मनोज बाथरे Language: Hindi 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज बाथरे 21 Oct 2020 · 1 min read हाइकु मन हताश फिर भी मुझे आश नहीं निराश।। मेरी हताशा निकालती है आशा जगती आशा।। Hindi · हाइकु 460 Share मनोज बाथरे 4 Jun 2020 · 1 min read ""कलम लिख देती है"" कलम लिख देती है अपने जज्वातों को कागज पर चाहें वो कैसे भी हों आखिर कोई न कोई तो पढ़ेगा ही।। Hindi · कविता 1 275 Share मनोज बाथरे 4 Jun 2020 · 1 min read ""मधुमास के"" खिलें मधुवन हर एक के जीवन में सुख-शांति और हर्षोल्लास के जीवन के हर वर्ष हों सबके लिए प्रेम और मधुमास के जहां रहें खुशियां हर दम बिना किसी बकवास... Hindi · कविता 276 Share मनोज बाथरे 4 Jun 2020 · 1 min read ""साहस के आगे"" परिस्थितियां कैसी भी हों कितनी ही विकट हो आपके साहस के आगे टिक नहीं सकती उनको एक न एक दिन तुमसे दूर होना ही पड़ेगा बशर्ते हमारे साहस में मजबूत... Hindi · कविता 2 1 436 Share मनोज बाथरे 2 Jun 2020 · 1 min read ""पल प्रति पल"" पल प्रति पल याद आती है उन सुहाने लम्हों की जो साथ बिताए थे कभी हमने अपनों के साथ याद आती है उन पलों की जो रहें सदा हमारे लिए... Hindi · कविता 1 271 Share मनोज बाथरे 31 May 2020 · 1 min read ""तरंगें"" हृदय में पुलकित विचारों की तरंगें हमारे दुःखी मन को बहुत ही मंत्रमुग्ध और आनंदमय बनाने की अदभुद क्षमता रखती है बस साहब तो हमारा होना चाहिए उन्हें पहचानने के... Hindi · कविता 2 258 Share मनोज बाथरे 9 May 2020 · 1 min read तरंगों के सागर कभी कभी वक्त से मुझे ऐसा आभास होता है कि मैं एकदम अकेला हूं इन्ही ख्यालों की रुपरेखा मेरे आनन पर झलकती रहती है परंतु मेरा हृदय मुझे अपनी प्यार... Hindi · कविता 1 274 Share मनोज बाथरे 5 May 2020 · 1 min read प्रीत हम बड़े बनें इस संसार में रहें सब संग हमारी प्रीत क्योंकि यहीं है इस संसार की एक बेहतर,सुखद प्यारी रीत।। Hindi · कविता 4 2 350 Share मनोज बाथरे 2 May 2020 · 1 min read नीर नैनों से झरते नीर को बहुत संभाल कर रखिये ये वो अनमोल रत्न है हम सबके जो हमारे साथ सदैव बिना शर्त रहते हैं।। Hindi · कविता 2 298 Share मनोज बाथरे 30 Apr 2020 · 1 min read सुनहरे कल में मन मधुवन में जाग रहा है प्रीत का वो बीज जो आगे चलकर हमारी जीवन बगिया को सुनहरे कल में बदल देगा इसी ख्याल से हम उसे मन मधुवन में... Hindi · कविता 2 2 570 Share मनोज बाथरे 28 Apr 2020 · 1 min read ""मुश्किल"' आज मैं किस परिस्थित में खड़ा हूं ये मेरी समझ में नहीं आ रहा है क्योंकि किसी को छोड़ना न मेरे वश में है और उन्हें छोड़ना मुझे बहुत ही... Hindi · कविता 2 238 Share मनोज बाथरे 26 Apr 2020 · 1 min read सन्नाटों के साये सन्नाटों के साये में गुजारते जीवन को आशा रूपी अनुगूंज की तलाश है जिससे जिंदगी का हर पल हर क्षण गुंजायमान हो सकें ऐसे हालातों से समझौता कर सकें कि/सन्नाटों... Hindi · कविता 2 351 Share मनोज बाथरे 20 Apr 2020 · 1 min read मददगार कहते हैं सब भावनाएं बहुत ही मददगार होती है इनके सहारे हम सबसे मिलजुल कर अपनी सुहानी मंजिल पा सकते हैं।। Hindi · कविता 1 259 Share मनोज बाथरे 20 Apr 2020 · 1 min read ख्यालों में ख्यालों में खोये हुए सुनहरे स्वप्न बुनते हैं अपने भविष्य के सपनों को।। Hindi · कविता 1 241 Share मनोज बाथरे 20 Apr 2020 · 1 min read आंगन को मन चितवन में खिले उमंग के पुष्प हिलोरें लेती भावनाओं के संग अठखेलियां करते हुए महकाते हैं हृदय रूपी आंगन को।। Hindi · कविता 1 345 Share