Paras Nath Jha Tag: कविता 59 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Paras Nath Jha 6 May 2024 · 1 min read . काला काला बादल जब कभी भी वो काला काला बादल नीले नीले से सुन्दर आकाश में मंडराता है सूरज चाॅंद और तारों की चमक को भी क्षण भर में ही वो अपना ग्रास... Hindi · कविता 1 116 Share Paras Nath Jha 26 Apr 2024 · 1 min read औचक निरीक्षण स्कूल के गेट पर लाल बत्ती वाली गाड़ी देखते ही शिक्षक क्लास की ओर भागे लग रहा था तो जैसे कि अभी अभी ही वो पिछली रात की गहरी नींद... Hindi · कविता 52 Share Paras Nath Jha 24 Apr 2024 · 3 min read लंका दहन देखते ही ये बात सम्पूर्ण द्रुत गति से फैल गई सैनिकों ने एक बन्दर को पकड़ कर लाया है उस बन्दर का एक झलक पाने के लिए असुर बहुत संख्या... Hindi · कविता 84 Share Paras Nath Jha 24 Apr 2024 · 3 min read दुर्योधन की पीड़ा किस काल खण्ड में और किस व्योम तले किन किन गोदों में बचपन से पला बढ़ा था विधाता ने भी अपने हाथों से किस घड़ी में मेरे भाग्य में ही... Hindi · कविता 65 Share Paras Nath Jha 17 Apr 2024 · 1 min read राम नाम की जय हो आज त्रेता युग का भान हो रहा है सर्वत्र श्री राम का गुणगान हो रहा है राममय हो गया है अब यह तन मेरा केवल राम-राम ही है अब मन... Hindi · कविता 122 Share Paras Nath Jha 3 Mar 2024 · 1 min read जब टूटा था सपना टूटा था सपना भी बिना आवाज किये सिसकियाॅं भी मेरी कोई सुन ना सका इतनी बेवफा निकली थी वो भी कि मैं फिर और कोई सपना बुन ना सका खुली... Hindi · कविता 1 114 Share Paras Nath Jha 1 Mar 2024 · 2 min read कुरुक्षेत्र की व्यथा इन्द्रप्रस्थ से ही बात शुरु हुई थी अब जाकर पाॅंच ग्राम पर ठहरी जिद्दी दुर्योधन भी अड़ा हुआ था खाई भी हो गई थी बढ़ कर गहरी धरा अब यहाॅं... Hindi · कविता 154 Share Paras Nath Jha 18 Feb 2024 · 1 min read कलेजा फटता भी है जब कभी किसी अपनों के ही तीक्ष्ण बाणों की तरह चुभती विष भरी बोली से अपना दिल अगर छलनी छलनी हो जाय तो मन तो हो जाता है क्षत विक्षत... Hindi · कविता 122 Share Paras Nath Jha 29 Jan 2024 · 2 min read बिल्ली की लक्ष्मण रेखा . . .बिल्ली की लक्ष्मण रेखा ***************************** जब सड़क पर चलते समय कभी भी कोई बिल्ली झट से देती है रास्ता काट तब सच में मानो बड़े शूरमाओं की भी... Hindi · कविता 223 Share Paras Nath Jha 14 Jan 2024 · 1 min read राज्याभिषेक राज्याभिषेक अद्भुत अविस्मरणीय खुशियों का राज छाया संपूर्ण राजमहल का कोना कोना अयोध्या की जनता के अति लोकप्रिय युवराज राम का राज्याभिषेक है होना राजमहल में हर कोने के अंधेरे... Hindi · Quote Writer · कविता 168 Share Paras Nath Jha 25 Nov 2023 · 2 min read जब निहत्था हुआ कर्ण दोनों ओर ही मची है अभी घोर ताना तानी कोई ना किसी से कम अपनी है मनमानी आज कुरुक्षेत्र भी एक नया इतिहास रचेगा शायद इन दोनों में से ही... Hindi · कविता 3 262 Share Paras Nath Jha 29 Oct 2023 · 1 min read क्या रावण अभी भी जिन्दा है अपने पद और प्रतिष्ठा को बचाने में जो रहता है हर हमेशा सत्ता में चूर दंभ से सदैव ही चमकता रहता है जिनके पाखंडी हॅंसते चेहरे में नूर पर स्त्री... Hindi · कविता 2 151 Share Paras Nath