कुल'दीप' मिश्रा(KD) 46 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कुल'दीप' मिश्रा(KD) 20 Sep 2019 · 1 min read कोशिशों की दौड़ में अपनी सफलता खोजता हूँ, कोशिशों की दौड़ में अपनी सफलता खोजता हूँ, राह की दुश्वारियों में भी सरलता खोजता हूँ , 'दीप'रात काली है मगर यह और गहरी हो न जाए मैं तिमिर में... Hindi · कविता 247 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 1 Sep 2019 · 1 min read मैं तो जीना भी सीख कर आया हूँ गम की आंधियो से बाहार निकल आया हूँ तभी तो साहिल के थपेड़ों का हो पाया हूँ ज़िन्दगी तलाशता रहा मैं तुझे आज उस तलाश का हीरा बन पाया हूँ... Hindi · कविता 183 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 1 Sep 2019 · 1 min read काम है दुनिया का हर पल जलाते रहना सदा तुम यूं ही मुस्कुराते रहना काम है दुनिया का हर पल जलाते रहना आए पल कैसा भी ज़िन्दगी में हर मुश्किल क्षण को हँसी से ठुकराते रहना दोस्त से... Hindi · कविता 221 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 1 Sep 2019 · 1 min read आएंगे पंछी घर अपने ही सूरज को जरा ढल लेने दो मशरूफ है वो अब उन्हें मशरूफ रहने दो चकाचौंध के इस जहाँ में उनको चंद वक़्त रहने दो आएंगे पंछी घर अपने ही सूरज को जरा ढल लेने दो ज़दा... Hindi · कविता 246 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 1 Sep 2019 · 1 min read होती जिन्दगी स्लेट-बत्ती सी तो जीना कितना आसान होता। होती जिन्दगी स्लेट-बत्ती सी तो जीना कितना आसान होता। गलती होते ही मिटा देते सही करके दिखा देते धुंधली होती स्लेट तो नल के नीचे धो लेते चलती ना कोई... Hindi · कविता 392 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 31 Aug 2019 · 1 min read असल हूं असल दिखता हूं असल हूं असल दिखता हूं सरल हूं सरल लिखता हूं रोज देखता हूं अतरंगी दुनिया कभी हंसता कभी रोता हूं अपने जीवन के अनुभवों को बना मोती कविता की माला... Hindi · कविता 392 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 31 Aug 2019 · 1 min read चखे हैं जीवन के स्वाद सभी चखे हैं जीवन के स्वाद सभी कोई फीका है कोई तीखा सबके मेल से हुआ अनुभव मोल है बहुत सभी का अनुभव से ही सीखा ना मिले जीत हरदम हमेशा... Hindi · कविता 288 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 20 Aug 2019 · 1 min read बता जिंदगी कैसी रही यह कविता मेरे द्वारा अनुभव किये एक घटनाक्रम काव्य रूप है मौत उसके सामने खड़ी मुस्कुरा के उससे कहने लगी जिंदगी कैसी रही थी वो उथले जल भंबर के रूप... Hindi · कविता 431 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 15 Aug 2019 · 1 min read आज़ादी भी आज कुछ ज्यादा आज़ाद दिखी । लाया है स्वतन्त्रता दिवस साथ में,राखी का त्यौहार | जिसने फहराया है देश में आज,भाई बहन का प्यार || आजादी के रंग में रंगे है,भाई - बहन सब संग |... Hindi · कविता 449 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 12 Aug 2019 · 1 min read अति भ्रम , मति भ्रम अति भ्रम , मति भ्रम न कोई हमसा , न कोई में हैं हम न बुद्धि ,विवेकम न कोई कमी , हर जगह हमीं हम मैं से पूरित अति, विश्वासी... Hindi · कविता 280 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 10 Aug 2019 · 1 min read आबादी मुश्किल की जननी है दिल्ली जैसी हालात पूरे भारत की हो जायेगी, आबादी मुश्किल की जननी बात समझ कब आयेगी ये बात समझ कब आयेगी…2 भारत माँ के आंचल में नित चीर लगाना जारी... Hindi · कविता 388 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 10 Aug 2019 · 1 min read मैं भारत हूँ बाँटो ना तुम टुकड़ों मैं तो सम्पूर्ण विरासत हूँ, मैं भारत हूँ……..