लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' Language: Hindi 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 7 Feb 2024 · 1 min read गुलाब कि काँटों से लड़कर इक गुलाब, तेरे पास लाया हूँ। मेरे सपनों की दुनिया में अकसर, मै तुम्हे पाया हूँ। रूठ न जाओ कहीं किसी बात पे मुझसे, ऐ सनम,... Poetry Writing Challenge-2 110 Share लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 19 Aug 2023 · 0 min read मुक्तक ...... Hindi · Quote Writer 136 Share लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 3 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक बिगड़ जाते हैं ये रिश्ते, जरा सी भूल से। अपने पराये हो जाते हैं, कुछ उसूल से। रिश्ते बनाने से बड़ा है,उसको निभाना, सीख लो खुश रहना,बगिया की फूल से।।... Hindi 1 133 Share