के.आर.परमाल 'मयंक' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid के.आर.परमाल 'मयंक' 18 Apr 2021 · 1 min read समता-मसीहा कलम ने जिसकी सम्पूर्ण जग में, बिखेर दिए हैं जलवे अपने | करो नमन उसको देशवासी, जिसकी बदौलत समता यहाँ है ||1|| तुम्हारी नियत में खोट लगता, इसलिए समता मिटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 316 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 28 Mar 2021 · 1 min read 'सुन्दर वितान' भीमराव अम्बेडकर जी ने, सबसे सुन्दर विधान रचा है| जाति-पाँति मतभेद मिटाकर, समतामूलक वितान रचा है| दुर्दिन दूर करन की खातिर, पिछड़ों का अधिकार रचा है| नारी - दलित उद्धारन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 543 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 1 Mar 2021 · 1 min read *प्रिये तुम्हारे बिना* सूना सूना लगा सारा जग तुम्हारे बिना, ज़हर-सा लगा हर पल तुम्हारे बिना| मछली जैसे है तड़पती पानी के बिना, आसमान अधूरा जैसे चाँद-तारे बिना| नदिया हो बेढब जैसे किनारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 420 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 24 Feb 2021 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल बीहड़ कटीली राह में तुम ढूँढ़ते हो क्या, पत्थर दिलों-से कभी पसीजते हैं क्या ! लाख करो कोशिश सिर मारने की तुम, बेईमान कानों में भी जूँ रेंगती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 251 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 23 Feb 2021 · 1 min read मुझे देखिए चलता ही जा रहा हूँ!! मुझे देखिए चलता ही जा रहा हूँ, ग़मों को समूल मिटाता ही जा रहा हूँ | हसरत लिए दिल सदा जीतने की, मोहब्बत से नफ़रत हटाता जा रहा हूँ ||१||... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 266 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 4 Feb 2021 · 1 min read *पाषाण दिल* बीहड़ कटीली राह में तुम ढूँढ़ते हो क्या, पत्थर दिल भी कभी पसीजते हैं क्या ! लाख करो कोशिश सिर पटकने की तुम, बेईमान कानों में भी जूँ रेंगती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 5 316 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 21 Jan 2021 · 1 min read 'अनुशासन अच्छा चाहिए' शासन अच्छा चाहिए, अनुशासन अच्छा चाहिए| जीवन सफल बनाना है तो, स्वशासन अच्छा चाहिए|| रहो फ्री ना, करो कोई पेशा, कद्र समय की करो हमेशा| पेशा हेतु भी तो, अनुशासन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 264 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 20 Aug 2020 · 1 min read कबहिं खुलेगा स्कूल..! कबहिं खुलेगा स्कूल,पापा कबहिं खुलेगा स्कूल..! अ आ इ ई उ ऊ ऋ ऋषि, ए.बी. सी. गया भूल....! पापा कबहिं ....! वन टू वाली मैडम जी का, चेहरा रहा न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 283 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 10 Jun 2020 · 1 min read *वक्त की नज़ाकत* वक्त-वक्त का तकाजा है, पुराना तो कभी ज़ख्म ताजा है, हैरान है दुनिया वक्त की इस नज़ाकत से, टी बी, केंसर, हैजा, अब कोरोना से नवाजा है|| मुरीद फिर भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 296 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 1 Mar 2020 · 1 min read 'एक ठान मुक़म्मली' कोशिशें बेहिसाब कीं मुक़म्मल करने की, ज़िन्दगी तेरा हिसाब ज़रा उलझा है। दे जाती तू मायूसी हर वक़्त गैरों की तरह, मुझे तक़दीर तूने जाने क्या समझा है। चल ठन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 224 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 3 Dec 2019 · 1 min read *अर्द्धांगिनी* मेरे दिल की अंतरंग तरंग हो तुम, दूर रहकर भी मेरे संग-संग हो तुम। भूल जाता हूँ सारी दुनिया तुम्हें पाकर, मेरे जीवन का अभिन्न अंग हो तुम। नहीं कहते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 530 Share के.आर.परमाल 'मयंक' 9 Oct 2019 · 1 min read *विरह की शमा में* तुम्हारे विरह की श़मा में जल रहा हूँ, तुम्हारी यादों के संग-संग चल रहा हूँ ! ख़लने लगा हूँ अब तो दोस्तों को अपने, वे सोचते हैं कि मैं बेढंग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 220 Share