Mohan Bamniya Tag: कविता 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mohan Bamniya 25 Apr 2020 · 1 min read संकट की घड़ी में ○इस संकट की घड़ी में ○भगवान का स्वरूप बन जाना ए दोस्त ○दिखे गर कोई भुखा-प्यासा ○देखो पिछे मत हट जाना ए दोस्त ○जिंदगी में पता नहीं कब कैसे किस... Hindi · कविता 2 2 604 Share Mohan Bamniya 25 Apr 2020 · 1 min read बहुत हुआ हंसी मजाक ○बहुत हुआ हंसी मजाक ○छोड दो ये सब मंखोल ○ जान है तो जहान है ○देखो इटली की ओर ○लाशों का कहर बना करोना ○हो गया हर शहर सुना सुना... Hindi · कविता 2 555 Share Mohan Bamniya 29 Mar 2020 · 1 min read बाहर जाना ○ ना हाथ मिलाना ना गले लगाना ○करोना को भगाना नमस्ते का जमाना ○अगर हो जरुरी तो बाजार जाना ○वरना भिड़ भाड के क्षेत्र से बचे रहना ○किसी के बहकावे... Hindi · कविता 2 1 452 Share Mohan Bamniya 29 Mar 2020 · 1 min read गम्भीर है समस्या ○गम्बीर है समस्या हल्के में मत लो ○करोना की लडाई साथ मिलकर लड़ो ○घर पर अपने रहो खुद का बचाव करो ○अज्ञानता से ये है बढ़ता इतना समझ लो ○ना... Hindi · कविता 1 306 Share Mohan Bamniya 10 Nov 2019 · 1 min read तेरे ख्यालो की नगरी तेरे ख्यालों की नगरी ने ही तो आबाद किया है मुझे (दिल के वीराने ने खूब कोशिश की बर्बाद करने की ) वरना क्या था इस दिल के वीराने मे... Hindi · कविता 2 1 405 Share Mohan Bamniya 10 Nov 2019 · 1 min read चीटी जब उचाई चढती है चीटी जब उचाई चढती है बहुत बार फिसलती है कोशिश का दामन नही छोडती आखिरकार बाद मे वो जीतती है हमको भी हौसला रखना है हताश नही होना है अभी... Hindi · कविता 1 519 Share Mohan Bamniya 2 Oct 2019 · 1 min read सीधा-सादा सीधा-सादा जीवन जीया हमेशा सत्य का मार्ग लिया मास-मीट से दूर रहे थे ना कभी मदिरा का सेवन किया सारी दूनिया घुम आये तुमको था खूब सम्मान मिला राष्ट्रपिता सब... Hindi · कविता 1 522 Share Mohan Bamniya 2 Oct 2019 · 1 min read बहिष्कार स्वदेशी अपना विदेशी माल का बहिष्कार किया अंग्रेजो के चेहरो पर तमाचा जोर का मार दिया हंसते-हंसते हरेक दर्द को हंसी मे दफना दिया तन मन धन से हर एक... Hindi · कविता 2 1 256 Share Mohan Bamniya 28 Sep 2019 · 1 min read भारत छोड़ो भारत छोड़ो भारत छोड़ो का नारा उठाया था डांडी यात्रा कर नमक अपना बनाया था देशप्रेम है सबसे उपर हर जन को बतलाया था सत्य-अहिंसा दो शब्द लिए जन -जन... Hindi · कविता 2 2 247 Share Mohan Bamniya 11 Jun 2019 · 1 min read जिंदगी तुझसे ही जिंदगी तुझसे ही है वास्तव मेरा ओर तुझसे ही शिकायत करता हूँ जीवन जीने के लिए ए जिंदगी मै हर पल रोज मरा करता हूँ कैसी अजीब कसमा कश है... Hindi · कविता 1 287 Share Mohan Bamniya 11 Jun 2019 · 1 min read जिंदगी मे आना तेरा मेरी जिंदगी मे आना इस कधर हुआ है लिखना मेरा बिलकुल कम हुआ है तन्हाई मुझ से अब कोशो दूर है तेरे ख्यालो का मुझ पर पहरा हुआ है... Hindi · कविता 1 403 Share Mohan Bamniya 11 Jun 2019 · 1 min read तेरा साथ तेरे ख्यालों की नगरी ने ही तो आबाद किया है मुझे वरना क्या था इस दिल के वीराने मे कभी खुशी आई भी तो दरवाजा खटखटा कर मुझे परेशान करके... Hindi · कविता 476 Share Mohan Bamniya 10 Jun 2019 · 1 min read तेरे बारे मे जब सोचता हूँ तेरे बारे मे यही सोचता हूँ वो पल कैसा होगा जब हम मिलेंगे तेरी नजरे झूक जाएगी शायद मेरा दिल भी उत्साहित होगा वो पहला शब्द भी... Hindi · कविता 243 Share Mohan Bamniya 10 Jun 2019 · 1 min read बदला मन मे हम कहा बैर की भावना रखते है ये सिर्फ नमूना है हमे कम न आकना कोई जब प्यार करते है तो सिर