Jha 11 Sep 2023 · 1 min read वसुधैव कुटुंबकम् G-20 Summit जब एक बार शंखनाद कर दिया है हमने हमारे सिद्धांतों का एक नया आकार होगा हमारी पहल से ही अब वैश्विक दुनिया में भारत का सम्मान से सर्वत्र... Hindi · कविता 2 129 Share Paras Nath Jha 6 Sep 2023 · 1 min read अब तो आ जाओ कान्हा द्वापर युग में तुम अवतार लेकर किया मानव जाति का कल्याण कलियुग काे किसके भराेसे छाेड़़ समाधि लेकर हो गए हो अन्तर्धान अब तो कालिया नाग और कंस जिधर देखो... Hindi · कविता 2 139 Share Paras Nath Jha 5 Sep 2023 · 2 min read श्री राम का अन्तर्द्वन्द निर्भय हो कैसे खण्डित करुँ मैं धनुष को जिनके कण कण में है भोलेनाथ का नाम ताण्डव करने उत्प्रेरित कर महाकाल को क्यों बनूं मैं जनक नंदनी सीता का राम... Hindi · कविता 1 370 Share Paras Nath Jha 31 Aug 2023 · 1 min read दुर्भाग्य का सामना जिंदगी जब किसी मरघट की तरह एकदम बंजर और वीरान लगती है तब आस पास के लोगों को देख फिर सुसुप्त पड़े मन में नई आस जगती है किसे मालूम... Hindi · कविता 318 Share Paras Nath Jha 26 Aug 2023 · 1 min read चॅंद्रयान दुनिया के करोड़ों लोगों का इसने खींचा एक साथ अपनी ओर ध्यान जब अठखेलियां करते इठलाते हुए चाॅंद की सतह पर उतरा चंद्रयान हमारे देश की गौरव गाथा गाकर चंद्रयान... Hindi · कविता 2 319 Share Paras Nath Jha 15 Aug 2023 · 1 min read ये आज़ादी होती है क्या ये आजादी होती है क्या -------------------------------- जिसने शायद जिंदगी में कभी खून का रंग भी न देखा हो जिसके जीवन में आज तक कभी जंग लड़ने का कोई लेखा हो... Hindi · कविता 1 1 370 Share Paras Nath Jha 9 Aug 2023 · 1 min read प्रियतमा पट अपनी घुंघट के अब खोल प्रिये आज प्रणय जीवन के प्रथम निशा में नूपुर क्वणन सा मीठे बोल को सुन अब मेरे मन में जाग रही है तृष्णा दो... Hindi · कविता 215 Share Paras Nath Jha 9 Aug 2023 · 1 min read निर्वंश दिल से अब निकल रही है आह मन में है केवल संतान की चाह जब दवा दारू भी न आया काम फिर तब घुम आए हम चारों धाम देख अपनी... Hindi · कविता 235 Share Paras Nath Jha 7 Aug 2023 · 1 min read अंतरंग प्रेम अब तक तो अपने दिल को मैंने रखा है पूरी उम्मीदों से भर कर जब कभी याद तुम्हारी आती है तो नाम भी लेता हूॅं डर डर कर यह सबसे... Hindi · कविता 1 370 Share Paras Nath Jha 5 Aug 2023 · 1 min read दूर भाग जाएगा ॲंधेरा तुम्हें पथ से विचलित करने अगर राह में चाहे छाया हो घना अंधेरा चाहे मायूसी ने हीं क्यों नहीं तुम्हारे चारों ओर ही डाला हो अपना डेरा पथ कैसा भी... Hindi · कविता 401 Share Paras Nath Jha 2 Aug 2023 · 1 min read वैर भाव वही पुरानी लीक पर चल कर तुम बातों को कब तक यूॅं कुटते रहोगे अपने में ही सदा लड़ लड़ कर तुम आपस में कब तक यूॅं फूटते रहोगे सब... Hindi · कविता 2 168 Share Paras Nath Jha 28 Jul 2023 · 2 min read राम का राज्याभिषेक आज तो दशरथ की अयोध्या नगरी में अपूर्व अलौकिक सौंदर्य टपक रहा है पर इस राजमहल का भाग्य तो शायद किसी कोने में छुप कर फफक रहा है अद्भुत अविस्मरणीय... Hindi · कविता 203 Share Paras Nath Jha 25 Jul 2023 · 1 min read रावण अभी जिन्दा है पद लोलुपता के घमंड में जो हो हमेशा सत्ता में चूर जिनके