के.आर.परमाल 'मयंक' Tag: मुक्तक 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid के.आर.परमाल 'मयंक' 20 Mar 2021 · 1 min read 'दो दिल मिलन की घड़ी आ गई' मिलन की घड़ी आ गई, समझो दो दिल मिलन की घड़ी आ गई| चाँद परछाई सागर में जब दिखने लगे, तितली फूलों से छुप-छुपके मिलने लगे| समझो दो दिल मिलन... Hindi · मुक्तक 316 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 25 Feb 2021 · 1 min read विचरते भावों को फिर पंख देते हैं विचरते भावों को चलो आज फिर पंख देते हैं, गगन में उड़ते पंछी को चलो फिर संग देते हैं| चुरा लें लो गगन सारे, चाँदनी चाँद और तारे, बिखरते चाँद-तारों... Hindi · मुक्तक 2 1 364 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 18 Feb 2021 · 1 min read सृजन तुम्हारी मुट्ठी में श्रम सार्थक अधिकारी मैं, दाना है तुम्हारी मुट्ठी में| दिन-रात अथक प्रयास मेरा, है सार तुम्हारी मुट्ठी में|| पल भर भला विश्राम कहाँ, रुक जाए सृजन, पवन रुकी इक पल... Hindi · मुक्तक 1 243 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 8 Mar 2020 · 1 min read नारी १. वैसे तो दोनों की समाज में बराबरी। एक को पुरुष कहें दूसरी को हैं नारी। शक्ति-रूप नारी है सृष्टि-रूप है नारी। माँ-बहन-बेटी, बीबी का रूप है नारी। नारी न... Hindi · मुक्तक 1 1 306 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 3 Mar 2020 · 1 min read @प्रेम रंग की होली@ 1. मन से हटा बैर और द्वेष भावना को, दिल में एकता का भाव भर लीजिए। भूलकर रंजिशें, क्रोध, लोभ, ईर्ष्या, अहंकारी भावना का नाश कर दीजिए। मोंगर,... Hindi · मुक्तक 1 2 269 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 23 Nov 2019 · 1 min read हालात मेरे देश के हालात मेरे देश के खराब हो गए, अंगूर थे ये पहले अब शराब हो गए। जब तलक थे बेल में, चैन था इन्हें। तोड़ दिया बेरहमी से, चाहिन्दों ने, चाहने... Hindi · मुक्तक 210 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 12 Nov 2019 · 1 min read *क्वाँरा दिल* 1. थे अरमान दिल के जमीं पर उतरकर, कारवाँ मोहब्बत संग-दिल बनाएँगे। महबूब की तंग-गलियों से गुजरकर, जमीं-आसमां दो दिलों से मिलाएँगे। देगा ना ग़र ये ज़माना इज़ाज़त, कसम-ए-मुहब्बत तोड़... Hindi · मुक्तक 1 323 Share