डॉ. एकान्त नेगी 34 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. एकान्त नेगी 12 May 2024 · 1 min read मां जो होती है ना मां जो होती है ना उसके प्यार में कुछ तो खास होता है जिसे शायद देवता भी ना समझ पाए मां के प्यार के फुलों से गहरी श्रद्धा की महक... Poetry Writing Challenge-3 1 84 Share डॉ. एकान्त नेगी 12 May 2024 · 1 min read कभी इश्क ना करना तेरे ही ख्यालों में तेरा ये दीवाना जाने क्यों खोया खोया सा रहता है कभी तेरे उलझे हुए जज्बातों में कभी तेरी यादों में सोया सोया सा रहता है तू... Poetry Writing Challenge-3 · शेर 1 61 Share डॉ. एकान्त नेगी 11 May 2024 · 1 min read बहुत खुश हैं अपनी दुनिया में ज्यादा कुछ नहीं बस इतना ही कहना था तुमको हम जैसे कल थे आज भी वैसे ही हैं तुमको ऐतराज हो तो हम क्या करें मौसम की तरह रंग बदलना... Poetry Writing Challenge-3 3 63 Share डॉ. एकान्त नेगी 10 May 2024 · 1 min read वो दिन भी क्या दिन थे वो दिन भी क्या दिन थे ना मतलब की यारी थी और ना ही मतलबी यार थे आज जाना बचपन सच में कितना नादान और कितना भोला था मानो कोई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 1 102 Share डॉ. एकान्त नेगी 10 May 2024 · 1 min read किसी की बेवफाई ने किसी की बेवफाई ने आज हमें फिर से जीने का हुनर सीखा दिया एक भटके हुए मुसाफिर को मंजिल का रास्ता दिखा दिया उनकी हर अदाएं नाकाम हुई हैं यह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 56 Share डॉ. एकान्त नेगी 10 May 2024 · 1 min read तुझसे दिल लगाने के बाद तुझसे दिल लगाने के बाद जाना तेरी साजिश का शिकार हुआ हूं मैं पल भर में जाने ऐसा क्या हुआ अपनी ही दुनिया में बेकार हुआ हूं मैं सब बिखरा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 70 Share डॉ. एकान्त नेगी 10 May 2024 · 1 min read प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद अभी-अभी ताजी-ताजी भोर हुई है और गुलाब की पंखुड़ियां शबनम की बूंदों में नहा कर जागी हैं तो ऐसे में मतवाली बयार के शीतल झोंके गुलमोहर को गुदगुदा रहे हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 66 Share डॉ. एकान्त नेगी 8 May 2024 · 1 min read तुम्हारे चेहरे की मुस्कान बता रही है तुम्हारे चेहरे की मुस्कान बता रही है इश्क का जो जख्म है बहुत गहरा है आज जुल्फों को झटक कर मत चलना उनके साए में किसी का दिल ठहरा है... Poetry Writing Challenge-3 · शेर 2 62 Share डॉ. एकान्त नेगी 8 May 2024 · 1 min read जख्म भी अब मुस्कुराने लगे हैं मेरे हाल पर जख्म भी अब मुस्कुराने लगे हैं सोचते होंगे किसी बेवफा ने किया ये हाल होगा जितने भी ख्वाब थे सब झुलस कर रह गए है इश्क की... Poetry Writing Challenge-3 · शेर 1 86 Share डॉ. एकान्त नेगी 8 May 2024 · 1 min read कम्बख्त सावन अभी-अभी तो तुमसे नजदीकियाँ परवान चढ़ ही रही थी अभी-अभी तो किसी की चाहत के अंकुर दिल में फूट ही रहे थे अभी-अभी तो समंदर की लहरें किनारों से दोस्ती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 62 Share डॉ. एकान्त नेगी 8 May 2024 · 1 min read मानव का मिजाज़ चलते चलते एक दिन मैंने पूछ ही लिया धूप से क्यों इतना गर्माती है क्यों मुसाफ़िर को झुलसाती है अपनी गर्मी पर क्यों इतना इतराती है आग उगलते लू के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 45 Share डॉ. एकान्त नेगी 8 May 2024 · 1 min read उनकी ही