मैं भारत हूँ…….. मैं भारत हूँ मैं ऋक् हूँ, मैं सामवेद हूँ, मैं गीता का सत्य वचन, चानक्य का... Hindi · कविता 386 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 10 Aug 2019 · 1 min read परिस्थितियां कली के भीतर बंद था, भ्रमर मन ही मन कंत था, न उपाय सूझा न स्थिति बूझा, बस फड़फड़ाता तंग था । सीमा स्वछंद न होकर के उसकी, घुट रहा... Hindi · कविता 1 1 344 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 10 Aug 2019 · 1 min read बौखलाया डरा हुआ पाक सबको नजर आता है बौखलाया डरा हुआ पाक सबको नजर आता है मुझे तो कुछ दाल में,काला नजर आता है || पूछता है कश्मीर से,370 धारा क्यों हटा दी ? लगता है उसको ,इसमें... Hindi · कविता 251 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 5 Aug 2019 · 1 min read दीप'आपको आवाज देता हर दिशाओं में 'दीप'आपको आवाज देता हर दिशाओं में विश्वास है पूरा आप होंगे इन्ही फ़िज़ाओं में साये की तरह होंगे , मेरे आगें पीछे होंगे मेरे हसने पे हसंते होंगे, मेरे रोने... Hindi · कविता 193 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 4 Aug 2019 · 1 min read मित्रता अतुल्य है, मित्रता अतुल्य है, बहुमूल्य है ये भावना , अहम का है समर्पण , संबंध की ये साधना | सुखद कोमल भावनाओं का समागम मित्रता , प्राण इस संबंध का है... Hindi · कविता 374 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 13 Jul 2019 · 1 min read राष्ट्रीय आपदा इमरजेंसी बल हम है भारत के विजयी सेनानी, चलते हैं सीना तान के। राष्ट्रीय आपदा इमरजेंसी बल, है प्रतिबद्ध जन कल्याण के।। हम डिगते नही हम थकते नही, डरते न किसी चट्टान... Hindi · कविता 225 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 13 Jul 2019 · 1 min read जलता 'दीप' इसी आस में समझदार होने में खोया , मैंने अपना प्यारा बचपन समझदार जो समझा खुद को , खो दिया अपना भावुक मन जिम्मेदारियों की चादर ओढ़ी बड़ा कर लिया अपना मन सब... Hindi · कविता 195 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 13 Jul 2019 · 1 min read मैं कवि हूँ... मैं कवि हूँ... इसीलिए जानता हूँ घाव कितना गहरा होता है मैं कवि हूँ... इसीलिए मानता हूँ मुस्कान भले नकली हो संवेदनाएं हमेशा असली होती हैं इसी से सच्ची बात... Hindi · कविता 355 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 10 Jul 2019 · 1 min read व्योम बरसात ले आया धरा की देख बैचेनी, पवन सौगात ले लाया तपी थी धूप में धरती, व्योम बरसात ले आया। घटा घनघोर है छाई, लगे पागल हुआ बादल- सजाकर बूँद बारिश की, चमन... Hindi · मुक्तक 210 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 16 Jun 2019 · 1 min read स्वयं को ,'दीप' के भविष्य में देखा था पापा ने "आंखों में आज नमीं सी है डिअर पापा आज फिर आपकी कमी सी है"... आप जहाँ भी हो अन्तर्मन की गहराईयों से आपको "कोटिशः नमन" आपको श्रद्धांजलि स्वरूप कुछ "काव्यपुष्प"... Hindi · कविता 1 512 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 10 Jun 2019 · 1 min read मेरी मेहनत काम आएगी वो , रंग लाएगी जिस दिन कलेक्टर बनने की मेरी बारी आएगी मेरी मेहनत काम आएगी वो , रंग लाएगी रात-रात भर वो पढ़ना, जॉब के साथ-साथ पढ़ना वो शिखर की तैयारी देखेगी दुनिया... Hindi · कविता 1 410 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 5 Jun 2019 · 1 min read प्रतिदिन पर्यावरण दिवस मनाएंगे रत्नों की जननी है बसुधा नित हमको सबकुछ देती है माँ जैसा दुलार-प्यार सब कुछ बसुंधरा हमको देती है आधुनिकतावादी भौतिक युग में हमने नियमों को इसके भुला दिया की... Hindi · कविता 240 