Comments (14)
25 Jun 2021 09:53 PM
बहुत सुंदर ये कल्पना !
लिख दिया है सुंदर रचना !
कहीं फिर आए ऐसा सपना !
तो फिर ऐसी ही कुछ करना !
जब यकायक नींद से जगना ।
तो पूरे पूरे होश में ही रहना !
पछताना पड़ जाएगा वरना !!
सपना जब आए बकवास !
तो वो होती हैं कुछ ख़ास !
सपनों में आई ऐसी घटना !
रह जाती हैं हर दिन याद !!
नीरज कुमार ' सरल'
Author
25 Jun 2021 10:22 PM
बहुत सुंदर, रचना के विवेचना के लिये एक रचना। पाठक के हास्य और सीख के लिए लिखी गई रचना अपने उद्देश में सफल होती जान पर रही है। उम्मीद है आप भाव को समझ पाए होंगे और आपको ये रचना पसंद आई। प्रणाम
25 Jun 2021 05:40 PM
वाह बहुत सही….. कहीं ऐसा सपना साकार ना कर दे मोदीजी….. ? ?
नीरज कुमार ' सरल'
Author
25 Jun 2021 07:50 PM
अच्छे दिन का इंतजार है ?
25 Jun 2021 04:44 PM
सुपर हिट ?
नीरज कुमार ' सरल'
Author
25 Jun 2021 07:49 PM
?
25 Jun 2021 04:20 PM
बहुत ही सुंदर व्यंगात्मक काव्य रचना ?
नीरज कुमार ' सरल'
Author
25 Jun 2021 07:47 PM
Dhanyawad
25 Jun 2021 03:25 PM
Wah wah kya baat??
नीरज कुमार ' सरल'
Author
25 Jun 2021 07:52 PM
धन्यवाद
बहुत ही उत्कृष्ट,????जब भी आप हमारे शहर को पधारे, हमारे सृजन मंच की सोभा एक बार जरूर बढ़ाएं , और हमारे शिष्यों को कुछ ज्ञान दान देकर हमे सेवा का मौका दें।
G shobha hi
ज़रूर, क्यों नहीं।