कृष्ण मलिक अम्बाला 71 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कृष्ण मलिक अम्बाला 15 Jun 2023 · 1 min read जीने का हुनर जीने का हुनर सीख लीजिये आनंद दीजिये आनंद लीजिये अच्छे की इज्जत कीजिये बेशक आधी बुरे को सम्मान दुगुना दीजिये अच्छे को प्रोत्साहन दीजिये कर्म से बुरे को मारिये दुगुने... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं 2 168 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 15 Jun 2023 · 2 min read अनुभव की माला जो कर्म को आईना बना कर आगे बढ़ते हैं उनकी तस्वीर बहुत चमकदार बनती है खा खा के ठोकरे सीखते जाते हैं तजुर्बे तभी तो उनकी छवि खुश्बूदार बनती है... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं 1 237 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 15 Jun 2023 · 2 min read बोलो बेटों बताओ बेटों आज के बेटे पिछड़ रहे हैं क्या कारण है इसको जानने के लिए कुछ पंक्तियाँ बोलो बेटों बताओ बेटों आँखों ही आँखों में बेशक , दर्द तो जताओ बेटों ।... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं · कविता 222 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 15 Jun 2023 · 1 min read गुरु की महिमा हर पल हर क्षण , उस गुरु का ध्यान करूं | कृपा है उसकी अनन्त , क्या महिमा का बखान करूं | ज्ञान की जोत जो जलाए , मन अंधियारे... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं · कविता 181 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 15 Jun 2023 · 2 min read जागरूक हों आज के अंधियारे युग में आंखें खुली मन मूंद लिया क्या आधुनिकता की छाया है । अन्याय हो दूसरों के संग वीडियो बना सकती है दुनिया मदद करनी हो तो कह देती ये तो प्रभु... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं · कविता 285 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 15 Jun 2023 · 1 min read हर माँ से है गुजारिश नन्हें की माँ से है आज एक गुजारिश ज्यादा कुछ नहीं बस एक छोटी सी सिफारिश आज से एक नवजीवन की शुरुआत करे वर्षगांठ के साथ कुछ और बातें याद... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं · कविता 196 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 15 Jun 2023 · 2 min read एक भिखारी था ऐसा एक भिखारी था ऐसा दिखता वर्षों से थके जैसा चेहरे पर मेहनत का नूर था फिर भी क्यों बेबसी से चूर था शायद वो किसी बाप का बेटा था जो... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं · कविता 200 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 14 Jun 2023 · 1 min read किताबों सी नहीं होती जिंदगी.. कल्पना में जीकर क्या करेंगे सपनों का टूटना है दुखों की किताब किताबों सी नही होती जिंदगी असल का अलग ही अंदाज़ अच्छे होते है सिद्धांत किताबी बेशक परन्तु हालातों... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं · कविता 239 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 14 Jun 2023 · 1 min read कुछ अनुभव है अनोखे से पलक झपकते ही जो भूल जाएं उन्हें कैसे दिल मे रोके कोई कुछ अनुभव है अनोखे से जरा अपना कर देखे तो कोई आंखों में पढ़ने को है दर्द की... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं · कविता 182 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 14 Jun 2023 · 1 min read हिंदी का जुनून बच्चे बच्चे में होगा हिंदी का जुनून तभी मिलेगा लेखनी को सुकून अंग्रेजों ने अब तक भाषा की वफादारी दिखलाई है अब बारी हमारी है हिंदी को सरताज बनाना हमने... Poetry Writing Challenge · कविता 237 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 13 Jun 2023 · 1 min read बचा सको तो बचा लो तुम प्रकृति की काया लिखने को हुई जो कलम तैयार तुम भी करना जरा सोच विचार करते हो अगर प्रकृति से प्यार बातें सुन लो तुम मेरी चार जल की महिमा है अनन्त अपार... Poetry Writing Challenge · कविता 1 45 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 12 Jun 2023 · 1 min read एहसास-जिंदा तस्वीर नहीं यारों जिन्दा तस्वीर तो नहीं