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 5 Jun 2019 · 1 min read मेरी मंजिल मैं जो हिलोरे लेता दीप वो सुहानी मेरी मंजिल मै जो हूँ अगर गमगीं वो मुस्कान सी मंजिल मैं उसको पा लेने को उतावला हूँ क्योँ न भला मै भटकता... Hindi · कविता 183 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 5 Jun 2019 · 1 min read मेरी मंजिल मैं जो हिलोरे लेता दीप वो सुहानी मेरी मंजिल मै जो हूँ अगर गमगीं वो मुस्कान सी मंजिल मैं उसको पा लेने को उतावला हूँ क्योँ न भला मै भटकता... Hindi · कविता 172 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 12 May 2019 · 1 min read मैं एक शब्द हूँ , माँ शब्दों की भाषा है क्या लिखूं माँ आपके लिए सत्य तो ये है कि आपने मुझे लिखा है...... आपके लिए ....... समर्पित...... मैं एक शब्द हूँ , माँ शब्दों की भाषा है मैं कुंठित... Hindi · कविता 409 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 9 May 2019 · 1 min read कितना विकट होता है कितना विकट होता है , है' का था ' हो जाना कितना डरावना कितना भयंकर होता है श्री का स्वर्गीय हो जाना कितना कष्टकारक होता है आज होना कल जमीं... Hindi · कविता 261 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 13 Apr 2019 · 1 min read माँ कौसल्या के लाल आपको जन्मदिन मुबारक़! आज फिर से कविता , भाव कागज और कलम। आज हमारे इष्ट हैं , जिनकी वजह से है हम।। मेरे इष्ट प्रभु राम जी के चरणों में कोटि कोटि वंदन... Hindi · कविता 233 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 13 Apr 2019 · 1 min read जलियांवाला बाग हत्याकांड जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100 वर्ष पूरे होने पर भारत माँ के सच्चे वीर सपूतों की सहादत को कोटिशः नमन...... उस ख़ौफ़नाक मंजर को काव्य रूप देने का लघुतम प्रयास....... Hindi · कविता 288 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 8 Apr 2019 · 1 min read तोते की चोंच तोते की चोंच वो गाजर का हलवा.... चप चप करती चोंच , ऐसा है इनका जलवा। अंगूर न भाये, न भाये इन्हें जाम , भाता है केवल इनको गाजर का... Hindi · कविता 509 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 7 Apr 2019 · 1 min read यथाकथित यह कैसी दुनिया यथाकथित यह कैसी दुनिया हे ईश्वर मेरे रच डाली , युग बनाये ,अवतार लिए ये कैसी शासन प्रणाली। पढूं लिखू सोचूँ हरदम , हर पल में यही विचार करूँ राम... Hindi · कविता 268 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 6 Apr 2019 · 1 min read ये जिंदगी एक खेल है न हारना जरूरी न जीतना जरूरी ये जिंदगी एक खेल है , इसे खेलना जरूरी जब तक के तुम बेठो, हर ठोकरों के बाद कुछ देर रूककर , फिर चल... Hindi · कविता 735 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 6 Apr 2019 · 1 min read एक वर्ष और बीत गया मेरे जीवन का एक वर्ष और बीत गया मैं सोया , अगली सुबह एक वर्ष रीत गया मैं जागा नई सुबह के साथ अतीत गया एक कोरे कागज सी नवसुबह... Hindi · कविता 457 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 6 Apr 2019 · 1 min read वो परीक्षा नहीं जिंदगी है मेरी भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे सभी मित्रों को समर्पित..... मैं अभ्यर्थी उसका वो परीक्षा है मेरी वो परीक्षा नहीं जिंदगी है मेरी मैं हूँ राही , वो... Hindi · गीत 227 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 6 Apr 2019 · 1 min read सफ़र बस का अपने बस के सफर के अनुभवों को शब्दों में पिरोने का अतिलघु प्रयास सफ़र बस का कितना सुहाना , अद्धभुत मनोहर थोड़ा रिस्की किन्तु, मध्यम वर्ग की है ये धरोहर... Hindi · कविता 