अनिल कुमार निश्छल 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अनिल कुमार निश्छल 9 Sep 2023 · 1 min read चलते जाना चलते जाना ही मुसाफिर अब तुम्हारा काम है। सूरज कहाँ कभी करता दिन में आराम है बाधा बहुत आएगी मगर थकना नहीं तुम तुमको रोकेगी मगर रुकना नहीं तुम पाँव... Hindi · कविता 188 Share अनिल कुमार निश्छल 27 Aug 2023 · 1 min read प्रेरणा गीत (सूरज सा होना मुश्किल पर......) फूलों-सा हंसना मुश्किल है, भाव मधुर रखते रहना सूरज होना मुश्किल है पर, दीप बने जलते रहना एक हवा समभाव रखे बस, ऐसी जग में रीत नहीं पेड़ों पे फल... Poem 338 Share अनिल कुमार निश्छल 27 Aug 2023 · 1 min read जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है। जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है। Quote Writer 251 Share अनिल कुमार निश्छल 27 Aug 2023 · 1 min read हम तो अपनी बात कहेंगें बुरा लगे लग जाए तुमको दिन को क्यों फिर रात कहेंगें? हम तो अपनी बात कहेंगें दीन-हीन-लाचार हैं जो फ़िर युवा-वृध्द-बीमार हैं जो फ़िर नारी को इक आशा देकर फिरते... Poem 165 Share अनिल कुमार निश्छल 14 Feb 2022 · 2 min read लोकतंत्र बस चीख रहा है लोकतंत्र बस चीख़ रहा है और पतन अब दीख रहा है सत्ता लोलुपता है व्यापित राजनीति केवल है शापित जनता केवल लूटी जाती बात पड़े पर कूटी जाती जनता की... Hindi · गीत 370 Share अनिल कुमार निश्छल 9 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल शहर आया तो गाँव बुलाने लगा बुजुर्गों की बातें याद दिलाने लगा अब सबके सब समझदार हो गये सबको यूँ ही अकेलापन खाने लगा छोटी-छोटी बातों पे रूठने लगे हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 266 Share अनिल कुमार निश्छल 9 Feb 2020 · 1 min read दोहा ग़ज़ल मन से होते काम हैं,मन से ही नाकाम। मन ही है सारी व्यथा,मन ईश्वर का धाम।। मन अपना हित साधता,घूमत चारों ओर। मन में ही यदि ठान लो,होते सारे काम।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 243 Share अनिल कुमार निश्छल 13 Jun 2019 · 1 min read अरे जाने दो छोड़ो भी ऐसे मुस्कुराना छोड़ो भी अब यूँ शरमाना छोड़ो भी रूप-रंग है चार-दिनों का इसपे इतराना छोड़ो भी मान लिया तुम अच्छे हो गाल बजाना छोड़ो भी रिश्तों का कोई मोल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 440 Share अनिल कुमार निश्छल 13 Jun 2019 · 1 min read माँ मकान तो पिता नींव है माँ ने तो बस क्षीर पिलाया पिता भी सम्बल देता है माँ ने सच-झूठ में फ़र्क बताया पिता आत्मबल देता है माँ की महिमा की गाथा सब ग्रंथों ने गायी... Hindi · कविता 238 Share अनिल कुमार निश्छल 21 Nov 2018 · 1 min read गजल काश मेरा भी एक फ़साना हो दिल मेरा उसका आशियाना हो दो जिस्म एक रूह हैं हम आजमा ले जिसे आजमाना हो मुस्कुरा दे गर देख वो मुझको लबों पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 322 Share अनिल कुमार निश्छल 16 Nov 2018 · 2 min read क्यों नहीं मिलते इन बेशकीमती आँसुओं के खरीदार नहीं मिलते न जाने क्यों पहले जैसे अब दिलदार नहीं मिलते ************************** 1.इस आबोहवा इस फ़िजा में किसने ज़हर घोला है न जाने क्यों पहले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 411 Share अनिल कुमार निश्छल 15 Nov 2018 · 1 min read आम एक दिन पापा जब आम लाये तो बच्चे ने क्या कहा पापा लाये मीठे आम कितने रंग रंगीले आम मैं खाऊंगा खूब तमाम हैं ये रसीले कितने आम पापा लाये........... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1 544 Share अनिल कुमार निश्छल 15 Nov 2018 · 1 min read दुआ रब आपको इतनी खुशियां नसीब करे नसीब भी आपके नसीब की तारीफ़ करे यूँ तो जिन्दगी में सब को गम मिला करते हैं रब न आपको एक भी गम कुबूल... Hindi · कविता 2 3 268 Share अनिल कुमार निश्छल 7 Nov 2018 · 1 min read माँ-एक फ़रिश्ता ख़ुदा ने जब माँ को बनाया होगा ख़ुद को कदमों पे ही पाया होगा ममता का आँचल जब थमाया होगा बच्चा बन खुद आजमाया होगा जन्नत को कदमों पे बसाया... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 26 517 Share अनिल कुमार निश्छल 4 Apr 2018 · 1 min read उसको पाने की हसरत उसको पाने के हँसी ख्वाबों को पाले बैठा हूँ; आजकल मैं बड़ी कशमकश में रहता हूँ। दिल को कितना समझाता हूँ; पर राजी नहीं कुछ मानने के लिए, अक्सर उसी... Hindi · गीत 1 463 Share अनिल कुमार निश्छल 14 Mar 2018 · 1 min read बढ़ता चल मुसाफ़िर चलता चल रे मुसाफ़िर चलता चल जिंदगी के सफर में आगे, बढ़ता-चल चलता-चल मुसाफ़िर_____ राह में फूल आए या आए शूल, बढ़ता-चल ठहर न कभी तूफ़ानों के डर से; बढ़ता... Hindi · कविता 1 365 Share अनिल कुमार निश्छल 19 Jan 2018 · 2 min read माता पिता मेरे भगवान कोई कहता है रब तुमको कोई कहता है राम कोई कहे सृष्टि नियन्ता कोई कहता घनश्याम कोई कहता रब ......... कोई कहे प्रभु निराकार कोई कहे हनुमान कोई कहे रचनाकार... Hindi · गीत 1 245 Share अनिल कुमार निश्छल 17 Jan 2018 · 1 min read राज जिंदगी का हमसे छिपा गयी जिंदगी *राज जिंदगी का यूं हमसे छिपा गयी जिंदगी, सरे राह महफ़िल में यूं मूर्ख बना गयी जिंदगी। देखते रहे हम अपनी मौत का तमाशा, मालूम नहीं हमको, किस जन्म का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 565 Share अनिल कुमार निश्छल 16 Jan 2018 · 1 min read वो वादा निभाते रहे प्यार करने का वादा वो हमसे निभाते रहे, रूठे हम गर तो वो हमें मनाते रहे। हम तो सदा किस्मत की ठोकरें खाते रहे, गम में भी खुद के लुटने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 449 Share अनिल कुमार निश्छल 15 Jan 2018 · 1 min read तेरी यादें ये अश्क भी कितने बेवफा होते है; तेरी यादों के साथ-साथ चले आते हैं। कितना भी चाहे हम की ये इन आँखों को न नसीब हों; पर तेरे बहाने ही... Hindi · कविता 2 409 Share अनिल कुमार निश्छल 14 Jan 2018 · 1 min read तुम आवाज तो दो तुम आवाज तो दो, वो दौड़ती आएगी, संग अपने अपनों की मंडली लाएगी। तुम आवाज तो... चल देती है उधर अपना संग किये, निश्चयी जीवन जाते हैं, जिधर अपना रुख... Hindi · गीत 1 297 Share अनिल कुमार निश्छल 14 Jan 2018 · 1 min read जिंदगी से क्या सीखा तेरी जिंदगी की दौड़ में,क्या तुम्हें तालीमें मिलीं; नसीहतों के साथ मे कभी चाहतें भी खिलीं। जिंदगी की राह में दर-दर भटके कभी-कभी; जिंदगी की आपाधापी में कहीं अटके कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 465 Share अनिल कुमार निश्छल 14 Jan 2018 · 1 min read कुछ करो ऐसा करो कुछ ऐसा कि जग तुम्हे याद करे, बनने को तुम जैसा, हर कोई फरियाद करे। अहिंसा,अस्तेय,दया जैसे गुणों की खान बन, नैतिकता उतार जीवन मे, सब तुम्हारा धन्यवाद करे... Hindi · कविता 2 352 Share