यारों, मुर्दा परिंदा हूँ । खुशियों का गुलाम नहीं , गमों का बाशिंदा हूँ । आता है पतझड़ बीतने पर बसन्त हर बार , खिलती है... Poetry Writing Challenge · कविता 186 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 12 Jun 2023 · 1 min read बुढ़ापा तजुर्बे का अगर अद्भुत संजोग है बुढ़ापा तो समझिए जीवन का एक रोग भी है बुढ़ापा इस समय में इंसान बेबसी के दौर से इस कदर गुजरता है । जवानी... Poetry Writing Challenge · कविता 98 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 11 Jun 2023 · 1 min read सिन्दूर की महिमा हर शादी शुदा बहन को समर्पित नारी शक्ति हर पल कर रही उंचाईयों के एलान पर इस आधुनिकता की भाग दौड़ में खो ली खुद की ही पहचान देखा जग... Poetry Writing Challenge · कविता 1 71 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 11 Jun 2023 · 1 min read अब तो छोड़ ओ मुसाफिर अब तो छोड़ ओ मुसाफिर हाय पैसे का जंजाल पल भर में मिटटी हो जाये मुद्रा ऐसी कमाल संचित करने में जो गुजर गए पिछले जो कई साल जी लेता... Poetry Writing Challenge · कविता 72 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 7 Jun 2023 · 1 min read कुछ यूं मनाओ तुम हर बार दीवाली बाहर रौशनी तो सभी करते हैं, जिसने है भीतर जोत जगा ली । उसी को मिला है ज्ञान प्रकाश , उसी की सच्चे अर्थों में दीवाली । इधर धुआं-उधर धुआं... Poetry Writing Challenge · कविता 2 141 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 5 Jun 2023 · 2 min read अभी भी वक्त है सम्भल जा बेटी वक्त है बेटी सम्भल जा अभी भी * दिल का महकमा कुछ कह रहा है । नहीं पता ये लड़कियां जींस टॉप पर क्यों मरती है । पर लगती सूट... Poetry Writing Challenge · कविता 154 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 5 Jun 2023 · 1 min read आज की बेटी कल की नारी Sahityapedia Home Search Dashboard 1 Notifications Settings कृष्ण मलिक अम्बाला 25 Followers 2 Oct 2016 · 1 min read आज की बेटी कल की नारी छू रही ऊंचाइयों को आज... Poetry Writing Challenge · कविता 457 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 5 Jun 2023 · 3 min read तलाक की नौबत न आने दीजिये तलाक लफ्ज ही है दर्दनाक बस इतना जान लीजिए विनती है दुनिया वालों तुमसे तलाक की नौबत न आने दीजिये । ढाई दिन की है जिंदगी एक दूसरे पर वार... Poetry Writing Challenge · कविता 198 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 5 Jun 2023 · 1 min read युवा शक्ति उठ जाग अब मेरे देश के नौजवान तेरे सोने से पूरा जग परेशान आलस की आंधी में क्यों खो रहा है । नशे की नींदों में क्यों इतना सो रहा... Poetry Writing Challenge · कविता 128 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 26 May 2023 · 1 min read ढूंढ रहा है अध्यापक अपना वो अस्तित्व आजकल अब कहाँ रह गए गुरु जी वाले किस्से कहाँ रह गयी आदर सम्मान की बातें गालियां मिलती हर मोड़ पर इन्हें कहीं मिलती ठोकर , तो कहीं पड़ती लातें मार्गदर्शन... Poetry Writing Challenge · कविता 107 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 26 May 2023 · 1 min read क्या हुआ , क्या हो रहा है और क्या होगा वैज्ञानिक रस में डूब कर, आधुनिक उन्नति खूब कर, वह प्रकृति का शासक बन बैठा । भौतिक सुखों की होड़ में, वाहनों की दौड़ में, वह पर्यावरण को दूषित कर... Poetry Writing Challenge · कविता 154 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 26 May 2023 · 1 min read आदमी की गाथा हर आदमी एक मजदूर है | कोई कम तो कोई ज्यादा मजबूर है | संघर्ष से मिलता जन्नत का नूर है | यही प्यारे दुनिया का दस्तूर है | सभी... Poetry Writing Challenge · कविता 97 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 26 May 2023 · 2 min read वाह मेरा देश किधर जा रहा है! वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है । आदमी की चादर है आधी , पैर दुगुने पसार रहा है । वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है। पीएचडी... Poetry Writing