मनोज कुमार "मंजू" Tag: कुण्डलिया 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज कुमार "मंजू" 17 Sep 2018 · 1 min read खोटा सिक्का खोटा सिक्का सम नहीं, होता सबका भाल। कैसे जाने आदमी, कैसी गृह की चाल।। कैसी गृह की चाल, आदमी बेबश होता। समझ न पाए हाल, रात दिन केवल रोता।। तन... Hindi · कुण्डलिया 317 Share मनोज कुमार "मंजू" 17 Sep 2018 · 1 min read खोना साहस तुम नहीं खोना साहस तुम नहीं, कैसी भी हो राह। पाना ही है मंजिलें, ऐसी हो मन चाह।। ऐसी हो मन चाह, बीज हिम्मत के बोना। बीतेगी जब रात, सबेरा ही है... Hindi · कुण्डलिया 210 Share मनोज कुमार "मंजू" 17 Sep 2018 · 1 min read रोना जो रोते रहे रोना जो रोते रहे, बाधाओं को देख। कुछ भी बदलेगा नहीं, रेखाओं को देख।। रेखाओं को देख, हौसले को मत खोना। कर्म रहे बस नेक, ध्यान बस इतना देना।। जीवन... Hindi · कुण्डलिया 414 Share मनोज कुमार "मंजू" 17 Sep 2018 · 1 min read जैसी करनी जो करे जैसी करनी जो करे, फल वैसो ही पाय। पाथर मारे वृक्ष जो, सो मीठे फल खाय।। सो फल मीठे खाय, कर्म की गति है ऐसी। पल पल बीता जाय, किन्तु... Hindi · कुण्डलिया 367 Share मनोज कुमार "मंजू" 17 Sep 2018 · 1 min read राही तुम रुकना नहीं राही तुम रुकना नहीं, कैसी भी हो राह। बिना परिश्रम के न हो, फल पाने की चाह।। फल पाने की चाह, न हो तेरे मन माही। जग में हो बस... Hindi · कुण्डलिया 275 Share