चेहरे पर हर वक्त चमकता रहता है एक नूर पर स्त्री गमन से होता है नाता शास्त्रों का... Hindi · कविता 1 95 Share Paras Nath Jha 25 Jul 2023 · 2 min read भोलेनाथ चले लंका की ओर रावण के कठोर तप से खुश होकर प्रकट भोलेनाथ बोले वो माॅंग जो दूर करे संकट यह भक्त आपसे वरदान माॅंगता है खास लंका में ही सदैव हो आपका स्थायी... Hindi · कविता 1 253 Share Paras Nath Jha 13 Jul 2023 · 1 min read सेवानिवृत्त आदमी गहरी निंद्रा से जब ऑंखें खुली तो अचानक सतरंगी सपना हुआ भंग कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था देख कर सूरज का बदला हुआ रंग अंदर ही अंदर लग... Hindi · कविता 115 Share Paras Nath Jha 10 Jul 2023 · 1 min read औचक निरीक्षण स्कूल के गेट पर लाल बत्ती वाली गाड़ी देखते ही शिक्षक क्लास की ओर भागे लग रहा था तो जैसे कि अभी अभी ही वो पिछली रात की गहरी नींद... Hindi · कविता 100 Share Paras Nath Jha 2 Jul 2023 · 1 min read शायद यही सच हो पल में यहाॅं क्या से क्या हो गया मानो जैसे सारा शहर ही सो गया सेना विफल हुई भागा राष्ट्र प्रधान हमलावरों से बचाने अपने प्राण चारों ओर ही नंगा... Hindi · कविता 51 Share Paras Nath Jha 30 Jun 2023 · 1 min read पर वो कहाॅं सोते हैं अमंगल के भय मात्र से ही उन्हें नींद कहाँ कभी आती है प्रहरी बन कर चौकसी करते आँखें भी कुम्हला जाती है उठे कसक दिल में भी तो एक वीर... Hindi · कविता 1 103 Share Paras Nath Jha 30 Jun 2023 · 1 min read महाभारत नहीं रुका था बहुत ही प्रयत्न किया था श्री कृष्ण ने पर यह जिद्दी दुर्योधन नहीं झुका था सत्य असत्य की थी यह बड़ी लड़ाई चाह कर भी महाभारत नहीं रुका था जिनमें... Hindi · कविता 82 Share Paras Nath Jha 29 Jun 2023 · 1 min read यादें तुम तो इस तरह से गई हो कि लौट के फिर कहाॅं अब आ पाओगी कभी सपनों में भी मैं नहीं सोचा था एक दिन ऐसे ही तुम चली जाओगी... Hindi · कविता 90 Share Paras Nath Jha 29 Jun 2023 · 1 min read पर्वत विपत्ति से कभी भी वीर नहीं केवल कायर ही घबराता है वीर तो इसे चुनौती मान कर भय को ही सदा दहलाता है नभ को छू लेने की जिद्द में... Hindi · कविता 105 Share Paras Nath Jha 28 Jun 2023 · 2 min read इमरजेंसी अपने देश में यह आपातकाल ही नहीं लोगों के अधिकारों का अपहरण था पूरे इक्कीस महीने तक सम्पूर्ण देश में आम आदमी का घुट-घुट कर मरन था विद्युत गति से... Hindi · कविता 1 1 100 Share Paras Nath Jha 27 Jun 2023 · 3 min read दुर्योधन की पीड़ा युग के किस काल खण्ड में किस व्योम तले किन किन गोदों में बचपन से मैं पला बढ़ा और विधाता ने किस घड़ी किन हाथों से भाग्य की लकीरों में... Hindi · कविता 1 122 Share Paras Nath Jha 26 Jun 2023 · 1 min read सपनों का शहर जिंदगी जीने की तलाश में भटकता है जब कोई स्वयं को घर से बहुत दूर भगा कर तब देता हूॅं विराम उनके व्यर्थ भटकन को उनकी जिजीविषा को मैं पुनः... Hindi · कविता 1 1 65 Share Paras Nath Jha 26 Jun 2023 · 1 min read हरियाली अब तप रहा है सूरज हमारा और जल रही हमारी धरती है तबे की तरह गर्म हमारे कमरों में गर्मी अपनी मनमानी करती है सड़कों पर वृक्षों की छाॅंव अब... Hindi · कविता 63 Share Paras Nath Jha 25 Jun 2023 · 1 min read