Satish Mapatpuri Language: Hindi 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satish Mapatpuri 14 Jan 2018 · 1 min read घनाक्षरी दो घनाक्षरी भींगें बदन तरुणी तरणी चढ़ ताल में , केश को झटक रही चाँद छिप जात है । रात का तिमिर भी निराश होय सिर धुने , पूर्णिमा का... Hindi · घनाक्षरी 522 Share Satish Mapatpuri 11 Jan 2018 · 1 min read अजीब सा कमाल है गीतिका आधार छंद …. वाचिक चामर आपका कमाल भी अजीब सा कमाल है । आपका जवाब भी सवाल ही सवाल है । हो रहा कहाँ कहीं दिखा नहीं यहाँ कहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 315 Share Satish Mapatpuri 30 Sep 2016 · 1 min read हद होती है आखिर कब तक सहेगा कोई , सहने की भी हद होती है . ज़ुल्म करे वो , सहन करें हम , दबने की भी हद होती है . प्रेम की... Hindi · गीत 590 Share Satish Mapatpuri 6 Aug 2016 · 1 min read नारी और धरती नारी - धरा की कहानी अजीब है . सब कुछ सहना ही उसका नसीब है . नारी के गर्भ से ही ज़िन्दगी जनमती है . धरती के गर्भ से ही... Hindi · गीत 740 Share Satish Mapatpuri 6 Aug 2016 · 1 min read ये कैसा शरारा है. दरिया में ही ख़ाक हुए, ये कैसा शरारा है. साहिल पे ही डूब गए, ये कैसा किनारा है. यहाँ छांव जलाती है,मुस्कान रुलाती है. रातों में खुद को खुद की... Hindi · गीत 271 Share Satish Mapatpuri 2 Aug 2016 · 1 min read मेघा घिर - घिर आये मेघा चमके , बदरी में बिजुरी . चंचल पवन उड़ाये रही - रही , गॊरी की चुनरी . मेघा आये - दरस दिखाये , बिन बरसे... Hindi · गीत 325 Share Satish Mapatpuri 26 Jul 2016 · 1 min read कल्पना ऐ कवि-शायर! कहाँ तुम छिप कर बैठे हो. ज़रा बाहर निकल कर देख तेरी कल्पना है क्या. कहाँ निर्भीक वह यौवन, जिसे तुम शोख कहते हो. कहाँ जलता हुआ सौन्दर्य,... Hindi · कविता 603 Share Satish Mapatpuri 24 Jul 2016 · 1 min read नई नवेली नारि नई नवेली नारि अकेले पावस में ससुराल बसे. बारिश की बूंदे उसको- सौतन के ही मानिंद डसे. मेघा के ही साथ रात में, सेज पे दो नयना बरसे. सजन- अंग-... Hindi · गीत 2 341 Share Satish Mapatpuri 24 Jul 2016 · 1 min read अगर पूर्वजों के उतारे न होते . अगर रंग - बिरंगे ये नारे न होते. तो फिर हम भी इतने बेचारे न होते . बस बातों के मरहम से भर जाते शायद . अगर ज़ख्म दिल के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 310 Share Satish Mapatpuri 22 Jul 2016 · 1 min read आँखें नम थी मगर मुस्कुराते रहे दौरे गम में भी सबको हंसाते रहे . आँखें नम थी मगर मुस्कुराते रहे . किसमें हिम्मत जो हमपे सितम ढा सके . वो तो अपने ही थे जो सताते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 298 Share Satish Mapatpuri 22 Jul 2016 · 1 min read थमते कदम आ जाइये चाँद नभ में आ गया, अब आप भी आ जाइये. सज गई तारों की महफ़िल, आप भी सज जाइये. नींद सहलाती है सबको, पर मुझे छूती नहीं. जानें आँखें पथ... Hindi · गीत 532 Share Satish Mapatpuri 19 Jul 2016 · 1 min read गुरुवर तुम्हें नमन है जिसने बताया हमको , लिखना हमारा नाम . जिसने सिखाया हमको , कविता ,ग़ज़ल -कलाम . समझाया जिसने हमको , दीने -धरम ,ईमान . जिसने कहा कि एक है ,कह... Hindi · कविता 1 1 372 Share Satish Mapatpuri 19 Jul 2016 · 1 min read वह राम है - रहमान है हम उसे कुछ भी कहें, वह राम है- रहमान है . कह लो तो सावन भी है, कह लो तो रमज़ान है . इन घरों को देखकर, बस्ती नहीं समझें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 270 Share Satish Mapatpuri 18 Jul 2016 · 1 min read पुलिस आ रही है यूं तो छमिया रोज़ ही हाट से सब्जी बेचकर दिन ढले ही घर आती थी, पर आज तनिक देर हो गयी थी. वह थोड़ी देर के लिए अपनी मौसी से... Hindi · लघु कथा 6 543 Share Satish Mapatpuri 18 Jul 2016 · 1 min read प्रेम - दोहावली उमर थकाये क्या भला, मन जो रहे जवान. बूढ़ी गंडक में उठे , यौवन का तूफ़ान . मन का मेल ही मेल है, तन की दूजी बात. जहाँ प्रीत की... Hindi · दोहा 2 517 Share Satish Mapatpuri 18 Jul 2016 · 1 min read आँखें नम थी मगर मुस्कुराते रहे दौरे गम में भी सबको हंसाते रहे . आँखें नम थी मगर मुस्कुराते रहे . किसमें हिम्मत जो हमपे सितम ढा सके . वो तो अपने ही थे जो सताते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 426 Share Satish Mapatpuri 18 Jul 2016 · 1 min read नयना ! बिन कहे सब कह जाता . नयना ! बिन कहे सब कह जाता . ठेस लगे तो छलक पड़े ,और खुश हो तो मुसकाता . नयना ! बिन कहे सब कह जाता . कितनी हसीं है... Hindi · गीत 259 Share Satish Mapatpuri 17 Jul 2016 · 1 min read जिंदगी थक गयी ऐसे हालात से . यूँ ना खेला करो दिल के ज़ज्बात से . जिंदगी थक गयी ऐसे हालात से . रोज़ मिलते रहे सिर्फ मिलते रहे . अब तो जी भर गया इस मुलाक़ात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 348 Share Satish Mapatpuri 17 Jul 2016 · 1 min read दोहे पढ़कर के अखबार अब , पुरखे भी हैरान . बढ़िया है बानर रहे , बने न हम इंसान . हत्या लूट खसोट की , ना कीजै अब बात . अब... Hindi · दोहा 1 313 Share Satish Mapatpuri 17 Jul 2016 · 9 min read मिशन इज ओवर अनायास विकास एक दिन अपने गाँव लौट आया. अपने सामने अपने बेटे को देखकर भानु प्रताप चौधरी के मुँह से हठात निकल गया -"अचानक ..... कोई खास बात ......?" घर... Hindi · कहानी 1 322 Share Satish Mapatpuri 17 Jul 2016 · 1 min read मिलन का प्रथम प्रहर चारुलता सी पुष्प सुसज्जित, चंद्रमुखी तन ज्योत्स्ना. खंजन- दृग औ मृग- चंचलता, मानों कवि की कल्पना. उन्नत भाल -चाल गजगामिनी, विधि की सुन्दर रचना है. मंद समीर अधीर छुवन को,... Hindi · गीत 2 816 Share