ओसमणी साहू 'ओश' 82 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “सोच खा जाती हैं” निश्चिंतता का कवच चीर, ये समझ, कहां से आ जाती है, मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं ; मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं। हो किसी से जब... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 2 13 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "बात अंतस की" उमड़ते रंगों के संग, यादें धुंधली उमड़ रही है। मेरे भीतर की लड़की खुद से मिल- बिछड़ रही है। पिघलती दिल के हाथों कभी, कभी देखो अकड़ रही है। सब... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 2 10 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “बनावटी बातें” कहना हो जो कुछ भी, सीधे साफ़ - साफ़ कहो, अब तुम हमसे दुनियादारी, इसकी उसकी न कहो। साथ, समझौता, साझेदारी, जो कहो, इस मतलबपरस्ती को दोस्ती न कहो। चमक... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 10 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "विद्यार्थी जीवन" आंकड़ों के ज़माने में, किताबों के आशियाने में; स्वागत हैं। कुछ मानने – मनाने में, एक दूजे को समझाने में ; स्वागत हैं। ज्ञान संग व्यवहार से , विवेक संग... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश 1 13 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "आगाज" आलम ए तन्हाई में खोना चाहती हूं, कुछ वक्त शुकून से सोना चाहती हूं। होकर देख ली इन गैर से अपनों के, अब सिर्फ़ खुद की होना चाहती हूं।। उन... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 14 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "बेटी की ईच्छा" उजाडूंगी खुद स्वप्न महल भी, असल नींव रच जाने दो पापा! शादी भी हो जाएगी, बस कुछ बन जाने दो पापा।। 'पूंजी की कूंजी' और 'लक्ष्मी' भी कह दिए। उम्र... Poetry Writing Challenge-3 · Heart Touching · अल्फाज़ ए ओश · कविता · मार्मिक कविताएं 1 12 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "ख़्वाहिश" सारी दुनियां भूल जाऊं, ऐसी दुनियां सजा सके। आए कोई ऐसा, जो मेरे सिर आंखों छा सके। मेरे ख्यालों से मिलते नहीं, फरिश्ते, राजकुमार कोई। मैं चाहूं एक आम सा... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 12 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "ज्यादा हो गया" वो रोज़ - रोज़ करते, ज़रा - ज़रा ही बेवफाई, एक रोज़ हमने कर लिया तो ज्यादा हो गया। उनका दिन शुरू मयखाने से, मयखाने पर ही ख़त्म, एक ज़ाम... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 9 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “समझा करो” खड़े इकलौते नहीं तुम कतार में, हज़ारों का पीछे झूलना समझा करो। सीख रहें है भूलना, समझा करो। शॉर्ट स्कर्ट और हील हमने तो संभाल ली, उफ़ तुम जैसों का... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 12 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "पिंजरा खूबसूरती का" वो ख़ामोश लब, वो झुकी पलकें, जाने कितने जुर्म सहती है। ख़ूबसूरती उसका पिंजरा है, वो हर वक्त कैद में रहती है। शीश बदन पे उकरे ज़ख्मों पर, तन्हा मलहम... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 11 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “गोहार: आखिरी उम्मीद ” अड़ोसी-पड़ोसी, रिश्तेदार और कुछ अनजाने भी, रहन-सहन, पहनावे पे, देते सलाह और ताने भी। बिना पगार लिए लोग अपनी ये नौकरी ख़ूब बजाते हैं। मजबूत के पीछे चुगली करते, कमज़ोर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 9 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “राज़ खुशी के” जो है अभी पास उनके साथ में खुश रहो। जो चले गए हैं दूर उनके याद में खुश रहो। दिल दुखाने का ज़िम्मा तो जमाने ने ले रखा है, जैसे... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 9 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “मिजाज़-ए-ओश” टूटी, बिखरी, सिमटी, जुड़ी और उठ खड़ी हुई। अपनी बुलंद इरादों से हर हार मुहाल करती हूं। वक्त, नज़ाकत और नज़रिए, चाहें हो जैसे बदले, पर आज भी मैं सख़्त... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 10 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “मिल ही जाएगा” छेद न रहा कश्ती में तो किनारा मिल ही जाएगा। भेद न रहा अपनो में तो सहारा मिल ही जाएगा। तो क्या हुआ जो पहली दफा धोखा हुआ, ये दुनिया... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 13 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “दास्तां ज़िंदगी की” एक घाव है जो भरता नहीं, एक उम्मीद है जो मरती नहीं। एक ज़ुबां है जो कहता नहीं, एक ज़हन है जो सुनती नहीं। एक दोस्त है जो बनता नहीं,... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 8 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “ज़ायज़ नहीं लगता” ‘सब’ की चाह में ‘कुछ’ खो देना ज़ायज़ नहीं लगता। बेतुकी जिद में सब कुछ खो देना,ज़ायज़ नहीं लगता। शामिल नहीं है चंद गुल आज के बहार में, इंतजार में... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 13 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “उसकी यादें” वो अधूरी इबादतें, वो टूटी तस्बीह याद आती हैं। जब भी ख़ुद की याद आती हैं, मुझे उसकी याद आती हैं। याद आता हैं मेरा रोता चेहरा, हँसी उसकी याद... Poetry Writing Challenge-3 · Poem · अल्फाज़ ए ओश 1 12 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “दाग़” गलत चल रहा था सही से, अचानक एक हादसा हुआ। हुई मैं बेहतर रू-ब-रू, हकीकत से मेरा राब्ता हुआ। वो बदसूरती के बहाने से ख़त्म कर गया ताल्लुक़ मुझसे… दाग़... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 10 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "जिद्द- ओ- ज़हद” मैं वो पाने की ज़िद्दोज़हद में थी, जो मेरे हद से परे था। हक जताती थी जिस पर अपना, दरअसल वो मेरे हक से परे था। न जाने किसके बस... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 8 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “दोगलों की बस्ती” यूं ही न करना ऐतबार साहब ! ये दोगलों की बस्ती हैं। एक है सामने तो एक पीछे भी, यहां दूसरी सबकी हस्ती हैं। दिखाते हैं ख़्वाब हमें जो साहिल... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश 1 10 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “बहुत देखे हैं” भीतर से कसाई बाहर से हलवाई बहुत देखे हैं। सामने वाहवाही पीछे करते बुराई बहुत देखे हैं। शीशा तो दिखाता है सच मगर सदा उल्टा, साफ शीशों की ये करिश्माई... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश 1 10 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “रफ़्तार पकड़ती ज़िंदगी” ठहरी – ठहरी सी ज़िंदगी, रफ़्तार पकड़ रही है। दुश्मन ठहराती कभी किसी को, कभी कोई यार पकड़ रही है। इसके बदलते रूप देख लगता है, कोई अईय्यार पकड़ रही... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश 1 10 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं, ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं, वो जिन्हें आईने से गैरत है। 🍂🥀 Quote Writer 12 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "जन्मदिन" दुनियां में आते ही आसू छलके, ये रीत निभाते हैं हर बरस। कारण - अकारण, जानें - अनजाने, ये नयन बरस जाते हैं हर बरस। उम्र मेरी देती हैं तजुर्बों... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 12 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "सदाकत ए जहां" कदर करने वालों की कदर नहीं होती, खबर लेने वालों की ख़बर नहीं होती। खरीदता है इंसान यहां मीलों जमीनें, दो गज से ज्यादा उनकी भी क़बर नहीं होती। कसूर... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 3 15 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "दुनियादारी" न चुप्पी ही सही जाती हैं, न बातें ही कही जाती हैं; दिल से गर जुड़ जाए कोई जुबां से अनबन हो जाती है। कभी कहलाती मुफट, कभी पत्थर दिल... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 3 14 Share ओसमणी साहू 'ओश' 26 Apr 2024 · 1 min read तन्हाई तन्हाई कहते है, किसी के न होने से तनहा हो जाते हैं लोग। पर हम तो किसी के होने से तनहा हुए हैं। Quote Writer 2 21 Share ओसमणी साहू 'ओश' 25 Apr 2024 · 1 min read ग़र वो जानना चाहतें तो बताते हम भी, ग़र वो जानना चाहतें तो बताते हम भी, मगर, वो जाना चाहें सो हमने जाने दिया.....