मिथलेश सिंह"मिलिंद" Tag: कोटेशन 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read एकालवी छंद ०१ - कर्म ही धर्म है । धर्म ही कर्म है ।। कर्म जो भी करें । शान से ही करें ।। दौड़ता आ रहा । जो वही पा रहा... Poetry Writing Challenge-3 · कोटेशन 47 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read उल्लाला छंद मन से आखिर जो करे, कोई भी निज काम को। मजदूरी पूरी मिले, संतोषी हर शाम को।। ताका-झाँकी छोड़ दे, बहुत बुरी यह बात है। दिन तो इसमें कट गया,... Poetry Writing Challenge-3 · कोटेशन 59 Share