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5 Jun 2019 · 1 min read

मेरी मंजिल

मैं जो हिलोरे लेता दीप
वो सुहानी मेरी मंजिल
मै जो हूँ अगर गमगीं
वो मुस्कान सी मंजिल
मैं उसको पा लेने को
उतावला हूँ क्योँ न भला
मै भटकता धूप में हूँ तो
वो मेरी छांव सी मंजिल

Language: Hindi
169 Views
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