Challenge · कविता 115 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 14 May 2023 · 1 min read हारिये न हिम्मत तब तक.... हारिये न हिम्मत तब तक जब तक हड्डियों में जान बाकी है । करना है संघर्ष तुम्हें जब तक जीत का मैदान बाकी है । हारिये न हिम्मत तब तक... Poetry Writing Challenge · कविता 126 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 31 Dec 2018 · 1 min read नव वर्ष 2019 पर रचित कविता रूपी सरल सन्देश आ रही नयेपन की खुशियां नव वर्ष का मौसम आने को पकड़ी कलम ने रफ्तार सन्देश कुछ अनोखे सुनाने को जो बीत गया सो बीत गया वक्त है उसे भुलाने... Hindi · कविता 5 5 508 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 5 Dec 2018 · 2 min read जागरूक हों आज के अंधियारे युग में आंखें खुली मन मूंद लिया क्या आधुनिकता की छाया है । अन्याय हो दूसरों के संग वीडियो बना सकती है दुनिया मदद करनी हो तो कह देती ये तो प्रभु... Hindi · कविता 1 1 1k Share कृष्ण मलिक अम्बाला 17 Nov 2018 · 1 min read माँ (एक गुजारिश) नन्हें की माँ से है आज एक गुजारिश । ज्यादा कुछ नहीं बस एक छोटी सी सिफारिश । आज से एक नवजीवन की शुरुआत करे । वर्षगांठ के साथ कुछ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 80 903 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 2 Jul 2018 · 1 min read कठिनाईयों रूपी बंजर जमीं पर अर्ज किया है कठिनाईयों रूपी बंजर जमीं पर उम्मीदों का एक पौधा लगाइए तो फिर जब मेहनत का पानी देकर किस्मत रूपी फूल से सफलता रूपी फल लगेंगे तो आनंद... Hindi · हाइकु 4 4 337 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 2 Jul 2018 · 1 min read तलाश में हूँ अर्ज किया है तलाश में हूँ वो बीते लम्हें संजोने में जो तजुर्बे देकर चेहरे का नूर ले गए । Hindi · हाइकु 1 281 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 23 Jun 2017 · 4 min read शिक्षा में सुधार हेतु योजनाओं पर नहीं अपितु वास्तविकता पर ध्यान दें आज और पन्द्रह से बीस वर्ष पहले के समय पर ध्यान दें तो शिक्षा में जहाँ एक ओर सुविधाओं और संसाधनों में चकित कर देने वाला सुधार हुआ है वहीं... Hindi · लेख 1 663 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 26 Dec 2016 · 2 min read धर्म के रखवालों से करनी एक गुजारिश है । धर्म के रखवालों से करनी एक गुजारिश है । सभी धर्मों का करें वो आदर , करनी यही सिफारिश है । भगवन होते हैं एक , रूप हैं चाहे अनेक... Hindi · कविता 787 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 20 Nov 2016 · 3 min read तलाक की नौबत न आने दीजिये तलाक लफ्ज ही है दर्दनाक बस इतना जान लीजिए विनती है दुनिया वालों तुमसे तलाक की नौबत न आने दीजिये । ढाई दिन की है जिंदगी एक दूसरे पर वार... Hindi · कविता 1 1 468 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 17 Nov 2016 · 3 min read एक अपील 500 के नोट वाले हर नागरिक से एक अपील देश के नागरिकों से एक अपील खुद को दिल के साफ बताने वालों से एक अपील कुछ करने को तैयार देश के उन हस्तियों से एक अपील तनाव... Hindi · लेख 378 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 17 Nov 2016 · 1 min read अब तो छोड़ ओ मुसाफिर , हाय पैसे का जंजाल अब तो छोड़ ओ मुसाफिर हाय पैसे का जंजाल पल भर में मिटटी हो जाये मुद्रा ऐसी कमाल संचित करने में जो गुजर गए पिछले जो कई साल जी लेता... Hindi · कविता 1k Share कृष्ण मलिक अम्बाला 16 Oct 2016 · 1 min read कुछ यूँ मनाओ तुम इस बार दीवाली बाहर रौशनी तो सभी करते हैं, जिसने है भीतर जोत जगा ली । उसी को मिला है ज्ञान प्रकाश , उसी की सच्चे अर्थों में दीवाली । इधर धुआं-उधर धुआं... Hindi · कविता 1 403 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 2 Oct 2016 · 1 min read आज की बेटी कल की नारी छू रही ऊंचाइयों को आज की बेटी कल की नारी तेजी और जिंदादिली से विकास की राहों को कर रही सलाम अपनी मंजिलों की कामयाबी से संस्कृति का रखना बस... Hindi · कविता 626 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 18 Sep 