कृत्रिम साैन्दर्य मन में है शोर चित पावन चित चोर संवेदित हो रहा है मेरा भी पोर पोर जा रही है कैसे इठलाती बलखाती कहाॅं से आई कौन है ये सुंदर नारी... Hindi · कविता 193 Share Paras Nath Jha 25 Jun 2023 · 1 min read संतान बस एक कदम तुम चलो और चलूॅं एक कदम मैं भी फिर दोनों मिलकर साथ चलेंगे तब कदम हमारे आगे बढ़ेंगे साथ मिलकर चलना ही तो जीवन का एक अभिन्न... Hindi · कविता 65 Share Paras Nath Jha 25 Jun 2023 · 1 min read पोषण मेला मुझे अब तक भी कहाॅं मालूम हुआ क्या ऐसा था इसका विशेष प्रयोजन क्यों ऐसे अचानक ही किया गया था पोषण मेला का यहाॅं पर आयोजन प्रखण्ड परिसर के नये... Hindi · कविता 104 Share Paras Nath Jha 25 Jun 2023 · 1 min read इस तरह कोई जाता है क्या ऐसा भी क्या हो गया था कि आपने अचानक ही जाने को जल्दी मचा दिया इस तरह से भी कभी अपनों को छोड़ कोई एक बारगी दूर देश में जाता... Hindi · कविता 94 Share Paras Nath Jha 24 Jun 2023 · 3 min read बीमार पत्नी की इच्छा मेरी तबीयत क्यों नहीं कभी भी पूरी तरह से ही पूरा खराब हो जाय कहीं भी दुर्घटना का शिकार होकर हाथ पैर दोनों टूट कर बेकार जाय मुझे कभी भी... Hindi · कविता 1 129 Share Paras Nath Jha 24 Jun 2023 · 1 min read अंधेरे में कब ही मर चुकी आत्मा की लज्जा सुख गया ऑंखों में पानी उम्र जब उपर चढ़ती गई तब कहाॅं रही कोठे की रानी बाजार में नई लड़कियों के आने से... Hindi · कविता 151 Share Paras Nath Jha 23 Jun 2023 · 1 min read राष्ट्रवाद इधर कुछ वर्षाें से फिर राष्ट्रवाद की भावना यहाॅं सब लोगों के दिलों में धीरे-धीरे घर करने लगी है देश हित की सारी बातें सब लोगों की जुबान पर अब... Hindi · कविता 222 Share Paras Nath Jha 22 Jun 2023 · 2 min read निर्वासन उन लाेगाें का वर्षाें से वहाँ रहना उन्हें अब बहुत ही खलने लगा था आतंक की भीषण आग में झूलस सम्पूर्ण कश्मीर ही जलने लगा था अपने इस दुर्भाग्य पर... Hindi · कविता 1 244 Share Paras Nath Jha 22 Jun 2023 · 1 min read मनुष्य जीवन बड़ा अनमोल इस पृथ्वीलोक के सारे जीवों में मनुष्य जीवन है बड़ा अनमोल इसलिए कड़वी बोली कभी नहीं सबसे हमेशा मीठी बोली ही बोल अगर जीवन है तो मृत्यु भी है सच... Hindi · कविता 298 Share Paras Nath Jha 21 Jun 2023 · 1 min read सन्नाटा अब कितना बुरा लग रहा है यहाॅं पर सबकाे ये काला कहर क्यों पूरी तरह से ही बिल्कुल बेहाल हाे गया है ये सुंदर शहर इस शहर में चारों ओर... Hindi · कविता 145 Share Paras Nath Jha 20 Jun 2023 · 1 min read श्राप अभी भी विश्वास नहीं होता है शायद है विधि का यही विधान गांधारी के दिये श्राप का ही शायद है यह गंभीर परिणाम जिस तरह आज तुम्हारे कारण हस्तिनापुर हो... Hindi · कविता 176 Share Paras Nath Jha 20 Jun 2023 · 1 min read हर युग में श्री राम मुखौटा पहनने से ही कोई राम या काेई रावण नहीं होता सच में लोग वही है काटता जो हमेशा ही बोता। हर चेहरे के पीछे राम और रावण हमेशा से... Hindi · कविता 210 Share Paras Nath Jha 20 Jun 2023 · 1 min read शून्यता की ओर अगर भूल से कभी भी मन में आ जाता हो कोई उत्तम विचार और जाेर से बक बक करने को मन को करने लगे एकदम लाचार किसी हाल में भूलकर... Hindi · कविता 202 Share Page 1 Next