Patodia Mukesh Tag: मुक्तक 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Patodia Mukesh 10 Dec 2018 · 1 min read हमराह बन दो दिन हमराह हमें तन्हां छोड़ चले, बेक़सी के आलम में आँख नम छोड़ चले, शिद्द्त से चाहा था हमनें अँधेरा छोड़ चले, बीच राह में यूँ क्यों हमें... Hindi · मुक्तक 1 213 Share Patodia Mukesh 10 Nov 2018 · 1 min read छू छू लिया है तेरे दिल को अंतर्मन से ओर कोई चाह नहीं, बस दीदार तुम्हारा होता रहें रब ओर कोई दुआ नहीं।। *मुकेश पाटोदिया"सुर"* Hindi · मुक्तक 3 1 409 Share Patodia Mukesh 3 Oct 2018 · 1 min read कुछ ना कहा दिन गुज़र जातें है तेरे इंतज़ार में, रातें कटती नहीं अब तो तेरे जवाब में, माना कि नागवार गुज़री है तुम्हें हमारी बातें, ऐसा भी कुछ कहा नहीं आपके सम्मान... Hindi · मुक्तक 375 Share Patodia Mukesh 30 Sep 2018 · 1 min read इंसानियत देखता हूँ अपनों को आरज़ू के पीछे भागते हुवे, हसरतों, ख्वाहिशों, सपनों और तमन्नाओं को बढ़ाते हुवे, होती ही होंगी कुछ आरज़ूएँ पूरी उनकी, पर इंसानियत पीछे छूट उनसें रूठते... Hindi · मुक्तक 1 1 365 Share Patodia Mukesh 30 Sep 2018 · 1 min read मुक़द्दस हूँ मैं दयाना तेरा तूने मेरे सँग ये क्या कर डाला, बाँट जहां में सॉरी खुशियाँ दर्द मेरे हिस्से लिखा ड़ाला, मुक़द्दस में कईयों को तो तूने कई अपनें दे... Hindi · मुक्तक 488 Share Patodia Mukesh 20 Sep 2018 · 1 min read तन्हाई *ज़िन्दगी की शाम आहिस्ता-2 ढ़लने को है,* *तन्हाई की रात चाँदनी दिल ज़लाने को है,* *बदलते रहेगें करवटे रात ढ़सने को है,* *फ़िर वहीं सुबह ज़िन्दगी जीने को हैं।।* Hindi · मुक्तक 434 Share Patodia Mukesh 17 Sep 2018 · 1 min read प्यार ज़िन्दगी बन साँसे रहती है आस पास मेरे, देख उनको अल्फाज़ कंठ में ही रह जाते, वो देखते जब मुस्कराके चेहरा शाहीन हो मेरा, बस नज़रे झुकाते गुज़र जाते दर... Hindi · मुक्तक 500 Share