मारूफ आलम Tag: ग़ज़ल/गीतिका 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मारूफ आलम 13 Apr 2022 · 1 min read जमीं को थामे रखता हूँ तो हाथों से सितारे जाते हैं गली गली हथकड़ियों मे बांध कर गुजारे जाते हैं सलीबों पे मसीहा आज भी टांग कर मारे जाते हैं खुद्दारों की लाशों पे पहले भरपूर नुमाइश होती है एक अरसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 144 Share मारूफ आलम 31 Mar 2022 · 1 min read दबी हुई हैं कई तहरीरें हमारी बस्तर के थानों मे दबी हुई हैं कई तहरीरें हमारी बस्तर के थानों मे लाशें मांग रही हैं इंसाफ गली सड़ी बयाबानों मे आदिवासी हैं हम सदियों से बाशिंदे हैं जंगल के फुर्सत मिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 251 Share मारूफ आलम 25 Mar 2022 · 1 min read फिर इंसानियत का चेहरा कुचल दिया तुमने मुहब्बतों को नफरतों मे बदल दिया तुमने फिर इंसानियत का चेहरा कुचल दिया तुमने हिंदू को मुसलमान से जब जब लड़ाना चाहा होशियारी से दांव धर्म का चल दिया तुमने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 323 Share मारूफ आलम 21 Mar 2022 · 1 min read अंडे दिए हैं शायद दड़बों मे बटेरों ने दायरा समेट लिया चुपके से सवेरों ने कदम रख दिया हैं लगता है अंधेरों ने हमारे जाल मे हलचल काहे को होगी दरिया खंगाल लिया कब का मछेरों ने सांप... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 182 Share मारूफ आलम 20 Mar 2022 · 1 min read जब नफरत बांटनी हो पूरी पूरी बांट दोगे मुहब्बत के इस आंगन मे दूरी बांट दोगे क्या जंगल लूटकर हमे बेनूरी बांट दोगे मुहब्बत बांटने मे बड़े कंजूस हो तुम लोग जब नफरत बांटनी हो पूरी पूरी बांट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 169 Share मारूफ आलम 21 Dec 2021 · 1 min read रूपया क्यों सस्ता है अब भी दिनार से हल्की फुल्की पतली सी एक दरार से ताकता रहता हूँ दुनियाँ को इस पार से दरिया बहाकर ले जाता है अपने साथ कट कर गिरती है जो मिट्टी किनार से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 185 Share मारूफ आलम 10 Nov 2021 · 1 min read उजाले लापता हैं और कोई गवाह नही है बियाबान है जंगल यहाँ कोई सदा नही है दम सा घुटता है अब कहीं भी हवा नही है खमोशी से आकर छा गए सब और अंधेरे उजाले लापता हैं और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 298 Share मारूफ आलम 8 Nov 2021 · 1 min read इस तरह ऐ जिंदगी तेरे रकीब होते रहे इस तरह ऐ जिंदगी तेरे रकीब होते रहे वक़्त गुजरता रहा मौत के करीब होते रहे कुछ यूँ खुदती रही खाई दरमियाँ इंसानो के के गरीब ओर गरीब अमीर ओर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 293 Share मारूफ आलम 6 Nov 2021 · 1 min read मरते बस इंसान हैं बम नही मरते,तोपें नही मरतीं गोलियां नही मरतीं,बंदूकें नही मरतीं मरते बस इंसान हैं जंग के बाद का नुकसान कोई फरिश्ता नही भरता भरते बस इंसान हैं गोलियां नही मरतीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 306 Share मारूफ आलम 4 Nov 2021 · 1 min read मुद्दा कोई भी उछालो मगर एहतराम के साथ मुद्दा कोई भी उछालो मगर एहतराम के साथ आसमां सर पे उठालो मगर एहतराम के साथ चलते भी रहो और सांस भी ना फूले ऐ दोस्त दौड़ने का हुनर पालो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 398 Share मारूफ आलम 1 Nov 2021 · 1 min read किस्मत का लिखा झोल झाल बदल देंगे किस्मत का लिखा झोल झाल बदल देंगे ये लोग क्या मेरे ग्रहों की चाल बदल देगें अरे ये तो वो ठग हैं ठगों की बस्तियों के इनका बस चले तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 212 Share मारूफ आलम 30 Oct 2021 · 1 min read हम आदिवासी जंगल को खूब समझते हैं तेरे पैंतरे को तेरे दंगल को खूब समझते हैं हम आदिवासी जंगल को खूब समझते हैं हाकिम हमें ग्रहों की चाल मे मत उलझा हम,सूरज,चांद,मंगल को खूब समझते हैं उससे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 595 Share मारूफ आलम 17 Oct 2021 · 1 min read सरे आईना जुदा रहा कोई सरे आईना जुदा रहा कोई पसे आईना छुपा रहा कोई अपने अकल ऐ तसब्बुर मे सारी उमर खुदा रहा कोई जहन से मिट गया मेरे मगर दिल पे कही गुदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 247 Share मारूफ आलम 15 Oct 2021 · 1 min read अपनी सदाकत के अरकान नही मरने दिए अपनी सदाकत के अरकान नही मरने दिए जमीन मे मिल गये अरमान नही मरने दिए अपने अंदर के जलजलों को रवां दवां रखा अपने ख्यालातों के तूफान नही मरने दिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 369 Share मारूफ आलम 15 Oct 2021 · 1 min read किस काम का ये मारा हुआ जिस्म किस काम का ये मारा हुआ जिस्म हारी हुई रूह और हारा हुआ जिस्म फितरतन इंसान ने ख़ुद मैला किया आसमां से पाक उतारा हुआ जिस्म मौत की आगोश मे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 178 Share मारूफ आलम 14 Oct 2021 · 1 min read नफरत से पेड़ों की छांव तले हमको नफरत से पेड़ों की छांव तले हमको कुचला है किसी ने पांव तले हमको नदी के किनारे कपड़े धोने आती थी मिलती थी रोज वो गाँव तले हमको मुहब्बतों का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 242 Share मारूफ आलम 12 Oct 2021 · 1 min read कौन करे इस मसले मे बात हमारे मन की कौन करे इस मसले मे बात हमारे मन की न दिन हमारे मन का न रात हमारे मन की कुछ नही था ऐसा,सोच रखा था जैसा,ना मेघ हमारे मन के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 212 Share मारूफ आलम 12 Oct 2021 · 1 min read कुरान दुनिया की हर एक जुबान तक पहुंचे यमन,कुवैत,कतर ना सिर्फ ईरान तक पहुंचे खुदा का पैगाम हर देश हर इंसान तक पहुंचे भाषा का कहीं कोई अवरोध ना रहे ऐ दोस्त कुरान दुनियाँ की हर एक जुबान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 460 Share मारूफ आलम 11 Oct 2021 · 1 min read उसे देखकर आखिर क्यों मचल जाता उसे देखकर आखिर क्यों मचल जाता जब वो नही बदला मैं क्यों बदल जाता वो चराग होकर भी जल न सका कभी मैं दियासलाई होकर क्यों जल जाता तेरी बेमुरव्वती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 223 Share मारूफ आलम 11 Oct 2021 · 1 min read पंसद नही हैं अगर तो भुला दे हमको पंसद नही हैं अगर तो भुला दे हमको या मौत की गहरी नींद सुला दे हमको माजूर हैं,भूखे भी,हमें तरकीबें न सुझा खाना खिला या जहर पिला दे हमको ऐ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 210 Share मारूफ आलम 10 Oct 2021 · 1 min read हक दोस्ती का अदा रिश्तों की तरह कर हक दोस्ती का अदा रिश्तों की तरह कर तू इबादत कर तो फरिश्तों की तरह कर एकमुश्त ना चुका ये कर्ज मुहब्बतों का थोड़ा थोड़ा अदा,किश्तों की तरह कर ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 240 Share मारूफ आलम 9 Oct 2021 · 1 min read तूने जो कही थी मन मे वो बात दबी है अबतक तूने जो कही थी मन मे वो बात दबी है अबतक दिन के उजालों के पांव तले रात दबी है अबतक अछूतों से मतलब की वो बात तो हंसकर करते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 269 Share मारूफ आलम 7 Oct 2021 · 1 min read उस नन्हे मुन्ने परिंदे मे भी जान थी ऐ दोस्त उसकी भी जिंदगी थी पहचान थी ऐ दोस्त उसका भी अपना जहाँ था शान थी ऐ दोस्त जिसको खाया है तुमने बढ़े चाव से तलकर उस नन्हे मुन्ने परिंदे मे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 240 Share मारूफ आलम 6 Oct 2021 · 1 min read रोने के दिन वापस आ गए क्या रोने के दिन वापस आ गए क्या खुशियों पे अंधकार छा गए क्या जंगल जंगल किसको ढूंढ रहे हो ये जंगल तुमको भी भा गए क्या उत्पात मचाने वाले बेदर्द... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 247 Share मारूफ आलम 6 Oct 2021 · 1 min read उजालों से अंधेरों मे बदल गए लोग उजालों से अंधेरों मे बदल गए लोग फितरत के मुताबिक ढल गए लोग सुलगते शोलों के मानिंद थे कमजर्फ थोड़ी हवा लगी और जल गए लोग मैदाने जंग मे बड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 198 Share मारूफ आलम 5 Oct 2021 · 1 min read कौन हमेशा के लिये कागज की स्याही बनेगा सच्चाई की कलम,हक की रौशनाई बनेगा है कोई जो दावत देगा,खुदा का दाई बनेगा इबादत करने वाले लोग फिरदौस मे जाऐंगे बेनमाजी मौत के बाद कब्र की खाई बनेगा वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 241 Share मारूफ आलम 4 Oct 2021 · 1 min read तेरे खावों ख्यालों की दुनियाँ हूँ मैं तेरे खावों ख्यालों की दुनियाँ हूँ मैं शाम है तू,उजालों की दुनियाँ हूँ मैं जबाब मयस्सर हों तो आना कभी अनगिनत सवालों की दुनियाँ हूँ मैं मेरी महफ़िल मे सच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 207 Share मारूफ आलम 3 Oct 2021 · 1 min read मां प्यार से मेरा चेहरा जो पुचकारकर बैठ गई ये जुस्तजू थककर उम्मीद हार कर बैठ गई वो खामोश ही रहा जुबां पुकार कर बैठ गई बहुत कोशिशें कीं मनाने की पर वो न मानी अब हर ख्वाहिश मेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 326 Share