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उम्मीद की सहर लगता हूं पर यक़ीं जानो , अजाब -ए – शामे तमन्ना हूँ , सराब -ए-आप में खोया हुआ , अपने आप का साया हूं मैं , श़ुक्रिया !
शुक्रिया
बहुत खूब
उम्मीद की सहर लगता हूं पर यक़ीं जानो ,
अजाब -ए – शामे तमन्ना हूँ ,
सराब -ए-आप में खोया हुआ ,
अपने आप का साया हूं मैं ,
श़ुक्रिया !
शुक्रिया