कटा लेते है ओर गर आए... Hindi · कविता 2 1 266 Share Mohan Bamniya 26 Jan 2019 · 1 min read वतन के नाम कब से हम हो अमर गये होते वतन के नाम मर गये होते ना देती साथ मेरा तुम दुख मे क्या पता हम गुजर गये होते कोई समझाते गलती हमे... Hindi · कविता 246 Share Mohan Bamniya 18 Dec 2018 · 1 min read वादा दिले घाव अब भर गया चलो कुछ ऐसा करे कयो ना दोनो अजनबी बन जाए तुम मुझे देखो मै तुमहे देखा करे आओ मिलकर दोनो फिर से प्यार को अपने... Hindi · कविता 370 Share Mohan Bamniya 16 Dec 2018 · 1 min read इतवार जिंदगी ऐसी हो गई हमारी किसी को बता भी नही सकते एक इतवार मिलता है सप्ताह मे उसको को भी खाली रह नही सकते भाग दौड इतनी है जीवन मे... Hindi · कविता 268 Share Mohan Bamniya 15 Dec 2018 · 1 min read मै मौन रहूं मै मौन रहू ये सबके लिए ही अच्छा है । जब ये मुख खुलता है । बहुत कुछ बोलता है । जो हो रहा ओर जिसके आसार है । सब... Hindi · कविता 262 Share Mohan Bamniya 14 Dec 2018 · 1 min read स्वार्थ देखो वो आये आज मुझे मिलने जो मुसीबत मे साथ ना चलते उनको अब माने हम कैसे अपने स्वार्थ देखकर जो नाम है जपते प्यार उनसे होगा भी कैसे सच्चा... Hindi · कविता 361 Share Mohan Bamniya 12 Dec 2018 · 1 min read मेरी माँ उसका बखान करू भी कैसे जिसके लिए पूर्ण शब्द श्रृंखला ही कम अपेक्षा तो क्या कर पाऊंगा किससे क्योंकि वो विधाता भी कम है विधाता तो कभी दिखाई ही नही... Hindi · कविता 267 Share Mohan Bamniya 12 Dec 2018 · 1 min read बढ़ते चले ओ मंजिल की ओर बढ़ते चले हमे आगे है बढना बढते चले जो पीछे रहे वो है उनका कर्म हमे आगे है बढना बढते रहे जो उंचाईयों पर पहुंचे अकेले... Hindi · कविता 204 Share Mohan Bamniya 9 Dec 2018 · 1 min read दर्द के बाजार दर्द के बाजार मे निकला था मै भी पहली ही दूकान पर मुझसे ज्यादा दर्द देख रहा हूँ। बस देखा न गया मुझसे दर्द उनका उनको देकर अपने दर्द की... Hindi · कविता 296 Share Mohan Bamniya 7 Dec 2018 · 1 min read पिता मेरी जिंदगी मे रहा वो हर वक्त कभी दोस्त कभी गुरु के रूप मे मेरी हर ख्वाहिश उसने पुरी की भले जलता रहा हो वो धूप मे मुझे गिरते हुए... Hindi · कविता 203 Share Mohan Bamniya 6 Dec 2018 · 1 min read प्रिय नजरो को यूं न चुराओ प्रिय अभी अभी मिले है इतनी जल्दी न जाओ प्रिय आओ एक-दूसरे को जाने दोनो कुछ वक्त संग तो बिताओ प्रिय कुछ हम पुछे कुछ... Hindi · कविता 213 Share Mohan Bamniya 5 Dec 2018 · 1 min read पागलपन एक उम्र गुजर जाने पर भी जिदंगी को ना समझ पाया बुजुर्गो से पूछा तो उन्होंने भी कुछ अलग ही समझाया छोड़कर दुनिया की फिक्र मस्ती को अपनाया सच बताऊं... Hindi · कविता 535 Share Mohan Bamniya 4 Dec 2018 · 1 min read दिल की बाते कभी मिले गर फुर्सत तो हमसे भी मिलो दिल की बाते कुछ हम कहे कुछ तुम कहो हमने कभी ज्यादा कुछ मांगा ही कहा रब से चाहत है भी बस... Hindi · कविता 212 Share Mohan Bamniya 4 Dec 2018 · 1 min read मेरे मालिक ए मेरे मालिक सब तेरा है । जानता भी हूॅ । मेरी तो बस ये मै खत्म कर दे। Hindi · कविता 206 Share Mohan Bamniya 4 Dec 2018 · 1 min read गम नही मुझे गम नही किसी के जाने का ओर नही चाहिए सफाई कोई गर खले कभी भी कमी मेरी आ कर मिले मुझे उसी हक से । जहां बातो मे भी... Hindi · कविता 222 Share Mohan Bamniya 19 Nov 2018 · 1 min read माँ ही जन्नत माँ जिसे जुबां से पुकारने मे ही मिले राहत है । माँ जिसके चरणो मे ही है मिले जन्नत है । माँ ममता का जीता जागता स्वरूप है । माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 38 920 Share