कमी खलती है नजरें क्या मिली उनकी पलकों में झूल गए उनकी गली में आकर इश्क क्या है भूल गए उनका ठिकाना बदला हम परेशान हो गए हमारी नई पड़ोसन बनी हैं हम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 74 Share डॉ. एकान्त नेगी 8 May 2024 · 1 min read मेरे कॉलेज की वह लड़की मैं कदापि इनकार नहीं कर सकता कि वह लाखों में एक है वह लड़की जो है मेरे कॉलेज की है उसकी चुंबकीय मुस्कान मेरी नजरों को अपनी ओर आकर्षित कर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 69 Share डॉ. एकान्त नेगी 8 May 2024 · 1 min read सफ़र का अंत तुमने कहा था कि तुम मुझसे बेइंतहा प्रेम करती हो तब तुम्हारी आंखें नम थी, गला भी भर आया था तुमने कहा था कि तुम मुझसे अनंत प्रेम करती हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 54 Share डॉ. एकान्त नेगी 7 May 2024 · 1 min read और पंछी उड़ चला वह तंग आ चुकी थी इंसानी दुनिया से वह तंग आ चुकी थी इंसानों की बुरी नीयत से वह तंग आ चुकी थीअपनी दुनिया के बनावटी उसूलों से और खोखले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 51 Share डॉ. एकान्त नेगी 7 May 2024 · 2 min read शायद यही लाइफ है मैं खुद शब्द गढ़ता हूं, मैं खुद भाव बनाता हूं अपने लिखे गीतों की खुद धुन बनाता हूं फिर हर धुन पर थिरक कर मैं खुद का जश्न मनाता हूं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 40 Share डॉ. एकान्त नेगी 6 May 2024 · 1 min read गांव का बचपन क्या मजबूरी थी जो साथ तूने मेरा छोड़ा ये सूना-सूना सावन तुझ बिन भाता नहीं नाराज क्यों हैं बादल जाकर पूछना कभी झूमता हुआ सावन अब क्यों आता नहीं टिप-टिप... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 70 Share डॉ. एकान्त नेगी 6 May 2024 · 1 min read सावन और बचपन घनन-घनन गरज रहे हैं पियक्कड़ मेघा अंगड़ाई लेकर मतवाला सावन झूम रहा घूंघट हटाके झाँक रही हैं काली घटायें उल्लसित बचपन बादलों को चूम रहा उतावली बारिश की थिरकती स्वेत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 80 Share डॉ. एकान्त नेगी 5 May 2024 · 1 min read इक आदत सी बन गई है कुछ तो ख़ास होगा तेरी शख्सियत में जो तू जिन्दगी की इक आदत सी बन गई है मुमकिन है मैं जी पाऊं तुझ बिन मगर जिंदगी जी पाएगी तुझ बिन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 77 Share डॉ. एकान्त नेगी 5 May 2024 · 1 min read या तुझको याद करूं जब तू नहीं थी खुद से बात किया करता था कभी तन्हाइयों में, कभी खामोशियों में दिल से दिल की बात साझा कर लिया करता था वक्त की परतें खोलकर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 39 Share डॉ. एकान्त नेगी 5 May 2024 · 1 min read बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया सावन को बादलों में झूमते हुए जो देखा बारिश की बूंदों को मचलते हुए जो देखा बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया सुबह की नरम धूप में फूलों को... Poetry Writing Challenge-3 · Poem · कविता 1 54 Share डॉ. एकान्त नेगी 5 May 2024 · 1 min read इक तेरी ही आरज़ू में इक तेरी ही आरज़ू में कभी दिन ढल जाए कभी पलकों में रात ठहर जाए रात की तन्हाई भी जाने क्यों हुई आज बेवफा गीत कोई गुनगुनाकर गहरी नींद में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 34 Share डॉ. एकान्त नेगी 5 May 2024 · 1 min read हां मैं एक मजदूर हूं अपनों को सुलाने की