निधि मुकेश भार्गव Tag: मुक्तक 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid निधि मुकेश भार्गव 15 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक मेरी आंखों को पढ़ लो तुम बड़ी ही उदास रहती हैं ,, तेरी उल्फत में दिन ओ रात यूं ही चुपचाप बहती हैं ,, तूझसे दूर रहकर अब गुज़ारा हो... Hindi · मुक्तक 1 1 410 Share निधि मुकेश भार्गव 20 Jun 2018 · 1 min read आस की भोर आस की भोर मुझे बनना है बनके किरणें मुझे बिखरना है डूबते चाँद की हसरत छोड़ी उगते सूरज के साथ चलना है। निधि भार्गव Hindi · मुक्तक 513 Share