमसि शरण्या त्रिभुवन धन्या। सुरमुनि वंदित चरणा ।। नव विषधारी हे त्रिपुरारी। शरणं ते गच्छाम्यहम् ।। नाद-ब्रह्म मय हे बागेश्वर। तव चरणौ प्रणमाम्यहम्।।... Hindi · कविता 1 2 388 Share