405 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 6 Apr 2019 · 1 min read अभिनंदन! नवयुग के नवल वर्ष , वैदिक नववर्ष , चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, नवसंवत्सरवर्ष सम्वत - २०७६ की हार्दिक मंगलकामनाये..... अभिनंदन! नवयुग के नवल वर्ष , तुम आओ वर्ष महान लिए सकल विश्व में हो शान्ति तुम... Hindi · कविता 232 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 2 Apr 2019 · 1 min read जो बातें कही नहीं जातीं "यह कविता मेरे ""आकर्षण के सिद्धांत""( law of Attraction) पर बहुत दिनों से" किये जा रहे लघुशोध को काव्यरूप देने का छोटा सा प्रयास है जिसे मैंने जिज्ञासाओं के माध्यम... Hindi · कविता 564 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 31 Mar 2019 · 1 min read जीतो मन को आज तुम.... जीतो मन को आज तुम,लोगे कल जग जीत। पहले खिलता फूल है,ख़ुशबू के फिर गीत।। गिरते उठते राह में,चलते रहना झूम। मंज़िल पाकर एक दिन,मच जाएगी धूम। कमियाँ गिनते रोज... Hindi · मुक्तक 280 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 26 Mar 2019 · 1 min read जिंदगी जीने में मजा आ गया जिंदगी जीने में मजा आ गया गमगीन शाम में मुस्कुराना आ गया ठोकरों से सीख हमको ये मिली बेजान पत्थरों से सर बचाना आ गया जब बहारों के कदम भू... Hindi · कविता 249 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 23 Mar 2019 · 1 min read कौन सी कविता लिंखू ए बहन तेरे लिए , कौन सी कविता लिंखू ए बहन तेरे लिए , कौन सा गीत लिंखू ए बहन तेरे लिए , तू मेरे कविता ,गीतो की शब्दसः बोली है , मेरी हर खुशियो... Hindi · कविता · बाल कविता 248 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 23 Mar 2019 · 1 min read क्या पत्थर में ही केवल ईश्वर रहता है? ओ देवालय के शंख, घण्टियों तुम तो बहुत पास रहते हो, सच बतलाना क्या पत्थर में ही केवल ईश्वर रहता है? मुझे मिली अधिकांश प्रार्थनाएँ चीखों सँग सीढ़ी पर ही।... Hindi · कविता 235 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 9 Mar 2019 · 1 min read नारी है सजग, सचेत, सबल, समर्थ आधुनिक युग की नारी है.... मत मानो अब अबला उसको , सक्षम है बलधारी है... आज बनी युग की निर्माता, हर बाधा उस से हारी है...... Hindi · कविता 342 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 30 Jan 2019 · 1 min read कुछ नया करो क्षण क्षण हर क्षण, पल पल प्रति पल यह ध्यान करो कुछ नया करो यथार्थ में जिओ ,बीता भूलो संबारो भविष्य, इतिहास रचो प्रति स्वांस, स्वांस यह ध्येय रमो निः... Hindi · कविता 1 199 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 30 Jan 2019 · 1 min read क़ुदरत से मिलन क़ुदरती अहसास को काव्य रूप देने का एक छोटा सा प्रयास...... कुदरत से मिलन , अद्धभुत मिलन एक ऐसा मिलन मिले ,अंतः करण बाते भी हुई, अहसासों में मिली स्वांस... Hindi · कविता 483 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 30 Jan 2019 · 2 min read ट्रेंनिंग की बेला मेरी प्रशिक्षण अवधि के दौरान केंन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान होमगार्ड्स, सिविल डिफेंस एवं आपदा प्रबंधन मंगेली जबलपुर म.प्र. में किये गए अनुभवों को काव्य रूप देने का एक छोटा सा प्रयास.......... Hindi · कविता 260 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 30 Jan 2019 · 1 min read यह स्पर्शज्ञान नहीं मेरा केवल , यह स्पर्शज्ञान नहीं मेरा केवल , सकल ब्रह्माण्ड गवाही देता है संघर्ष विकट स्थितियां ही स्वयम्भू कोटिकृपा पात्र को देता है दिनकर स्वंम साक्षी है इसका प्रति रश्मि यही कहने... Hindi · कविता 189 Share