2016 · 2 min read ऐसे चमकेगा विश्व में भारत का नाम भारत और दूसरे देशों के मित्रों के बीच एक मीटिंग हुई । चर्चा थी देश के बारे , सभी ने अपने अपने देश के बारे तर्क दिए , सभी ने... Hindi · लेख 1 428 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 10 Sep 2016 · 1 min read किताबों सी नहीं होती जिंदगी , असल का अलग ही अंदाज़ कल्पना में जीकर क्या करेंगे सपनों का टूटना है दुखों की किताब किताबों सी नही होती जिंदगी असल का अलग ही अंदाज़ अच्छे होते है सिद्धांत किताबी बेशक परन्तु हालातों... Hindi · कविता 2 761 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 8 Sep 2016 · 1 min read ओ मंजिल के मुसाफिर एक मित्र को जन्म दिन पर प्रोत्साहित करती एक रचना । आप भी अपने मित्र को ये पैगाम दे सकते हैं । ओ मंजिल के मुसाफिर चलते रहना सुबह और... Hindi · कविता 598 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 4 Sep 2016 · 1 min read ढूंढ रहा है हर अध्यापक ,अपना वो अस्तित्व आजकल अब कहाँ रह गए गुरु जी वाले किस्से कहाँ रह गयी आदर सम्मान की बातें गालियां मिलती हर मोड़ पर इन्हें कहीं मिलती ठोकर , तो कहीं पड़ती लातें मार्गदर्शन... Hindi · कविता 2 742 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 3 Sep 2016 · 1 min read हिम्मत जुटा कर दो टूक शब्द लिख रहा हूँ हिम्मत जुटा कर दो टूक शब्द लिख रहा हूँ बेहरूपियों के समाज में धीरे धीरे जीना सीख रहा हूँ मेरी नियत में इंसानियत है यही वर्षों से चीख रहा हूँ... Hindi · कविता 2 961 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 31 Aug 2016 · 1 min read बचा सको तो बचा लो तुम प्रकृति की काया ? लिखने को हुई जो कलम तैयार तुम भी करना जरा सोच विचार करते हो अगर प्रकृति से प्यार बातें सुन लो तुम मेरी चार जल की महिमा है अनन्त... Hindi · कविता 3 647 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 31 Aug 2016 · 1 min read लाडले देवर की प्यारी भाभी *आनंद रस में गोता लगाकर पूरी मस्ती में ताज़ी तैयार कविता का आनंद ले* *लाडले देवर की प्यारी भाभी * देवर नन्द को जो रखती राजी ऐसी है मेरी सबसे... Hindi · कविता 4 8 32k Share कृष्ण मलिक अम्बाला 31 Aug 2016 · 2 min read ओ मेरे भारत--- ???????????? ???????????? भारत माता से कुछ पूछती हुई मेरी पंक्तियाँ । मस्ती के साथ आनंद लेते हुए लीजिये इनका लुत्फ़ ओ मेरे भारत तेरा इतिहास अब बिखर गया । मन... Hindi · कविता 1 491 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 29 Aug 2016 · 1 min read जाग युवा भारत के अब तो , ले आ वापिस देश की शान को हो गयी गलतियां तुझसे अतीत में बेशक, अब तो सम्भल जा वक्त है तेरे पास बेदाग़ जिंदगी जी भोग विलास से हटकर सफल कर जिंदगी और बाकी बचे श्वास बहन... Hindi · कविता 1 789 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 28 Aug 2016 · 1 min read सफर ये जो सुहाना है । सफ़र ये जो सुहाना है होनी अनहोनी तो एक बहाना है डूबते को तूने बचाना है गिरते को उठाना है बन जाओ पर्वत शिला तुम ऐसा मुकाम तुझे पाना है... Hindi · कविता 2 440 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 28 Aug 2016 · 1 min read ऐसा अपना टीचर हो मेरी बाल्यकाल की एक रचना , पुरानी भावनाये ताजा होने पर आपसे सांझा करने का मन हुआ । ।।।।।।।।ऐसा अपना टीचर हो।।।।।।। ऐसा अपना टीचर हो अच्छा जिसका नेचर हो... Hindi · कविता 2 481 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 28 Aug 2016 · 2 min read वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है । वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है । आदमी की चादर है आधी , पैर दुगुने पसार रहा है । वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है। पीएचडी... Hindi · कविता 1 1 832 Share कृष्ण मलिक अम्बाला 26 Aug 2016 · 1 min read सिन्दूर की महिमा हर शादी शुदा बहन को समर्पित नारी शक्ति हर पल कर रही उंचाईयों के एलान पर इस आधुनिकता की भाग दौड़ में खो ली खुद की ही पहचान देखा जग... Hindi · कविता 2 6 1k Share Page 1 Next