खातिर, रात-रात जागता हूँ पेट पर बाँधकर कपड़ा, सुबह घर से भागता हूँ दो जून रोटी की जुगाड़ में, हर सड़क नाप डाली है कोशिश आज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 56 Share डॉ. एकान्त नेगी 5 May 2024 · 1 min read सबसे बड़ा दुख सबसे बड़ा दुख उस दिन मन बहुत उदास था तनहाई भी बेगानी-सी लग रही थी जज्बात भी मानो टूट कर बिखर गए थे मन में कुछ सवाल थे जिनका जवाब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 70 Share डॉ. एकान्त नेगी 5 May 2024 · 1 min read तो हमें भुलाओगे कैसे जो रिश्ते हैं न बहुत नाज़ुक होते हैं इनके जज्बातों से मत खेलना कभी गहरे ज़ख़्म अगर नासूर बन गए तो हमें भी बताओ मरहम लगाओगै कैसे सांझ ढले चली... Poetry Writing Challenge-3 1 49 Share डॉ. एकान्त नेगी 5 May 2024 · 1 min read सामंजस्य हमसे बिठाओगे कैसे तुम ठहरी ऊंचे महलों की रानी और हम ठहरे इक बंजारा मुसाफिर जिंदगी के सफ़र में बनकर हमसफर सामंजस्य हमसे बिठाओगे कैसे तुम्हारे कंपकंपाते अधर बता रहे हैं हाल क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 47 Share डॉ. एकान्त नेगी 4 May 2024 · 2 min read तुम्हारी याद आती है मेरे चारों तरफ अनगिनत चीजें हैं जिन्हें देखकर मुझे बार-बार तुम्हें प्यार करने को जी चाहता है तुम्हारे साथ बिता हर लम्हा मैं अपने भीतर समा लेना चाहता हूं मैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 55 Share डॉ. एकान्त नेगी 4 May 2024 · 1 min read बचपन फिर लौट कर ना आया गिरते संभलते बचपन किसी मोड़ पर छूट गया तो फिर बच्चा बनकर दिल में मचलता कौन है पीपल की छांव बरगद की मुस्कान अब नहीं है बचपन की कोई बात... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 55 Share डॉ. एकान्त नेगी 4 May 2024 · 1 min read इक टीस जो बाकि है दुनिया की जिम्मेदारियों का बोझ कंधों पर लाद कर कब तक मैं चलता रहूंगा जिनके लिए जागा वह सोते चैन से चिलचिलाती धूप में कब तक मैं जलता रहूंगा बेवजह... Poetry Writing Challenge-3 · Poem 1 1 54 Share डॉ. एकान्त नेगी 3 May 2024 · 1 min read जनाब नशे में हैं समझे भी ना समझे उनका क्या कीजिए जनाब नशे में हैं दो घूंट और पिला दीजिए दिन के उजाले में अंधियारा तलाश रहे है दिखाई नहीं देता इक चश्मा पहना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 57 Share डॉ. एकान्त नेगी 3 May 2024 · 1 min read तेरा पागल दीवाना फूल सी नाजुक कली हो तुम हर दिल की प्रेम गली हो तुम हिमालय की वादियां पूछती हैं ठुमक ठुमक किधर चली हो तुम तुम इश्क की शमा मैं मोहब्बत... Poetry Writing Challenge-3 2 59 Share डॉ. एकान्त नेगी 3 May 2024 · 1 min read क्या यही प्यार है हर रात जब सोने जाता हूं तो मेरे नयन बंद होने पर एतराज दर्ज कराते हैं और मैं पहले की तरह हर बार उस विरोध से निपटने का हर प्रयास... Poetry Writing Challenge-3 2 65 Share डॉ. एकान्त नेगी 3 May 2024 · 1 min read वो कौन थी वो कौन थी जिसने मेरे आंसुओं को पोंछते हुए कहा था पगले रोना बंद कर, बस जरा मुस्कुरा दे तेरे पास न होकर भी मैं हर पल तेरे पास हूं... Poetry Writing Challenge-3 2 65 Share डॉ. एकान्त नेगी 3 May 2024 · 1 min read मां की दुआओं का असर हर मुश्किल है कि मुझे मिटाने पर तुली है यह मतलबी दुनिया मुझे गिराने पर तुली है जिसे प्यार किया था मुझे भुलाने पर तुली है नाकामयाबी भी आज मुझे... Poetry Writing Challenge-3 2 1 89 Share