Laxman Singh Tag: कविता 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Laxman Singh 25 Jan 2018 · 1 min read आओ मिलकर गणतंत्र उत्सव मनाये किसी ने कपास बोया किसी ने पानी पिलाया किसी ने निराई गुडाई की किसी ने कपास का सूत काता किसी ने उलझे को सुलझाया किसी ने हाथों से बुना तब... Hindi · कविता 291 Share Laxman Singh 22 Jan 2018 · 1 min read बसन्त आने से ये सर्दी भी गुलाबी हो गई बसन्त आने से गर्मी भी अंगडाई ले रही सुप्त अवस्था से पीत रंग धरा धरा ने तेरे बसन्त आने से राजा रंक पुल्लकित हुए... Hindi · कविता 516 Share Laxman Singh 15 Jan 2018 · 1 min read कसक ...... वो सर्वोच्च है मेरा सहारा सर्वोच्च है ऐसा ही भान पल रहा था जनता में खम्बा जिस पर न्याय महल टिका हो दरख गया विश्वास वो दरार देखकर भ्रष्टा और... Hindi · कविता 520 Share Laxman Singh 14 Jan 2018 · 1 min read पतंग वो लहरा रही थी वो उड़ान भर रही थी दिल पाने को मचल रहा था उसका घर आने का इंतजार था ना जाने कौन उसे थामे था उसकी राह में... Hindi · कविता 819 Share Laxman Singh 13 Jan 2018 · 1 min read कुछ दिल की तुम कहो कुछ दिल की तुम कहो कुछ दिल की मैं भी कहूं कुछ तुम मुझे पहचानों कुछ मैं भी तुम्हें जानूं कुछ पीड़ा मेरी तुम हरो कुछ पीडा मैं तुम्हामरी हरुं... Hindi · कविता 429 Share Laxman Singh 9 Jan 2018 · 1 min read बेटी का मान चल रहा एक अभियान मेरी बेटी मेरा अभिमान कह रहे नई शुरुआत श्रीमान क्यों हो रहा दिखावे का ज्ञान मेरी बेटी तो मेरा अभिमान उसकी बेटी का क्यों नहीं मान... Hindi · कविता 706 Share