नीरज कुमार ' सरल' 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नीरज कुमार ' सरल' 15 Jan 2023 · 1 min read रामचरितमानस (मुक्तक) रामचरितमानस (मुक्तक) °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° हे! जनमानस,तेरा लक्ष्य ही तो निज स्वार्थ है। तू क्या जाने,रामचरितमानस का क्या अर्थ है। जनम-करम से भी तो,तुम सदा हो महामुरख; तुझको,रामचरितमानस को समझाना व्यर्थ है।... Hindi 3 1 145 Share नीरज कुमार ' सरल' 5 Sep 2022 · 1 min read सच तो काले मेघ स्वपन आपन हाथे इ या उस पार मिले तो प्यारा लगे कांटा बन ऑंख चुभे तरसत पूर्ण संसार । सच तो काले मेघ कभौ भड़कत कभौ बरसत प्रीत भी लागे... Hindi · कविता 1 153 Share नीरज कुमार ' सरल' 25 Jun 2021 · 1 min read अजीब दुनिया बकरी ने मारा शेर को बुझ गई उसकी प्यास, कौआ खाए घास ये देख घोड़े ने लिया संन्यास, कुत्ते ने सींग मारा इंसान क्या करे बेचारा, देख कर ये दृश्य... Hindi · कविता 7 14 1k Share नीरज कुमार ' सरल' 19 Jun 2021 · 1 min read "कवि" आओ तुझे मैं कवि बनाऊं करके मैं कवियों का गुणगान रुचि तुझमें जगाऊं आओ तुझे मैं कवि बनाऊं।। कवि होते इतने महान उनकी रचना इतनी सुंदर जितनी कोई हो फूल... Hindi · कविता 5 1 761 Share नीरज कुमार ' सरल' 17 Jun 2021 · 1 min read सुंदरता सुंदरता तो सभी पूजते हैं। कभी गुणवत्ता को भी पूजो। है उसमे कितने गुण जानो, असली सुंदरता को तुम पहचानो।। स्वरचित एवं मौलिक मैं Hindi · मुक्तक 5 3 376 Share नीरज कुमार ' सरल' 17 Jun 2021 · 1 min read आम पर विचार-2 (मुक्तक) ************* ढेला फेंक कर आम तोड़े हम, एगो छौड़ा ले गया हमें हुआ बहुत गम। बताइए कैसा कलयुग आ गया है, एक ठो तो छोड़ देता कम से कम।। **********... Hindi · मुक्तक 4 6 572 Share नीरज कुमार ' सरल' 17 Jun 2021 · 1 min read आम पर विचार (मुक्तक) ************** सब आम खा रहे थे मैंने भी खाया, हाय! इतना खट्टा आम मेरे हिस्से क्यों आया। इस खट्टे आम का मैंने अचार क्यों नहीं बनाया, उम्मीद है यह "आम"... Hindi · मुक्तक 4 4 481 Share नीरज कुमार ' सरल' 16 Jun 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ************** लिखने जब जाते हैं। कुछ समझ नही आता है। लेखनी जब रुक जाता है, वही मुक्तक कहलाता है।। ************** स्वरचित एवं मौलिक मैं Hindi · मुक्तक 4 1 520 Share नीरज कुमार ' सरल' 16 Jun 2021 · 1 min read व्यंग्य Moon निकलता है in the night जमीन पर लाए अपनी कविताओं की flight।। नहीं तो मैं करूंगा आपकी आलोचना tight। जिससे हो जाएगी अपनी वैचारिक fight।। मुझे पता है चाहिए... Hindi · मुक्तक 5 1 476 Share नीरज कुमार ' सरल' 15 Jun 2021 · 1 min read बरसात, "आफत या सौगात" गर्मी से राहत, बारिश की थी चाहत। बूंदों का, झूम कर सबने किया स्वागत।। प्रफुल्लित मन, खिल उठे वन उपवन। धरती की प्यास बुझी, महक उठा जीवन।। मेघों ने भी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 14 984 Share नीरज कुमार ' सरल' 15 Jun 2021 · 1 min read बरसात बरसात आई झमाझम। लेकर नई सौगात झमाझम। खिल उठे चेहरे किसान के झमाझम। लगा बादल भी खिल -खिलाने झमाझम। चारो ओर मिट्टी की खूशबू झमाझम। बरसात आई लेकर नई आश... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 10 575 Share