♡ Quote Writer 2 23 Share ओसमणी साहू 'ओश' 25 Apr 2024 · 1 min read "काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र "काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र व्यक्ति को बुरी तरह तोड़ कर,पूरी तरह मजबूत बना देता है। -ओश Quote Writer 1 19 Share ओसमणी साहू 'ओश' 19 Apr 2024 · 1 min read वक्त निकल जाने के बाद..... वक्त निकल जाने के बाद..... ¹ लाश को दवाई, ² बात पे सफाई, देना बेकार है। Quote Writer 2 30 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Apr 2024 · 1 min read तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़, तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़, हर अल्फाज़ समेटे बैठी हैं, एक घुन खाती डायरी सी लड़की Quote Writer 2 25 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 Apr 2024 · 1 min read मसला सिर्फ जुबान का हैं, मसला सिर्फ जुबान का हैं, कोई जुबां पे टिकते नहीं, कोई जुबां से हटते नहीं। Quote Writer 1 30 Share ओसमणी साहू 'ओश' 4 Apr 2024 · 1 min read एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया। एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया। ये क्या हो गया मुझे, मैंने ये कैसा हाल बना लिया। Quote Writer 1 32 Share ओसमणी साहू 'ओश' 27 Mar 2024 · 1 min read बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं। बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं। सितारे की तलाश, जुगनुओं पर नहीं ठहरा करते हैं।। 。。。☆。。。 Quote Writer 1 41 Share ओसमणी साहू 'ओश' 26 Mar 2024 · 1 min read मेरे सब्र की इंतहां न ले ! मेरे सब्र की इंतहां न ले ! सब्र टूट गया तो लिहाज़ छूट जाएगा.... Quote Writer 2 39 Share ओसमणी साहू 'ओश' 21 Mar 2024 · 1 min read संवरना हमें भी आता है मगर, संवरना हमें भी आता है मगर, हम आईने सादगी पसंद देखते है...♡ Quote Writer 44 Share ओसमणी साहू 'ओश' 13 Mar 2024 · 1 min read ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं, ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं, एक लड़की का दिल समझ जाये, तो क्या कहने! 💯🥀 Quote Writer 1 33 Share ओसमणी साहू 'ओश' 10 Mar 2024 · 1 min read साँवलें रंग में सादगी समेटे, साँवलें रंग में सादगी समेटे, कुछ मोटी सी हूं लड़की मैं। मुझे खूबसूरत मेरे, आचार-विचार बनाते है....♡ Quote Writer 2 54 Share ओसमणी साहू 'ओश' 10 Mar 2024 · 1 min read साँवलें रंग में सादगी समेटे, साँवलें रंग में सादगी समेटे, कुछ मोटी सी हूं लड़की मैं। मुझे खूबसूरत मेरे, आचार-विचार बनाते है....✍️ Quote Writer 2 43 Share ओसमणी साहू 'ओश' 9 Mar 2024 · 1 min read हुलिये के तारीफ़ात से क्या फ़ायदा ? हुलिये के तारीफ़ात से क्या फ़ायदा ? रवइये को तव्वज़ो मिले तो ख़ुशी हो। Quote Writer 1 49 Share ओसमणी साहू 'ओश' 8 Mar 2024 · 1 min read रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के, रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के, एक साथ खोले जाने पर........ अच्छी ख़ासी किताब बिखर जाती है या सरसराती नज़र गुज़र जाती है। 🍂🥀 Quote Writer 2 57 Share ओसमणी साहू 'ओश' 6 Mar 2024 · 1 min read मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं, मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं, दिल के भीतर संवरती हैं। देखना हो गर मुरीद... ! दिल से दिल में उतर देखिए। 💫✨ Quote Writer 1 56 Share ओसमणी साहू 'ओश' 6 Mar 2024 · 1 min read लब्ज़ परखने वाले अक्सर, लब्ज़ परखने वाले अक्सर, लहज़े से चूक जाते हैं। 🍂🥀 Quote Writer 1 51 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 Mar 2024 · 1 min read यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं, यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं, आईने से नज़रे नहीं है आप ही की मिल पाती। 🍂🥀 Quote Writer 1 58 Share ओसमणी साहू 'ओश' 29 Feb 2024 · 1 min read ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के, ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के, उनकी मशरूफ़ियत ने ग़म और बढ़ा दिया। 🥀📌 Quote Writer 2 72 Share ओसमणी साहू 'ओश' 29 Feb 2024 · 1 min read गए थे दिल हल्का करने, गए थे दिल हल्का करने, कहां भारी कर आ गए। ❣️🥀 Quote Writer 1 85 Share ओसमणी साहू 'ओश' 26 Feb 2024 · 1 min read मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं। मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं। और तसल्ली इस बात की, कि वक्त ने हमें सुलझाने के काबिल समझा। Quote Writer 1 56 Share ओसमणी साहू 'ओश' 25 Feb 2024 · 1 min read अक्सर चाहतें दूर हो जाती है, अक्सर चाहतें दूर हो जाती है, मजबूरियां ही साथ निभाती है। Quote Writer 1 68 Share ओसमणी साहू 'ओश' 21 Feb 2024 · 1 min read "सोच खा जाती हैं" निश्चिंतता का कवच चीर, ये समझ, कहां से आ जाती है, मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं ; मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं। हो किसी से जब... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 3 58 Share ओसमणी साहू 'ओश' 21 Feb 2024 · 1 min read पतझड़ पतझड़  ̄ ̄ ̄ ̄ ̄ ̄ ̄ टूट रहें है पत्ते एक-एक, जैसे टूटती उम्मीद हैं। Quote Writer 1 71 Share Page 1 Next